खबर का असर - बाड़मेर। निरस्त हुआ बी. एल. सोनी का तबादला
बाड़मेर। बाड़मेर नगर परिषद में खुली लूट मचाने वाले बहुचर्चित तत्तकालीन आयुक्त भंवर लाल सोनी को बाड़मेर लाने के भू माफियो के मंसूबो पर मुख्यमंत्री और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह ने पानी फेर बाड़मेर तबादला आदेश निरस्त कर दिया। इस आशय की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट गुरुवार रात्रि को ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को व्यक्तिगत भेज दी थी। शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह ने भी इस दिशा में प्रयास कर बी एल सोनी के भ्रष्टाचार को लेकर उच्च स्तर पर बात की। जिला प्रभारी भाजपा प्रो महेंद्र सिंह राठौड़ को भी बी. एल. सोनी के भ्रष्टाचार को लेकर अवगत कराया गया। जिसके बाद हरकत मे आये जनप्रतिनिधियो ने मंत्री एवं निदेशालय से शिकायत की। शुक्रवार सुबह दफ्तर पहुंचे निदेशक पवन अरोड़ा ने सोनी का बाड़मेर किया तबादला तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। बहुचर्चित तत्तकालीन आयुक्त भंवर लाल सोनी का तबादला बाड़मेर होने का आदेश आते ही बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने सबसे पहले इनकी करतूतों को लेकर खबर प्रकाशित की गई । जिसके बाद सोशल मीडिया एवं मीडिया मे खबरें चलनी शुरू हो गई थी। भ्रष्टाचार की गूंज मीडिया में आने के बाद आखिरकार सोनी का तबादला आदेश निरस्त कर दिया गया हैं। हालांकि यहां के आयुक्त श्रवण विश्नोई का सीकर किया गया तबादला आज भी स्टेण्ड हैं।
सोनी का परफॉर्मेंस 4 साल में 5 मुकदमे, 1 बार सस्पेंड, 2 बार एपीओ आयुक्त बीएल सोनी शुरूआत से विवादों में रहे हैं। 2013 में बाड़मेर से धौलपुर ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद अगस्त 2014 में धौलपुर नगर परिषद में अनियमितता के मामले में एपीओ कर दिए गए थे। इसके बाद मई 2015 में सीकर आयुक्त लगाया गया। एसीबी में उनके खिलाफ चल रहे पुराने मामलों में अभियोजन स्वीकृति मिलने पर सरकार ने 12 जुलाई 2016 निलंबित कर दिया। नवंबर 2016 में फिर से उन्हें बहाल कर सीकर आयुक्त लगाया गया था। 12 जुलाई 2017 को सोनी को सीकर से एपीओ कर दिया था। अब सात दिन बाद फिर बहाल करते हुए उन्हें चार साल बाद फिर बाड़मेर लगाया गया है। सोनी के खिलाफ एसीबी में 5 मुकदमे दर्ज हैं। हनुमानगढ़ पालिका में एक, सूरतगढ़ पालिका के तीन मामलों में पद का दुरुपयोग करना और सुजानगढ़ में रिश्वत मांगने के मामले दर्ज है।
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