शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

जैसलमेर परिवार कल्याण समिति का एक दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण सम्पन्न

जैसलमेर परिवार कल्याण समिति का एक दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण सम्पन्न

07 अक्टूबर। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राजेश शर्मा व अन्य बनाम स्टेट आॅफ यूपी में पारित आदेशों की पालना मेें इस जिले में जैसलमेर मुख्यालय व तालुका मुख्यालय पोकरण पर गठित परिवार कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों को आधारभूत न्यूनतम एक दिवसीय प्रशिक्षण आज एडीआर सेंटर में मदनलाल भाटी जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में जैसलमेर मुख्यालय पर गठित परिवार कल्याण समिति के अध्यक्ष डाॅ शरद कुमार दुबे व सदस्य गंगादेवी व्यास व सीमा तंवर तथा पोकरण मुख्यालय पर गठित परिवार कल्याण समिति के अध्यक्ष दमाराम वर्मा व सदस्य ललिता बिस्सा, व रामा कंवर उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त महिला थाना जैसलमेर के थानाधिकारी जेठाराम ने भी प्रशिक्षण में भाग लिया।
प्रशिक्षण के प्रारंभिक सत्र मंे जिला एंव सेशन न्यायाधीश मदनलाल भाटी द्वारा परिवार कल्याण समिति द्वारा किए जाने वाले कार्याें व प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी तथा समिति को ध्यान में रखने योग्य मुख्य बातों को समझाया। इसके अतिरिक्त अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पूर्णिमा गौड, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीण चैहान ने भी दण्ड प्रक्रिया संहिता, आईपीसी के प्रावधानों के संबंध में विभिन्न जानकारियां प्रदान की।
इसके पश्चात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव डाॅ महेन्द्र कुमार गोयल ने समिति के अध्यक्ष व सदस्यों को राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराकर परिपत्र में दिए गए निर्देशों की पालना करने व प्रक्रिया के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में जिला न्यायाधीश व पूर्णकालिक सचिव ने समिति द्वारा प्रकट की गई समस्याओं व जिज्ञासाओं का समाधान किया।
पूर्णकालिक सचिव ने यह भी बताया कि अब दोनों समितियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अतः धारा 498ए से संबंधित कोई भी प्रकरण चाहे पुलिस थाने में पेश हो या न्यायालय में, वह सर्वप्रथम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनिवार्यतः प्रेषित किया जाएगा। जहां से उक्त प्रकरण संबंधित परिवार कल्याण समिति को रैफर किया जाएगा। समिति एक माह में अपनी रिपोर्ट देने हेतु बाध्य होगी। उक्त रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात थाने या न्यायालय में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। उन्होनें यह भी बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी गाईडलाईन्स की प्रतियां सभी न्यायालयों में उपलब्ध करवाई जा रही हैं तथा समस्त थानों में पुलिस अधीक्षक के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें