पद्मावती फिल्म के विरोध में चित्तौड़गढ़ किला बंद, प्रदर्शन में हुई फायरिंग
चित्तौड़गढ़/जयपुर.संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे संगठनों ने शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ किला टूरिस्ट्स के लिए एक दिन बंद करवा दिया। किसी आंदोलन को लेकर यह किला पहली बार बंद किया गया है। इस मुद्दे पर सभी संगठन एकजुट हो गए हैं। सर्व समाज ने कहा कि शुक्रवार शाम तक सरकार से कोई सकारात्मक जवाब ना मिलने पर आगे की कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा। दूसरी तरफ, किलाबंदी से टूरिस्ट्स निराश हैं। उधर, किले पर निकाली जार रही रैली के दौरान किसी शख्स ने फायरिंग भी की।
सर्व समाज के आंदोलन से जुड़े जौहर स्मृति संस्थान के प्रेसिडेंट उम्मेद सिंह धौली के मुताबिक, किला टूरिस्ट्स के लिए एक दिन बंद किया गया है। हालांकि, यहां रहने वालों को नहीं रोका जाएगा।
- इस बीच, रेलवे ने शाही ट्रेन के टूरिस्ट्स को सीधे उदयपुर ले जाने का फैसला किया है।
- बता दें कि सर्व समाज ने वॉर्निंग दी थी कि 16 नवंबर तक फिल्म पर बैन नहीं लगा तो 17 नवंबर को किले में टूरिस्ट्स की एंट्री बंद कर दी जाएगी।
हवाई फायर किया, कहा- तोपें भी चलेंगी
- चित्तौड़गढ़ किले पर निकाली जा रही रैली के दौरान किसी शख्स ने एक हवाई फायर किया। फायर करने वाले व्यक्ति के बारे में पुलिस फिलहाल जांच कर रही है। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कहा कि अभी तो बंदूकें ही चली हैं आने वाले वक्त में तोपें भी चलेंगी।
'हमें भड़काओ मत'
- राजपूत करणी सेना के प्रेसिडेंट लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा की मत भड़काओ हमें, ये फिल्म नहीं लगने देंगे। जोश है, होश खो देने वाली स्थिति है।
गुरुवार को जारी रही गहमा-गहमी
- पाडनपोल पर गुरुवार को भी धरना जारी रहा। राजपूत समाज की महिलाओं ने किले के नीचे बने जौहर भवन में वेदियों में आग जलाकर गुस्सा जताया। फिर तलवारें लिए किले पर पहुंच गईं।
- उन्होंने चेतावनी दी, "सम्मान मिटा जिंदा रहने की हसरत मिट जाएगी, लेकिन ज्वाला से लिखी हुई तारीख मिट पाएगी।"
आंदोलन को लेकर पहली बार बंद किला
- किसी आंदोलन की वजह से इस किले को पहली बार टूरिस्ट्स के लिए बंद किया गया है।
- इससे पहले यह किला 1992, 2002 और 2008 में शहर में कर्फ्यू या सांप्रदायिक तनाव की वजह से बंद किया गया था।
फिल्म पद्मावती को लेकर क्या आपत्ति है?
- राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
- राजपूत करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, रिलीज से पहले यह फिल्म पार्टी के राजपूत रिप्रेजेंटेटिव्स को दिखाई जानी चाहिए।
- राजस्थान के राजघराने भी फिल्म के विरोध में हैं। उन्होंने इसके एक गाने में घूमर नृत्य के दौरान दीपिका के पहनावे पर सवाल उठाए हैं।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
- राजस्थान में इस फिल्म की शूटिंग के दौरान इसके विरोध की शुरुआत हुई थी। शूटिंग के वक्त राजपूत करणी सेना ने कई जगह प्रदर्शन किए थे और पुतले फूंके थे। जयपुर में शूटिंग के दौरान कुछ लोगों ने संजय लीला भंसाली से बदसलूकी की थी, जिसके बाद कोल्हापुर में फिल्म का सेट लगाया तो इसे जला दिया गया। इसके बाद मूवी का विरोध देशभर में बढ़ता गया।
कई राजघराने भी विरोध में
- राजस्थान के कई राजपूत घराने भी इस फिल्म के विरोध में हैं। जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने पिछले दिनों इस फिल्म के खिलाफ सिग्नेचर कैम्पेन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस कैम्पेन में ज्यादा से ज्यादा लोगों और ऑर्गनाइजेशन को जोड़ने के लिए इसे डिविजन लेवल पर भी ऑर्गनाइज किया जाएगा।
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