दक्षिणी सेना ने रेगिस्तान में ‘हमेषा विजयी’ युद्धाभ्यास किया
जयपुर, शुक्रवार, 22 दिसम्बर 2017
दक्षिणी कमान सेना ने रेगिस्तान में किए जाने वाले युद्धाभ्यास को दिनांक 22 दिसम्बर 2017 को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस अभ्यास को जनरल बिपिन रावत, सेनाध्यक्ष द्वारा दिनांक 21 तथा 22 दिसम्बर 2017 को समीक्षा की गयी।
सर्वलेन्स और नेटवर्क केन्द्रियता पर बल देते हुए अनेक हवाई और भूमि आधारित सर्वलेन्स उपकरण लगाए गए ताकि उनसे सूचना प्राप्त करके कमाण्डरों को बड़े पैमाने पर जानकारी दी जा सके। इसके अतिरिक्त कई इलैक्ट्र्ोनिक युद्ध उपकरण और नए युग के अन्य फोर्स मल्टीप्लायर्स तकनीक में शामिल किए गए ताकि विरोधी के बारे में प्राप्त सूचना के उपर शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही की जा सके। उसके बाद, मध्यम और लम्बी दूरी के हथियारों के साथ-साथ वायु शक्ति का प्रयोग दुष्मन को नेस्तनाबूत करने के लिए किया गया। इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम कर एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।
अभ्यास को बारीकी से देखने के बाद सेनाध्यक्ष ने सेना को युद्ध की तैयारी और आॅपरेषनल युद्धाभ्यास के साथ योजना बनाने के लिए सराहना की तथा अभ्यास के दौरान सैनिकों द्वारा प्राप्त उच्चतम प्रषिक्षण के लिए सेना की प्रषंसा की।
दक्षिण कमान के आर्मी कमाण्डर, ले. जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस अभ्यास के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया तथा कई महत्वपूर्ण सीख ली गयी जो सेना की आॅपरेषनल योजनाओं और कार्यप्रणालियों को सरल एवं कारगर बनाएगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दक्षिण कमान की सेना के कौषल पर उन्हें विष्वास है तथा किसी भी परिस्थिति में आवष्यकता पड़ने पर वह अपने साहस का परिचय देगी।
जयपुर, शुक्रवार, 22 दिसम्बर 2017
दक्षिणी कमान सेना ने रेगिस्तान में किए जाने वाले युद्धाभ्यास को दिनांक 22 दिसम्बर 2017 को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस अभ्यास को जनरल बिपिन रावत, सेनाध्यक्ष द्वारा दिनांक 21 तथा 22 दिसम्बर 2017 को समीक्षा की गयी।
सर्वलेन्स और नेटवर्क केन्द्रियता पर बल देते हुए अनेक हवाई और भूमि आधारित सर्वलेन्स उपकरण लगाए गए ताकि उनसे सूचना प्राप्त करके कमाण्डरों को बड़े पैमाने पर जानकारी दी जा सके। इसके अतिरिक्त कई इलैक्ट्र्ोनिक युद्ध उपकरण और नए युग के अन्य फोर्स मल्टीप्लायर्स तकनीक में शामिल किए गए ताकि विरोधी के बारे में प्राप्त सूचना के उपर शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही की जा सके। उसके बाद, मध्यम और लम्बी दूरी के हथियारों के साथ-साथ वायु शक्ति का प्रयोग दुष्मन को नेस्तनाबूत करने के लिए किया गया। इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम कर एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।
अभ्यास को बारीकी से देखने के बाद सेनाध्यक्ष ने सेना को युद्ध की तैयारी और आॅपरेषनल युद्धाभ्यास के साथ योजना बनाने के लिए सराहना की तथा अभ्यास के दौरान सैनिकों द्वारा प्राप्त उच्चतम प्रषिक्षण के लिए सेना की प्रषंसा की।
दक्षिण कमान के आर्मी कमाण्डर, ले. जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस अभ्यास के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया तथा कई महत्वपूर्ण सीख ली गयी जो सेना की आॅपरेषनल योजनाओं और कार्यप्रणालियों को सरल एवं कारगर बनाएगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दक्षिण कमान की सेना के कौषल पर उन्हें विष्वास है तथा किसी भी परिस्थिति में आवष्यकता पड़ने पर वह अपने साहस का परिचय देगी।
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