एक एकड़ तक कृृषि भूमि पर स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र से लघु उद्योगों को मिलेगा असानी से ऋण, राजस्व विभाग ने जारी किया परिपत्र
बाड़मेर, 5 अक्टूबर। अब खातेदारों को एक एकड़ कृषि भूमि तक सूक्ष्म, लघु उद्योग इकाई या कजावा (अस्थाई ईंट भट््टा) आदि लगाने के लिए स्वतः भूमि उपयोग संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर वित्तदायी संस्थाओं से ऋण मिल सकेगा।
उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने बताया कि इस संबंध में नियमों को आसान बनाते हुए राजस्व गु्रप 6 विभाग द्वारा सभी जिला कलक्टरों के नाम परिपत्र जारी कर तहसीलदारों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि राजस्थान भू राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृृषि भूमि का अकृृषि प्रयोजन हेतु संपरिवर्तन) नियम 2007 के नियम 5 के अनुसार खातेदार 500 वर्गमीटर तक क्षेत्र में निवास गृह, पशु शाला या भण्डार गृह का निर्माण बिना कोई संपरिवर्तन प्रभार के खातेदारी हक रखते हुए संपरिवर्तन करा सकते हैं। इसी तरह से एक एकड़ तक कृृषि भूमि पर सूक्ष्म या लघु उद्योग इकाई, कजावा(छोटा ईंट भट््टा) लगाने या संस्थानिक, चिकित्सा सुविधा या लोकोपयोगी प्रयोजन हेतु उपयोग करने का प्रावधान होने के बावजूद संपरिवर्तन या प्रमाण पत्र के अभाव में वित दायी संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने में असुविधा हो रही थी। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार अब तहसीलदार को राजस्थान भू राजस्व नियम 2007 के नियम 5 या 6 में वर्णित उददेश्यों के लिए भूमि के उपयोग करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे खातेदार की उपयोग में लाई जाने वाली भूमि का खातेदारी अधिकारी भी बना रहेगा और नियम 5 या 6 के अनुसार सूक्ष्म-लघु उद्योग लगाने के लिए बैंकों से संपरिवर्तन प्रमाण पत्र के आधार पर ऋण सुविधा भी मिल सकेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 17 सितंबर को एमएसएमई दिवस पर इस साल को एमएसएमई वर्ष घोषित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी। उद्योग आयुक्त व सचिव सीएसआर कुंजी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की घोषणा के क्रम में एमएसएमई पखवाड़े के आयोजन कर सीधा संवाद व नवाचार किए गए हैं वहीं घोषणाओं का क्रियान्वयन भी होने लगा है। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग का यह आदेश भी मुख्यमंत्री द्वारा एमएसएमई इकाइयों के लिए नियमों के सरलीकरण के निर्देशों के क्रम में जारी किया गया है। मीणा ने बताया कि इससे पहले भामाशाह रोजगार सृृजन योजना में ब्याज अनुदान 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया हैं और प्रधानमंत्री रोजगार गांरटी सृजन कार्यक्रम में लक्ष्यों को दोगुणा से भी अधिक बढ़ाते हुए अब प्रदेश में 6187 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरित कर 122 करोड़ रुपए से अधिक का मार्जिन मनी अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस वर्ष जिला उद्योग केन्द्रों, राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से 2475 परियोजनाओं के लिए ऋण वितरण और 49 करोड़ रु. अनुदान ही मार्जिन मनी के रुप में उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित था।
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