कातिल बहू की साजिश में था शामिल नौकर, घंटों कार में लेकर घूमे 3 लाशें
अलवर.कंडे (उपले) के ढेर में शुक्रवार की सुबह मिले एक महिला आैर पुरुष की अधजले लाशों की पहचान हो गई है। शनिवार को मृतकों की पहचान 70 साल के सत्यपाल तोमर और उसकी पत्नी पुष्पा तोमर के तौर पर हुई। ये हरियाणा के सोहना शहर में ठाकुरवाड़ा मोहल्ले के रहने वाले थे। वहीं, हरियाणा पुलिस ने शनिवार को मृतक सत्यपाल के बेटे पंकज तोमर की अधजली लाश नगीना के पास से बरामद की है। पुलिस ने तीनों की हत्या कर लाश जलाने की वारदात का खुलासा कर मृतक सत्यपाल की बहू गीता तोमर अौर उसके मददगार को गिरफ्तार किया है। जबकि, एक आरोपी समरदीप फरार हो गया। इस हत्याकांड की वह पूरी कहानी जो आप जानना चाहते हैं...
रामगढ़ के चंड़ीगढ़ अहीर में शुक्रवार की सुबह पता लगा कि कंड़ों के ढेर में लाशें पड़ीं हुई हैं। खबर मिलने पर पुलिस पहुंची तो मामला एकदम उलझा हुआ निकला। तरह-तरह के कयास थे । पहचान नहीं हुई, इस कारण पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ। जांच शुरू हुई। मामले की संजीदगी को देखते हुए एसपी राहुल प्रकाश और एएसपी पारस जैन ने भी मौके पर पहुंचे।
कैसे पता लगा
गांव के रणवीर सिंह ने बताया कि काले रंग की एक कार देखी गई थी। पुलिस ने टीम बनाई और काले रंग की कार को तलाशना शुरू किया। सीसीटीवी फुटेज से नंबर मिले और हरियाणा के सोहना में कार मालिक शुभम तक जा पहुंचे। मालिक ने बताया कि पड़ोसी समरदीप उसकी कार मांगकर ले गया।
पुलिस पहुंची समरदीप के घर
पुलिस समरदीप के घर पहुंची जहां पर वह नहीं था पर उसकी बहन गीता थी। उससे पूछा तो पहले मना किया। पता लगा कि गीता की सास, ससुर औश्र जेठ गायब हैं। शक हुआ तो पुलिस ने सख्ती की। सब कुछ राज सामने आ गया। बोली - मैंने अपने भाई समरदीप और चाची ससुर के नौकर विकास के साथ मिलकर तीनों को मार दिया है।
ऐसे दिया दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम
- तीनों की लाशों को हाथ-पैर रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के कट्टों में डालकर बाथरूम में रख दिया। इसके बाद रात होने पर उसकी बेटी की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर भाई समरदीप पड़ोस में रहने वाले शुभम से कार मांगकर लाया।
- रात करीब ढाई बजे उन्होंने प्लास्टिक के कट्टों में बंधे सास-ससुर के लाशों को कार की डिक्की और जेठ की लाश वाले तीसरे कट्टे को पिछली सीट पर रख दिया। वह कार की अगली सीट पर व विकास पीछे की सीट पर बैठा। समरदीप ने कार चलाई। वे तीनों लाशों को ठिकाने लगाने के लिए घर से निकल गए।
- रास्ते में पुलिस चैकिंग से बचने के लिए उन्होंने कार की पिछली सीट पर रखे पंकज की लाश को नगीना थाना इलाके में सड़क किनारे फेंक दिया और उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।
- इसके बाद वे राजस्थान में रामगढ़ में आ गए। यहां उन्होंने चंड़ीगढ़ अहीर गांव में सड़क किनारे उपलों(कंडों) का ढेर देखा। इन उपलों के ढेर पर उन्होंने सास-ससुर के लाश रख दीं और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। इसके बाद वे वापस सोहना चले गए।
ऐसा क्यों किया गीता ने
पुलिस के मुताबिक, गीता का कहना था कि उसके पति विपिन ने 5 मार्च 2017 को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। ससुर सत्यपाल के पास करीब 8 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी थी। इस प्रॉपर्टी में सत्यपाल अपनी बहू को हिस्सा नहीं देना चाहता था। जबकि, गीता इसमें 3 करोड़ की जायदाद अपनी मानती थी। इन्हीं कारणों से गीता ने अपने भाई समरदीप के साथ मिलकर सास-ससुर और जेठ की हत्या की साजिश रची।
पहले सास, फिर जेठ व ससुर को लगाया ठिकाने
पुलिस के मुताबिक, गीता ने कबूल किया कि उसने भाई समरदीप के साथ मिलकर 27 सितंबर को सास-ससुर और जेठ की हत्या करने की फाइनल प्लानिंग की। ससुर सत्यपाल 27 सितंबर को सुबह घर से घूमने निकल गया। सास पुष्पा घर में अकेली थी, तब करीब 9.30 बजे समरदीप और विकास मकान के निचले हिस्से में आकर छिप गए और पुष्पा को पकड़कर रस्सी से उसका गला घोट दिया। पुष्पा की मौत होने पर उसकी लाश उन्होंने बाथरूम में रख दी। इसके बाद इसी तरह उन्होंने जेठ पंकज की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।
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