खाप पंचायत की 'तानाशाही', पीड़ित युवक का पीएम से गुहार
जयपुर। एक निकाह का विवाद झुंझुनूं की खाप पंचायत में पहुंचा है, जहां उनपर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगा है। पंचायत ने युवक के परिवार को समाज से बेदखल करने का फरमान जारी कर दिया है। पीड़ित युवक ने इस मामले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगायी है।सुप्रीम कोर्ट ने भले ही खाप पंचायतों के फैसलों पर रोक लगा रखी हो, लेकिन अब भी खाप पंचायतें मनमाने फैसले देकर तानाशाही कर रही हैं। झुंझुनूं के चिड़ावा इलाके में पिछले 15 नवंबर को खाप पंचायत हुई, जिसमें शेख चौबदार समाज के लोग एकत्र होकर पंचायती की। मामला दिल्ली में रहने वाले युवक और मुंबई में रहने वाली एक युवती के सात साल पहले हुए निकाह के बाद उपजे विवाद को लेकर था। जबकि दोनों की एक संतान भी है।
खाप पंचायत ने पूरे परिवार को किया बेदखल
बताया जाता है कि शादी के बाद इन दोनों के बीच उपजे विवाद का मसला खाप पंचायत पहुंचा। जहां, पंचों ने युवक के परिजनों के खिलाफ पूरे परिवार को समाज से बेदखल करने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद पीड़ित युवक ने न्यायालय में खाप पंचायत के फैसले के खिलाफ न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
पीड़ित युवक का पीएम-सीएम से गुहार
इतना ही नहीं, इस घटना के विरोध में पीड़ित ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखा है। जिसमें 15 दिसंबर को दोबारा होने वाली खाप पंचायत में उनपर समाज से बेदखल करने के साथ भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। लेकिन बात बाहर निकलने क बाद पंचों ने यह फैसला टाल दिया है।
बताया जाता है कि इस घटना की एक वीडियो वायरल हुई है। वहीं, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार के मुताबिक अभी तक थाने में कोई शिकायत नहीं आई है। वायरल वीडियो के आधार पर ही जांच की जा रही है, जिसमें खाप पंचायत की बैठक होने की बात सामने आई है
खाप पंचायत ने पूरे परिवार को किया बेदखल
बताया जाता है कि शादी के बाद इन दोनों के बीच उपजे विवाद का मसला खाप पंचायत पहुंचा। जहां, पंचों ने युवक के परिजनों के खिलाफ पूरे परिवार को समाज से बेदखल करने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद पीड़ित युवक ने न्यायालय में खाप पंचायत के फैसले के खिलाफ न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
पीड़ित युवक का पीएम-सीएम से गुहार
इतना ही नहीं, इस घटना के विरोध में पीड़ित ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखा है। जिसमें 15 दिसंबर को दोबारा होने वाली खाप पंचायत में उनपर समाज से बेदखल करने के साथ भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। लेकिन बात बाहर निकलने क बाद पंचों ने यह फैसला टाल दिया है।
बताया जाता है कि इस घटना की एक वीडियो वायरल हुई है। वहीं, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार के मुताबिक अभी तक थाने में कोई शिकायत नहीं आई है। वायरल वीडियो के आधार पर ही जांच की जा रही है, जिसमें खाप पंचायत की बैठक होने की बात सामने आई है
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