शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

बाड़मेर/चौहटन पुलिस ने डेढ़ माह तक गैंगरेप के आरोपियों को नहीं पकड़ा, आत्महत्या के 70 घंटे बाद आरोपी गिरफ्तार



 बाड़मेर/चौहटन
पुलिस ने डेढ़ माह तक गैंगरेप 
के आरोपियों को नहीं पकड़ा, आत्महत्या के 70 घंटे बाद आरोपी गिरफ्तार 

यह है पूरी घटना

सांसद सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी समर्थन दिया

70 घंटे तक न्याय के लिए डटे रहे परिजन समाज के लोग, 200 किमी. दूर से आरोपियों को पकड़ा

परिजनों ने शव उठाया, दोषी अधिकारियों के खिलाफ दिए जांच के आदेश

बाड़मेर/चौहटन

चौहटनथाना क्षेत्र के बूठ राठौड़ान गांव निवासी एक विवाहिता के साथ गैंगरेप की घटना के डेढ़ माह बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने और आरोपियों की ओर से जान से मारने की धमकियों से आहत विवाहिता की ओर से आत्महत्या कर ली। दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, पुलिस के खिलाफ गुस्सा फूटा। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव उठाने से इंकार कर दिया। पीड़िता की मौत के बाद तीन थानों की पुलिस ने 70 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया तब जाकर प्रदर्शनकारी शव उठाने पर राजी हुए। इधर एसपी ने चौहटन थाने के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश कर दस दिन में रिपोर्ट पेश करने के एएसपी को निर्देश दिए है।

विवाहिता की आत्महत्या के बाद मेघवाल समाज के सैकड़ों लोग धरना देकर बैठ गए। गुरुवार को सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने भी लोगों से मुलाकात की और समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि एसपी से बात करेंगे कि लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से भी करेंगे। इसके अलावा विधायक तरुणराय कागा, पूर्व विधायक पदमाराम, अधिवक्ता सूरताराम मेघवाल, मेघवाल सेवा समिति के अध्यक्ष शेखावत ख्याला, पूर्व जिला परिषद सदस्य पूंजाराम कागा, पूर्व सरपंच नरसिंगाराम सूदरा, चौहटन प्रधान कुम्भाराम सेंवर , रावताराम मेघवाल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। प्रतिनिधि मंडल की एएसपी रामेश्वरलाल मेघवाल से वार्ता हुई।

सो रही विवाहिता को उठा ले गए, बंधक बनाकर किया था गैंगरेप: 22जुलाई 2017 की रात 10 बजे बूठ राठौड़ान निवासी एक विवाहिता के घर में लखसिंह पुत्र खेतसिंह तनसिंह पुत्र खेतसिंह घर में घुसे और विवाहिता को जबरन उठाकर ले गए। खेत में ले जाकर गैंगरेप किया गया। 24 जुलाई को चौहटन थाने में मामला दर्ज हुआ,लेकिन पुलिस आरोपियों को बचाती रही। इधर, आरोपी पीड़िता को लगातार जान से मारने की धमकियां देते रहे। राजीनामा करने का दबाव डाला। पीड़िता और उसके परिजन आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग लेकर 17 28 अगस्त को एसपी गगनदीप सिंगला से मिले और पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया। इस मामले में कोई कार्रवाई होते देख विवाहिता ने 11 सितंबर की रात पानी की डिग्गी में कूद कर आत्महत्या कर ली।

विवाहिता के आत्महत्या करने के बाद परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया और शव को मोर्चरी में रखकर सड़कों पर उतर आए। परिजनों की मांग थी कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी होगी, तभी शव को उठाएंगे।

ऐसे में पुलिस की सांस फूल गई। सैकड़ों लोग 70 घंटे तक न्याय के लिए डटे रहे। धरना-प्रदर्शन किया। एसपी ने आरोपियों को ढूंढ़ने के लिए छह थानों को तीन टीमें बनाई। तीन दिनों में 200-200 किमी. दूर तक पुलिस आरोपियों को पकड़ कर ले आई। बुधवार को आरोपी तनसिंह को गुजरात के भुज से तो गुरुवार को आरोपी लखसिंह को शिव क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद परिजनों ने शव उठाया। राजीनामे के लिए दबाव डालने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग भी पुलिस ने मान ली है। आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद परिजनों ने शव उठा लिया।

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