राजस्थान से फिर गिरफ्त में आया हिन्दुस्तान का 'गद्दार', जासूसी कर PAK आकाओं को भेज रहा था खुफिया जानकारियां
बाड़मेर। गुप्तचर एजेंसी ने गुरुवार को बाड़मेर जिले के दो युवकों को इंटरनेट के जरिए पाकिस्तान में सूचनाओं के आदान-प्रदान के शक में पकड़ा है। इन युवकों से जयपुर में पूछताछ की जा रही है। बाद में तालसर निवासी दीने खां को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दूसरे पकड़े गए बाड़मेर शहर निवासी पाक विस्थापित युवक धर्मेन्द्र से पूछताछ की जा रही है।
दो बार पाक जाकर आया
टीम ने पहले तालसर निवासी दीने खां पुत्र रहीमन खां को पूछताछ के लिए पकड़ा। दीने खां गांव में एक मजार की देखरेख करता है। बताया जाता है कि दो बार पाकिस्तान जाकर आया है। अक्सर उसकी पाकिस्तान बात होती रहती है।
एडीजी यूआर साहू ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि मजार की देखरेख करने वाले कुछ लोग विदेश में रहते हैं और विदेशी जासूस से उनको रुपए मिलते हैं। वे लोग दीने खां को जासूसी के लिए रुपए भेजते थे। दीने खां यहां पर लोगों को जासूसी के बदले में रुपए देता था।
उधर, सूत्रों के मुताबिक, दीनेखां से पूछताछ के बाद ही बाड़मेर शहर में ही रहने वाले धर्मेंद्र चारण को पूछताछ के लिए पकड़ा। पाक विस्थापित धर्मेंद्र पर भी संदेह है कि इंटरनेट के जरिए वह पाकिस्तान में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में संलिप्त है।
तीन माह पहले गिरफ्तार जासूसों को दिए रुपएइंटेलिजेंस की पूछताछ में सामने आया है कि तीन माह पहले गिरफ्तार संतराम माहेश्वरी और विनोद माहेश्वरी को दीने खां जासूसी के लिए रुपए देता था। दोनों आरोपितों ने भारतीय सेना, सामरिक और अन्य सूचनाएं पाकिस्तान को उपलब्ध करवाई थी।
बॉर्डर पर इंटरनेट का जाल
बॉर्डर पर इंटनरेट और मोबाइल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां और आईएसआई अपना नेटवर्क बढ़ाने में लगी है। थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान यात्रा करने वाले यात्रियों को भी फांसा जा रहा है।
बाड़मेर। गुप्तचर एजेंसी ने गुरुवार को बाड़मेर जिले के दो युवकों को इंटरनेट के जरिए पाकिस्तान में सूचनाओं के आदान-प्रदान के शक में पकड़ा है। इन युवकों से जयपुर में पूछताछ की जा रही है। बाद में तालसर निवासी दीने खां को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दूसरे पकड़े गए बाड़मेर शहर निवासी पाक विस्थापित युवक धर्मेन्द्र से पूछताछ की जा रही है।
दो बार पाक जाकर आया
टीम ने पहले तालसर निवासी दीने खां पुत्र रहीमन खां को पूछताछ के लिए पकड़ा। दीने खां गांव में एक मजार की देखरेख करता है। बताया जाता है कि दो बार पाकिस्तान जाकर आया है। अक्सर उसकी पाकिस्तान बात होती रहती है।
एडीजी यूआर साहू ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि मजार की देखरेख करने वाले कुछ लोग विदेश में रहते हैं और विदेशी जासूस से उनको रुपए मिलते हैं। वे लोग दीने खां को जासूसी के लिए रुपए भेजते थे। दीने खां यहां पर लोगों को जासूसी के बदले में रुपए देता था।
उधर, सूत्रों के मुताबिक, दीनेखां से पूछताछ के बाद ही बाड़मेर शहर में ही रहने वाले धर्मेंद्र चारण को पूछताछ के लिए पकड़ा। पाक विस्थापित धर्मेंद्र पर भी संदेह है कि इंटरनेट के जरिए वह पाकिस्तान में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में संलिप्त है।
तीन माह पहले गिरफ्तार जासूसों को दिए रुपएइंटेलिजेंस की पूछताछ में सामने आया है कि तीन माह पहले गिरफ्तार संतराम माहेश्वरी और विनोद माहेश्वरी को दीने खां जासूसी के लिए रुपए देता था। दोनों आरोपितों ने भारतीय सेना, सामरिक और अन्य सूचनाएं पाकिस्तान को उपलब्ध करवाई थी।
बॉर्डर पर इंटरनेट का जाल
बॉर्डर पर इंटनरेट और मोबाइल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां और आईएसआई अपना नेटवर्क बढ़ाने में लगी है। थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान यात्रा करने वाले यात्रियों को भी फांसा जा रहा है।
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