मंगलवार, 22 अगस्त 2017

अलविदा बाड़मेर महिला सैन्य कैमल सफारी का जैसलमेर में प्रवेश ,सुंदरा में दी विदाई

अलविदा  बाड़मेर महिला सैन्य कैमल सफारी का जैसलमेर में प्रवेश ,सुंदरा में दी विदाई 






BSF-AIR FORCE Camel expedition 2017.
  बाड़मेर कैमल अभियान दल की सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायु सेना की वीरांगनाएं  "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" योजना की जन जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाते हुए शाम के 2000 बजे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुंदरा पहुँची, वहाँ उनकी आगवानी 151वीं वाहिनी के कमांडेंट  श्री हरेंद्र सिंह तोमर, रेहमत सिंह, सरपंच सुंदरा, चतुर सिंह, सरपंच, रोहिरी, श्याम सिंह सोढ़ा, उप-सरपंच, मोहन सिंह  एवं भँवर सिंह,सीमा जन कल्याण समिति बाड़मेर, सीमा सुरक्षा बल के जवानों और 500 से ज्यादा  स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से किया। तत्पश्चात सुंदरा गांव की बालिकाओं ने कैमल अभियान दल की बहादुर बेटियों का स्वागत तिलक लगाकर किया। उप महानिरीक्षक,सीमा सुरक्षा बल श्री प्रतुल गौतम के आगमन के बाद मनमोहक रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा प्रस्तुत भांगरा डांस और स्थानीय कलाकारों का लोक-नृत्य मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। 
       लोगों की भीड़ और उनका उल्लास  देख कर ऐसा लगता है कि "बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ" माननीय प्रधान मंत्रीजी का सपना भारतवर्ष के पश्चिमी सरहद के अंतिम गांव तक साकार हो रहा है। सीमा सुरक्षा बल की महिला अधिकारी तनुश्री पारेख और वायु सेना की स्क्वाड्रन लीडर अनुष्का लोमस ने अपने ओजपूर्ण अविभाषण  के दौरान स्थानीय लोगों से लड़कियों की उच्च शिक्षा और बेटियों को सशक्त, आत्म निर्भर एवं स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत में श्री प्रतुल गौतम, डी. आई.जी.महोदय ने कहा कि महिलाएं आज किसी भी   फिल्ड में पुरुषों से कम नहीं है और महिलाओं को शिक्षित कर हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।डी.आई.जी. महोदय के अभिभाषण के साथ कार्यक्रम का समापन रात लगभग 2245 बजे हुआ।
    कैमल अभियान दल की ये वीरांगनाएं 22अगस्त 2017 के प्रातः 1010 बजे बाड़मेर जिले की अंतिम सीमा चौकी नूरी का टिब्बा को पार कर जैसलमेर जिले की पहली सीमा चौकी रायथनवाला में 1115 बजे "बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ" अभियान का अलख जगाने पहुँच गईं।

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