गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

बाड़मेर। मुनि शौर्यरत्नसागर व साध्वी नम्रतांजना की बड़ी दीक्षा विधि सम्पन्न

बाड़मेर। मुनि शौर्यरत्नसागर व साध्वी नम्रतांजना की बड़ी दीक्षा विधि सम्पन्न

रिपोर्ट :- चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ / बाड़मेर 

बाड़मेर। कभी धर्म और कर्म के क्षेत्र के नाम पर बंजर कहा जाने वाले पश्चिमी राजस्थान के अंतिम छोर पर बसा बाड़मेर जिला अब धर्म और कर्म के नाम पर बंजर नहीं रहा एक तरफ धरती से अखूट मात्र में तेल ओर कोयला निकल रहा है वहीं दूसरी ओर धर्म के क्षेत्र में धर्म की धरा कहे जाने वाले बाड़मेर में इन दिनों जैन धर्म मे दीक्षा के अहम आयोजन परवान पर है। बाड़मेर में उपधान तप के भव्य आयोजन के बाद चौहटन में मुमुक्षु लोकेश गोलछा की भव्य व ऐतिहासिक दीक्षा व गुड़ामालानी में 250 वर्ष के इतिहास के बाद मुमुक्षु निकिता बोहरा की ऐतिहासिक दीक्षा सम्पन्न होने के साथ ही बुधवार को गुड़ामालानी नगर नूतन मुनि शौर्यरत्न सागर जी म.सा. व नूतन साध्वी नम्रतांजना श्रीजी म.सा. की बड़ी दीक्षा का खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। 


सैकड़ों की तादाद में मौजद लोगों ने संयम धर्म त्याग धर्म के जयनाद के साथ वातावरण संयममय बना दिया। गुड़ामालानी नगर(बाड़मेर) में मुनि श्री शौर्यरत्न सागर जी म.सा. व नूतन साध्वी श्री नम्रतांजना श्रीजी म.सा. की बड़ी दीक्षा परम पूज्य खरतरगच्छाचार्य श्री जिनपीयूष सागर सूरीश्वरजी म.सा. के वृहदहस्तों से व साध्वी श्री सुरंजना श्रीजी म.सा. व साध्वी श्री प्रगुणा श्रीजी म.सा. के पावन सान्निध्य में सुखसागर संयम वाटिका में श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ गुड़ामालानी के तत्वावधान में धूमधाम से सम्पन्न हुई। इस अवसर अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने परमात्मा की साक्षी में चतुर्थ आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत स्वीकार किया।



मुनि जीवन का एयर कंडीशनर है मैत्री, करुणा, प्रेम, दया व प्रमोद भाव- जैनाचार्य श्री जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी महाराज ने सुखसागर संयम वाटिका में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई जीवन यापन करता है तब उसे सभी प्रकार की सुख साधन की सामग्री का संग्रह करना पड़ता है ताकि उन्हें जीवन में कोई परेशानी न हो, उसी तरह नूतन मुनिराज व साध्वी ने भी अपने संयम जीवन की उत्तम सामग्री का चयन किया है। आज आपके घरों में डिनर सेट है तो इन नूतन दीक्षित भाग्यशालियों के हाथ मे गौतम स्वामी के लब्धिनिधान पात्रों का सेट है। आपके घरों में मनोरंजन के लिए टी.वी. सेट है, तो इनके पास आत्मरंजन करने के लिये, स्वयं को देखने के लिये आगमों का सेट है। आपके पास स्मृति को मानस पर उभारने के लिये, वापस उसकी यादगार बनाने के लिये, याद को ताजा करने के लिए वीडियो सी.डी. प्लेयर है तो इनके पास आत्म स्वरूप को निहारने के लिये, स्वयं को देखने के लिये जिनदर्शन की सी डी है जिससे ये अपने निज स्वरूप को भी निहार सकते है, देख सकते है और निज दर्शन भी कर सकते है। आपके पास हर फेसिलिटी से युक्त किराये का बंगला है तो इनके पास ऐसा बंगला है जो संयम, स्वाध्याय, सेवा से युक्त आत्मा को कंप्लीट फेसिलिटी देने वाला बंगला है। बंगलों में वातावरण को अनुकूल बनाने वाला ए सी है तो इनके पास हर परिस्थिति में समभाव धारण कराने वाला मैत्री, प्रेम, करुणा, दया, प्रमोद भावों का ए सी है। कार्यक्रम में मुनि श्री सम्यकरत्न सागर जी महाराज, साध्वी सिद्धांजना श्रीजी ने संबोधित किया व साध्वी मुक्तांजना श्रीजी व नगर निवासी सोहनलाल बरमेचा ने मारवाड़ी अंदाज में एकर बार आओ गुरूसा बारम्बार आओ... मधुर गीतिका साथ ही संगीतकार नितिन जैन ने संयममय भजनों की प्रस्तुति दी।

बाड़मेर नगर में सन 2018 के चातुर्मास की विनंती- चंद्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि खरतरगच्छ संघ द्वारा आचार्य भगवंत, साध्वी भगवंत व नूतन साधु साध्वीजी को काम्बली उठाई गई। इस अवसर पर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति बाड़मेर द्वारा साध्वी श्री सुरंजना श्रीजी म.सा. को आगामी 2018 चातुर्मास बाड़मेर नगर में करवाने की विनंती आचार्य श्रीजी से की गई। मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेतांबर संघ नगर के पदाधिकारियों ने आचार्य भगवंत व साध्वी जी भगवंत को नगर में पधारने की विनंती की जिसे स्वीकार कर आचार्य भगवंत 15 दिसंबर को नगर की ओर विहार करेंगे।

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