रविवार, 26 नवंबर 2017

हॉस्पिटल से मां को डिस्चार्ज कराने के लिए बच्चे ने मांगी भीख, सांसद ने की मदद

हॉस्पिटल से मां को डिस्चार्ज कराने के लिए बच्चे ने मांगी भीख, सांसद ने की मदद

हॉस्पिटल से मां को डिस्चार्ज कराने के लिए बच्चे ने मांगी भीख, सांसद ने की मदद
पटना.हॉस्पिटल में भर्ती मां की छुट्टी कराने और बिल चुकाने के लिए 10 साल के कुंदन ने कई दिन तक गांव-गांव जाकर भीख मांगी। कुछ लोगों ने जब बच्चे से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। घटना बिहार की राजधानी पटना की है, यहां के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला को करीब 13 दिन पहले भर्ती कराया गया था। फैमिली का आरोप है कि डॉक्टरों ने उन्हें 70 हजार रुपए का बिल दिया। किसी तरह उन्होंने 50% बिल पेमेंट कर दिया। इसके बाद भी डॉक्टरों ने महिला को हॉस्पिटल से जाने की इजाजत नहीं दी। उसे कई दिन तक रोके रखा और ऑपरेशन के बाद टांके भी नहीं काटे। रविवार को मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव हॉस्पिटल पहुंचे और पुलिस को बुलाकर महिला की छुट्टी कराई।
प्रेग्नेंट महिला को 16 दिन पहले दर्द उठा था
- जानकारी के मुताबिक, महिला और उसकी फैमिली मधेपुरा के हनुमान नगर इलाके में रहती है। 16 दिन पहले उसे अचानक पेट में दर्द उठा। फैमिली उसे सहरसा के एक हॉस्पिटल में ले गई। वहां डॉक्टरों ने बताया कि महिला के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई है। उन्होंने इलाज के लिए पटना जाने की बात कही।
- वहां डॉक्टर ने 5 हजार रुपए जमा करा लिए और महिला को पटना के हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। यहां उसका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने इलाज के बदले फैमिली को 70 हजार का बिल थमा दिया।
- फैमिली का आरोप है कि जब उन्होंने आधा बिल चुकाने के बाद घर जाने की बात कही, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें रोक लिया। पैसे ना देने पर महिला के टांके तक नहीं काटे। इस बीच उनका 10 साल का बेटा कुंदन पैसा जुटाने के लिए गांव-गांव जाकर भीख मांगने लगा।
बिना परमिशन के चल रहा था हॉस्पिटल
- मामले की जानकारी मिलने पर मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव रविवार को पटना पहुंचे। पुलिस और सिविल सर्जन को हॉस्पिटल बुलाकर डॉक्टरों से बात की। महिला का बकाया बिल माफ कराने के बाद उसे एम्बुलेंस से गांव भेजा गया।
- सिविल सर्जन ने जब दस्तावेजों की जांच की तो सामने आया कि हॉस्पिटल के बिना लाइसेंस और परमिशन के चल रहा था।
सांसद ने कहा- हॉस्पिटल पर कार्रवाई हो
- सांसद पप्पू यादव ने कहा, ''बिहार की राजधानी में कई हॉस्पिटल चल रहे हैं, जिनके पास लाइसेंस नहीं है। डॉक्टर लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर इलाज के नाम वसूली करते हैं। मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बदले एम्बुलेंस वाले कमीशन लेते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्स कार्रवाई होनी चाहिए।''

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