जयपुर एक नवम्बर से खुलेगा छात्रवृत्ति का आवेदन करने का पोर्टल
बाड़मेर, 6 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृतियां एवं भुगतान की समीक्षा करते हुए बताया कि शिक्षा सत्र 2017-18 के उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र ऑनलाइन भरने के लिए एक नवम्बर से 31 दिसम्बर, 2017 तक पोर्टल खोला जायेगा।
उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक लंबित छात्रवृत्तियों के प्रकरणों को 31 अक्टूबर, 2017 तक हर संभव निस्तारण करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जो अधिकारी इसमें देरी करेगा उनको चार्जशीट दी जायेगी। उन्होंने बताया कि विभाग का प्रयास है कि जिस वर्ष की छात्रवृत्ति उसी वर्ष छात्र को मिले इसके लिए सभी को गम्भीरता से काम करना है। उन्होंने ओबीसी एवं ईबीसी की छात्रवृत्तियों के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में संचालित पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन प्रमाणीकरण शिविरों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह प्रमाणीकरण शिविर दो चरणों में 25 सितम्बर से 31 अक्टूबर, 2017 एवं एक नवम्बर, 2017 से 31 दिसम्बर, 2017 तक। प्रथम चरण में 5 प्रकार के विशेष योग्यजनों का प्रमाणीकरण, यू.डी.कार्ड एवं निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। दूसरे चरण में सभी 21 तरह के विशेष योग्यजनों को निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जिले में पंजीकृत विशेष योग्यजनों का आनलाइन चिकित्सा विभाग को फॉरवर्ड करें। डॉ. शर्मा ने पेंशन योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में 2 अक्टूबर, 2017 से पेंशन के आवेदन पत्रों का आनलाइन भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। प्रदेश में 60 लाख पेंशनरों को विभाग द्वारा पेंशन दी जाती है। इसकी जिला कलेक्टर के निर्देश में प्रभावी मॉनीटरिंग कर जरूरतमंदों को समय पर पेंशन स्वीकृत होकर खातों में भुगतान हो सके। उन्होंने पालनहार योजना में लम्बित भुगतान को तत्काल करने के भी निर्देश दिये।
आज होगी छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में अभिभावकों की मीटिंग
उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक लंबित छात्रवृत्तियों के प्रकरणों को 31 अक्टूबर, 2017 तक हर संभव निस्तारण करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जो अधिकारी इसमें देरी करेगा उनको चार्जशीट दी जायेगी। उन्होंने बताया कि विभाग का प्रयास है कि जिस वर्ष की छात्रवृत्ति उसी वर्ष छात्र को मिले इसके लिए सभी को गम्भीरता से काम करना है। उन्होंने ओबीसी एवं ईबीसी की छात्रवृत्तियों के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में संचालित पं. दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन प्रमाणीकरण शिविरों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह प्रमाणीकरण शिविर दो चरणों में 25 सितम्बर से 31 अक्टूबर, 2017 एवं एक नवम्बर, 2017 से 31 दिसम्बर, 2017 तक। प्रथम चरण में 5 प्रकार के विशेष योग्यजनों का प्रमाणीकरण, यू.डी.कार्ड एवं निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। दूसरे चरण में सभी 21 तरह के विशेष योग्यजनों को निःशक्तता प्रमाण पत्र जारी किये जायेंगे। उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जिले में पंजीकृत विशेष योग्यजनों का आनलाइन चिकित्सा विभाग को फॉरवर्ड करें। डॉ. शर्मा ने पेंशन योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिला अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में 2 अक्टूबर, 2017 से पेंशन के आवेदन पत्रों का आनलाइन भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। प्रदेश में 60 लाख पेंशनरों को विभाग द्वारा पेंशन दी जाती है। इसकी जिला कलेक्टर के निर्देश में प्रभावी मॉनीटरिंग कर जरूरतमंदों को समय पर पेंशन स्वीकृत होकर खातों में भुगतान हो सके। उन्होंने पालनहार योजना में लम्बित भुगतान को तत्काल करने के भी निर्देश दिये।
आज होगी छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में अभिभावकों की मीटिंग
बाड़मेर, 6 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित सभी छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में रह रहे छात्रों के अभिभावकों की 7 अक्टूबर को 11 से 2 बजे तक मीटिंग का आयोजन किया जायेगा।
इस सम्बन्ध में शुक्रवार को विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला अधिकारियों, आवासीय विद्यालयों के प्राचार्यों, छात्रावास अधीक्षकों एवं सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों से संवाद कर अभिभावकों की मीटिंग के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। इस अवसर पर अभिभावक और प्रधानाचार्य व छात्रावास अधीक्षक के मध्य बेहतर समन्वयन स्थापित होकर सामुदायिक सहभागिता को बल मिलता है। अभिभावक दिवस के आयोजन से अभिभावक, प्रधानाचार्य व छात्रावास अधीक्षक, आवासीय विद्यालय के मध्य परस्पर वार्तालाप होने से छात्रावास व आवासीय विद्यालयों में आवासरत व अध्ययनरत् विद्यार्थियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधि, अध्ययन का सतत्, अनुशासन के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त होगा।
उन्होंने जिलाधिकारी, प्रधानाचार्य, आवासीय विद्यालयों को समस्त छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों में त्रैमासिक रूप अभिभावक बैठक आयोजन किये जाने के निर्देश दिये। जिससे अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा की प्रगति से अवगत करवाया जा सके, बच्चों के नामांकन, उपस्थिति व ठहराव में वृद्धि होने के साथ साथ घर पर पढ़ने व सीखने का माहौल बनाने में अभिभावक सहयोग करेें तथा विद्यालय, छात्रावास के संचालन में अभिभावकों की भागीदारी में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। डॉ. शर्मा ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अभिभावकों की बैठक में अभिभावकों को छात्रावासों व आवासीय विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाओं रहने, खाने-पीने, भवन की स्थिति, शौचालय की स्थिति की जानकारी देने के साथ बच्चे की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति की जानकारी देंगे। बच्चों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन मीनू की जानकारी देने के साथ छात्रावास भवन का भ्रमण करायेंगे। उन्होंने अभिभावकों की बैठक में स्थानीय जन प्रतिनिधियों, स्कूलों के प्रधानाचार्य व भामाशाहों को आमंत्रित कर छात्रावास में जरूरत का सामान दान करने के लिए प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिये। निदेशक ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मचारी आदेशों की अवहेलना करता है और अनुशासन तोड़ता है उसे तत्काल एपीओ कर निदेशालय भिजवायें।
इस सम्बन्ध में शुक्रवार को विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला अधिकारियों, आवासीय विद्यालयों के प्राचार्यों, छात्रावास अधीक्षकों एवं सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों से संवाद कर अभिभावकों की मीटिंग के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। इस अवसर पर अभिभावक और प्रधानाचार्य व छात्रावास अधीक्षक के मध्य बेहतर समन्वयन स्थापित होकर सामुदायिक सहभागिता को बल मिलता है। अभिभावक दिवस के आयोजन से अभिभावक, प्रधानाचार्य व छात्रावास अधीक्षक, आवासीय विद्यालय के मध्य परस्पर वार्तालाप होने से छात्रावास व आवासीय विद्यालयों में आवासरत व अध्ययनरत् विद्यार्थियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधि, अध्ययन का सतत्, अनुशासन के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त होगा।
उन्होंने जिलाधिकारी, प्रधानाचार्य, आवासीय विद्यालयों को समस्त छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों में त्रैमासिक रूप अभिभावक बैठक आयोजन किये जाने के निर्देश दिये। जिससे अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा की प्रगति से अवगत करवाया जा सके, बच्चों के नामांकन, उपस्थिति व ठहराव में वृद्धि होने के साथ साथ घर पर पढ़ने व सीखने का माहौल बनाने में अभिभावक सहयोग करेें तथा विद्यालय, छात्रावास के संचालन में अभिभावकों की भागीदारी में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। डॉ. शर्मा ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अभिभावकों की बैठक में अभिभावकों को छात्रावासों व आवासीय विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाओं रहने, खाने-पीने, भवन की स्थिति, शौचालय की स्थिति की जानकारी देने के साथ बच्चे की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति की जानकारी देंगे। बच्चों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन मीनू की जानकारी देने के साथ छात्रावास भवन का भ्रमण करायेंगे। उन्होंने अभिभावकों की बैठक में स्थानीय जन प्रतिनिधियों, स्कूलों के प्रधानाचार्य व भामाशाहों को आमंत्रित कर छात्रावास में जरूरत का सामान दान करने के लिए प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिये। निदेशक ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जो कर्मचारी आदेशों की अवहेलना करता है और अनुशासन तोड़ता है उसे तत्काल एपीओ कर निदेशालय भिजवायें।
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