रविवार, 26 नवंबर 2017

पति ने प्रग्नेंसी में 10 लड़कों से कराया था गैंगरेप, Wife ने सुनाई दर्दनाक दास्तां

पति ने प्रग्नेंसी में 10 लड़कों से कराया था गैंगरेप, Wife ने सुनाई दर्दनाक दास्तांपति ने प्रग्नेंसी में 10 लड़कों से कराया था गैंगरेप, Wife ने सुनाई दर्दनाक दास्तां
आगरा. यूपी के आगरा में एक महिला अपने साथ हुए गैंगरेप के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए महीनों से भटक रही है। इस मामले में उसने सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई कार्रपृवाई नहीं हुई। आरोप है, पति ने 3 तलाक का विरोध करने पर उसे घर में कैद रखा और प्रेग्नेंसी के दौरान अपने सामने 10 लड़कों से उसका गैंगरेप कराया। इससे उसकी बच्चेदानी फट गई। महिला ने सुनाई दास्तां... मामला शाहगंज आजम पाड़ा थाना क्षेत्र का है। शबनम (काल्पनिक नाम) की शादी 21 अप्रैल 2014 को सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र की रहने वाले जावेद हुसैन से हुई थी।

- शबनम के मुताबिक, ''18 अक्टूबर 2016 को जब आगरा मुख्यालय पर कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा तीन तलाक के पक्ष में महिलाओं की रैली निकाली जा रही थी, तो जावेद ने शबनम को रैली में शामिल होने को कहा।''

- ''रैली में जाने वाली महिलाओं को पैसे भी मिल रहे थे। इस सबके बावजूद मैंने जावेद से कहा- तीन तलाक औरतों के लिए गलत है और मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। इसके बाद पति ने शरीयत का हवाला दिया। उसे भी मैंने नहीं माना।''

- ''इसके बाद मुझे मारा-पीटा गया और कमरे में बंद कर दिया गया। लगातार दो रात 3-3 युवकों द्वारा मेरा गैंगरेप कराया। उस समय मैं 2 महीने से प्रेग्नेंट थी। गैंगरेप होने से मेरा बच्चा गिर गया।''

- ''मैं कमरे में बदं थी। किसी राहगीर ने मेरे चीखने की आवज सुनी और पुलिस को लेकर आ गया। पुलिस ने मुझे वहां से निकाल कर शाहगंज थाने पहुंचाया।''




पति ने 10 लड़कों से अपने सामने कराया था गैंगरेप

- ''उस दौरान के मेरे दो फोटो वायरल भी हुईं। इसमें एक में मेरे हाथ-पैर बंधे हुए हैं और दूसरी में मेरे पीठ पर पिटाई के निशान हैं।''

- ''पुलिस ने मामले को दबाते हुए मुझे वापस ससुरालियों के साथ भेज दिया। जहां मुझे फिर से कैद कर दिया गया। मैंने चुपचाप किसी तरह पति की कैद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी।''

- ''इसका जवाब 15 सितंबर 2016 को जवाब आ गया। जो ससुरालियों के हाथ लग गया। इसके बाद क्या था उन्होंने मुझे और अधिक कैद कर रखना शुरू कर दिया।''

- ''1 जनवरी को मेरे पति की मौजूदगी में 10 लोगों मुझे गैंगरेप किया। इस दौरान एक बार फिर मेरा गर्भपात हो गया। मुझे जबरन शराब पिला कर रखा जाता था, ताकि मैं बेहोश रहूं।''

- ''फरवरी को जैसे-तैसे मैं वहां से निकली तो राहगीरों की मदद से पुलिस तक पहुंची। पुलिस ने दबाव बनाया- जब पति ही गैंगरेप में शामिल है, तो क्या करेगी। वापस जा, वहीं रह।''

- ''इसके बाद मैं मायके चली गई। 2 फरवरी को आला अधिकारियों के पास गई फिर भी केस दर्ज नहीं हुआ।''

18 अक्टूबर से पुलिस के सज्ञान में आ चुके मामले में 4 जून 2017 को केस दर्ज

- ''18 मई को मैंने लखनऊ जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की, तो केस जांच की श्रेणी में आया और 2 जून को जब पुलिस मुझे घटना स्थल पर ले गई तो वहां पुलिस की मौजूदगी में मुझे महिलाओं ने मारा और शरीयत को न मानने पर सजा के रूप में मारना सही बताया।''

- ''जैसे-तैसे पुलिस ने मेरी जान बचाई और फिर उनकी रिपोर्ट के आधार पर 4 जून को पति जावेद, साथी एजाज, जाहिद, जाकिर, अब्दुल समेत चार अज्ञात पर 376डी (गैंगरेप) 342, 504, 315(गर्भपात) 323, 120-बी का केस दर्ज हुआ।''

6 महीने बाद मेडिकल टेस्ट में शरीर में मिले थे गहरे जख्म

- शबनम के मतुाबिक, घटना के 5 महीने बाद केस दर्ज हुआ और उसके 1 महीने बाद पीड़िता का मेडिकल हुआ। मेडिकल में 6 महीने बाद भी उसकी बच्चेदानी फटने, गर्भपात होने और बुरी तरह रेप होने की रिपोर्ट सामने आई थी। इसके बाद भी उसे 164 के बयान के लिए मशक्कत करनी पड़ी।

- इतना होने के बाद भी जब आरोपि‍यों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो उसने पीएम को चिट्ठी लिखी और पीएमओ से इसी महीने जवाब आया कि पीड़िता की मदद की जाए। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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