सरकार से राहत नहीं मिली, तेमनी अब आईएफएस एसोसिएशन की शरण में
- तेमनी की ओर से जिक्र किया गया है, स्टेट मेडिशनल प्लांट्स बोर्ड का सदस्य सचिव के पद डीसीएफ रैंक का है, जिस पर मुझे तैनात किया गया है जबकि मैं वर्तमान में अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक हूं।
- तेमनी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आल इंडिया सर्विस सीआर रूल्स का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि उनकी एसीआर सीनियर अफसर ही भर सकता है जबकि जूनियर आईएएस के अंडर में मेरी पोस्टिंग की गई है। गौरतलब है कि जुलाई में ही तेमनी ने अपना रिप्रजेंटेंशन मुख्यसचिव को दिया था। उसकी प्रति कार्मिक विभाग को भेजी थी, लेकिन ढाई माह बाद भी सरकार के स्तर पर उनके रिप्रजेंटेंशन पर विचार नहीं किया गया। उसके बाद तेमनी मेडिकल लीव पर चले गए। एक माह बाद लौटे। उसके बाद मेडिकल लीव पास करने के लिए आवेदन किया तो उसे रोक दिया गया। वेतन भी रोक दिया गया। उन्होंने नए सिरे से मुख्यसचिव को रिप्रजेंटेंशन दिया। इसके बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
- इस बीच 18 सितंबर को प्रमुख सचिव आयुर्वेद डा. आर वेंकटेश्वरन और भरत तेमनी मीटिंग में न आने को लेकर आपस में भिड़ गए। राज्य सरकार के स्तर पर सुनवाई न होते देख तेमनी ने आईएफएस एसोसिएशन से केंद्र और राज्य सरकार से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
तेमनी की सरकार में नहीं होगी सुनवाई
- आईएफएस भरत तेमनी की सरकार में किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव से लेकर कार्मिक विभाग तक ने उनके पक्ष को न सुनने का मन बना लिया है। तेमनी किसी भी स्तर पर चले जाएं। ऐसे में तेमनी के लिए कोर्ट के जरिए ही अब राहत मिलने की एकमात्र उम्मीद बची है।
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