बुधवार, 27 सितंबर 2017

बाड़मेर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ का दर्द भी सुनो।कलेक्टर साहब।।एक दो दिन की अनुपस्थित के बदले महीने भर की तनख्वाह क्यों काटी जा रही।*

बाड़मेर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ का दर्द भी सुनो।कलेक्टर साहब।।एक दो दिन की अनुपस्थित के बदले महीने भर की तनख्वाह क्यों काटी जा रही।*

*सुपरवाइजर का तानाशाह रवैया।कौन लगाएगा लगाम*

*बाड़मेर दो साल से आंगनवाड़ी बाड़मेर की कार्यकर्ताएं एक सुपरवाइजर की तानाशाही का दंश झेल रही हैं।अत्याचार इतने बढ़ गए कि बोले को बर्खास्त की धमकी दे डालते हैं।।दबे स्वर में कार्यकर्ताओं ने बताया कि विभिन निरिक्षणो में कार्यकर्ता एक या दो दिन अनुपस्थित पाई जाती है तो भी पूरे माह की तनख्वाह काटी जा रही हैं।जबकि हाज़री रजिस्टर में शेष दिनों की उपस्थिति दर्शाई जा रही।विरोध करने पर बर्खास्त की धमकियां दी जाती हैं।यह पीड़ा रक कार्यकर्ता नही है।सेकड़ो कार्यकर्ता दुखी हैं।तालिबानी आदेश मनमर्जी से लागू करते है सुओरवाईजर।कि सालो से जमे सुओरवाईजर विभाग को अपनी बोओटी समझ बैठे हैं। विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध भी किया।मगर उनकी भी एक नही सुनी।जिला कलेक्टर को इस मामले में हस्तक्षेप कर जांच कर उन्हें न्याय दिखाना चाहिए।वर्षो से जमे सुपरवाईजरों को इधर उधर करे या जिले से बाहर भेजे।कार्यकर्ताओ का शोषण यूँही करते रहेंगे।*

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