शुक्रवार, 9 जून 2017

बुआ और भतीजे ने भागकर की शादी, घरवालों ने गोली मारकर ले ली जान

बुआ और भतीजे ने भागकर की शादी, घरवालों ने गोली मारकर ले ली जान


भागलपुर/गौराचौकी (बिहार).यहां रिश्ते में एक बुआ और भतीजे को शादी करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। बताया जा रहा है कि भतीजा हिमांशु यादव रिश्ते में अपनी बुआ सोनी को ट्यूशन पढ़ाने उसके घर जाता था। इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हुआ और फिर दोनों ने भागकर शादी कर ली। इस शादी से नाराज लड़की के घरवालों ने हिमांशु के घर पहुंच छह गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। पहले तोड़े थे हाथ-पैर ताकि भाग न पाए...


बुआ और भतीजे ने भागकर की शादी, घरवालों ने गोली मारकर ले ली जान

बताया जा रहा है कि विवाद को सुलझाने के लिए सोमवार शाम को लड़की वालों की ओर से पंचायत रखी गई थी। लड़की के परिजन बिग्गो और भग्गो ने गांव के हर घर में जाकर गांव के लोगों को पंचायत में आने को कहा। जब पंचायत शुरू हुई तो पंच अजबलाल यादव, प्रताप यादव, गणेश यादव ने सोनी की फैमिली से कहा कि हिमांशु ने गलत किया है। गणेश यादव ने कहा कि हिमांशु को मारकर उसकी लाश लेकर आओ, तब जाकर सही न्याय होगा। तब किसी के घर की बहू-बेटी पर कोई बुरी नजर नहीं रखेगा। पंचों के ऐसा कहने के बाद लड़की के परिजन भड़क गए और लाडी-डंडा, रॉड, खंती आदि लेकर हिमांशु के घर पर हमला कर दिया। पूरे घर में तोड़-फोड़ की और भीड़ के सामने हिमांशु के शरीर में छह की छह गोलियां उतार दी। गोली मारने से पहले हिमांशु का हाथ-पैर तोड़ दिया, ताकि वह भाग नहीं पाए।

मां-पत्नी को बचाने हिमांशु ने खोला था दरवाजा...

हिमांशु की मां जेलस देवी ने बताया कि शाम करीब छह बजे वो आंगन में थी। बहू सोनी और हिमांशु खाना बना रहे थे। तभी अचानक कुछ महिलाएं घर में घुस गईं। इसमें एक महिला सोनी की मां आशा देवी थी, जबकि बाकी तीन-चार महिलाएं गांव की थीं। सभी महिलाओं ने मिलकर सोनी को खींचना शुरू कर दिया। हिमांशु ने विरोध किया और सभी महिलाओं को घर से बाहर निकाल दिया और घर का दरवाजा बंद कर दिया। इसके थोड़े देर बाद सोनी के पिता परमानंद यादव, दादा गणेश यादव समेत उसके घर-परिवार के 15-20 लोग लोहे की रॉड दरवाजे पर मारने लगे। गोली भी चलाने लगे। सभी हिमांशु को बाहर निकालने को कह रहे थे।

हिमांशु को लगा कि अगर दरवाजा नहीं खोलेंगे तो सभी लोग अंदर घुस जाएंगे। हिमांशु ने उन्हें और सोनी को बचाने के लिए दरवाजा खोल दिया। तभी सोनी के घर वालों ने उसके सिर पर लोहे के रॉड से मारा। फिर रॉड को पीठ में घोंप दिया। जब जेलस देवी हिमांशु को बचाने गईं तो आरोपियों ने उन्हें भी जख्मी कर दिया। उधर, हिमांशु जान बचाने के लिए घर से भागकर एक दुकान में घुस गया। फिर आरोपी वहां भी पहुंच गए और सभी ने मिलकर हिमांशु के दोनों हाथ-पैर तोड़ दिए और छह गोलियां उसके शरीर में उतार दी। उधर, आशा देवी और परमानंद यादव सोनी को घर से जबरन खींचकर ले गए। जख्मी हिमांशु ने फोन से भाई अविनाश को जानकारी दी। अविनाश पहुंचा तो उसे हॉस्पिटल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

पहले भी हुआ था हमला

जेलस देवी ने बताया कि अगस्त में सोनी और हिमांशु बाहर चले गए थे और गांव लौटे तो सोनी के परिवार वालों ने हम लोगों पर हमला कर दिया था। उस समय उन्होंने लड़की वालों को घर से भगा दिया था। हमलोग काफी डर गए थे, लेकिन हिमांशु नहीं डरता था।

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