बाड़मेर तो इस वन महोत्सव का क्या औचित्य।।पहले पेड़ो पे चलाई कुल्हाड़ी फिर पौधे रोपे।।*
*बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को गेंहू रोड पर वन मंडल बाड़मेर ने जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन कर 501 पौधे प्रभारी मंत्री सुरेंद्र गोयल,जिला कलेक्टर शिव प्रसाद एम नकाते सहित कई मेहमानों के हाथों से रोप।*
*जाने अनजाने वन मंडल ने इस मेहमानों के हाथों से पाप कर दिया।।जिस स्थान पर आज पौधरोपण हुआ उस स्थान पर वन मंडल का एरिया है जंहा कुछ वर्ष पूर्व साइट प्लान के तहत टोटलेंस के पौधे लगाए थे जो इस वक़्त हरे भरे पेड़ो में तब्दील थे।वन मंडल को वन महोत्सव करना था खाली जगह पौधरोपण लायक कोई दिखी नही ।पिछले तीन दिनों में इस स्थान पर लगे सेकड़ो हरे भरे पेड़ो पर वन मंडल ने कुल्हाड़ी चला काट डाले।।आज के वन महोत्सव के लिए मैदान तैयार किया ।मगर कटे पेड़ो को पास की पहाड़ी के पीछे डाल जलाने का प्रयास कित।मगर हरे भरे पेड़ ऐसे कैसे जल जाते।।अधजले कटे पेड़ वन बिभाग की सारी कारस्तानी कह रहे हैं वह विभाग को वन महोत्सव ही करना था तो जल स्वावलंबन की किसी भी साइट पर करा सकता था ।हरे भरे पेड़ो पर निर्ममता से कुल्हाड़ी चलाने की जरूरत कहां थी।क्या एक पौधा लगाने के लिए दस् पेड़ काटना उचित हैं।।इस तरह पेड़ो पे कुल्हाड़ियां चला वन महोत्सव करने का क्या औचित्य।वन विभाग की यह कारस्तानी माफ करने योग्य नही हैं।जिला कलेक्टर इस कि जांच कर दोषियो के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाये।।करोड़ो रूपये लगा कर विभाग द्वारा ही प्लान के तहत लगाए पेड़ो को काटने का मामला हमारी नजर में तो गम्भीर हैं।।विद्वान साथी इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं।।*
*एक एक पौधे की कीमत और महता को समझने का दावा करने वाले वन विभाग के कार्मिको के हाथ इन हरे भरे पेड़ो को काटते वक़्क़त जरा भी नही कंपे।।पेड़ो की हत्या का अपनी तरह का पहला मामला हैं*
*स्वयं विभाग द्वारा पेड़ो को जे सी बी से जड़ से उखाड़ पौधे लगाने के लिए समतल मैदान तैयार करने के इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।।,*
*बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को गेंहू रोड पर वन मंडल बाड़मेर ने जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन कर 501 पौधे प्रभारी मंत्री सुरेंद्र गोयल,जिला कलेक्टर शिव प्रसाद एम नकाते सहित कई मेहमानों के हाथों से रोप।*
*जाने अनजाने वन मंडल ने इस मेहमानों के हाथों से पाप कर दिया।।जिस स्थान पर आज पौधरोपण हुआ उस स्थान पर वन मंडल का एरिया है जंहा कुछ वर्ष पूर्व साइट प्लान के तहत टोटलेंस के पौधे लगाए थे जो इस वक़्त हरे भरे पेड़ो में तब्दील थे।वन मंडल को वन महोत्सव करना था खाली जगह पौधरोपण लायक कोई दिखी नही ।पिछले तीन दिनों में इस स्थान पर लगे सेकड़ो हरे भरे पेड़ो पर वन मंडल ने कुल्हाड़ी चला काट डाले।।आज के वन महोत्सव के लिए मैदान तैयार किया ।मगर कटे पेड़ो को पास की पहाड़ी के पीछे डाल जलाने का प्रयास कित।मगर हरे भरे पेड़ ऐसे कैसे जल जाते।।अधजले कटे पेड़ वन बिभाग की सारी कारस्तानी कह रहे हैं वह विभाग को वन महोत्सव ही करना था तो जल स्वावलंबन की किसी भी साइट पर करा सकता था ।हरे भरे पेड़ो पर निर्ममता से कुल्हाड़ी चलाने की जरूरत कहां थी।क्या एक पौधा लगाने के लिए दस् पेड़ काटना उचित हैं।।इस तरह पेड़ो पे कुल्हाड़ियां चला वन महोत्सव करने का क्या औचित्य।वन विभाग की यह कारस्तानी माफ करने योग्य नही हैं।जिला कलेक्टर इस कि जांच कर दोषियो के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाये।।करोड़ो रूपये लगा कर विभाग द्वारा ही प्लान के तहत लगाए पेड़ो को काटने का मामला हमारी नजर में तो गम्भीर हैं।।विद्वान साथी इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं।।*
*एक एक पौधे की कीमत और महता को समझने का दावा करने वाले वन विभाग के कार्मिको के हाथ इन हरे भरे पेड़ो को काटते वक़्क़त जरा भी नही कंपे।।पेड़ो की हत्या का अपनी तरह का पहला मामला हैं*
*स्वयं विभाग द्वारा पेड़ो को जे सी बी से जड़ से उखाड़ पौधे लगाने के लिए समतल मैदान तैयार करने के इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।।,*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें