जयपुर।आनंदपाल को जानने वाले कहते थे, वो मारेगा या फिर मर जाएगा लेकिन सरेंडर नहीं करेगा
आनंदपाल के एनकाउंटर के सात दिन बाद भी उसका अंतिम संस्कार नहीं हुआ हैै। आनंदपाल के एनकाउंटर पर अब कर्इ तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं, सीबीआर्इ जांच की मांग की जा रही है। एेसे में आनंदपाल के वकील एपी सिंह ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि चार मंत्रियों के इशारे पर उसका एनकाउंटर किया गया। हालांकि आनंदपाल को जानने वाले बताते हैं कि उसे जिंदा पकड़ना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं था।
आनंदपाल कर्इ बार पुलिस आैर एसआेजी के हाथ में आते-आते निकल चुका था। यहां तक की दो मुठभेड़ों में वह पुलिस पर बहुत भारी पड़ा था आैर गोली चलाते हुए भाग निकला था। फरवरी 2016 में जब उसे नागौर के आसपास देखा गया आैर तब वह पुलिस पर फायरिंग कर भाग निकला था। उस वक्त सिपाही खेमाराम की मौत हो गर्इ थी। आनंदपाल की कार्यप्रणाली को नजदीक से देखने वाले पुलिसकर्मी भी मानते हैं कि उसे सरेंडर कराना बेहद मुश्किल काम था।
आनंदपाल अपने साथियों के बीच एपी के नाम से जाना जाता था। पुलिस गिरफ्त में आए उसके साथियों का भी कहना था कि आनंदपाल किसी भी हालत में सरेंडर नहीं करेगा। वो या तो मारेगा या फिर मर जाएगा। यही वो कारण था कि जिसके कारण आनंदपाल की लोकेशन का पता लगते ही कंमाडो की टीम को रवाना कर दिया गया था।
15 नवंबर 2012 को आनंदपाल के होने की सूचना पर पुलिस आैर एसआेजी की संयुक्त टीम ने रेनवाल फागी में उसके ठिकाने पर दबिश दी थी। बताया जाता था कि उस वक्त भी आनंदपाल फायरिंग करने वाला था। इसके बाद जवानों को पीछे हटने के लिए कहा गया था। हालांकि तब एक अधिकारी ने आनंदपाल को समाज का हवाला देते हुए सरेंडर करने के लिए समझाया था। इसके बाद ही आनंदपाल सरेंडर करने के लिए राजी हुआ था।
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