मंगलवार, 27 जून 2017

चौहटन। दीक्षा कल्याणक का वरघोड़ा निकला, हुआ अंजनशलाका विधान

चौहटन। दीक्षा कल्याणक का वरघोड़ा निकला, हुआ अंजनशलाका विधान

रिपोर्ट :- चन्द्रप्रकाश छाजेड़ /चौहटन

चौहटन।  नवोदित श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी जैन श्वेताम्बर तीर्थ, ढ़ोक(
चौहटन) परिसर में चलमन्दिर प्रतिष्टित होने वाली भाग्यवर्धन पाश्र्वनाथ, गौतमस्वामी एवं जिनचंन्द्रसूरिजी महाराज की प्रतिमाओं की अंजनश्लाका प्रतिष्ठा निमित आयोजित सप्त दिवसीय भव्यातिभव्य अंजनशलाका व प्रतिष्ठा महोत्सव तहत् प.पू. खरतरगच्छाचार्य जिनपीयूषसागर सूरिश्वर म.सा. की निश्रा में एवं साध्वी श्री प्रगुणाश्रीजी म.सा. के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय विधिकारक शासन रत्न मनोजकुमार हरण के सफल मार्गदर्शन में मंगलवार को महोत्सव के पांचवे दिन प्रातः स्नात्र पूजा तत्पश्चात् दीक्षा कल्याणक का भव्य वर्षीदान वरघोड़े का आयोजन किया गया जिसमें झूमते नाचते गाते हुए परमात्मा को दीक्षा मंडप में विराजित किया गया जहां पर आचार्य भगवंत द्वारा दीक्षा विधान किया गया। परमात्मा के दिव्य केशों का पंचमुष्ठि लोच किया गया, इन्द्र द्वारा परमात्मा को देवदुष्य वस्त्र अर्पित किया गया। परमात्मा के दीक्षा कल्याणक को चौहटन की धर्मप्रेमी जनता ने पहली बार नजदीक से निहारकर भावविभोर हो गये। प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार को मुख्य प्रतिष्ठा समारोह आयाजित। 

Displaying IMG_20170627_120949.jpg

आचार्य जिनपीयूषसागर सूरिश्वर म.सा. ने संबोधित करते हुए कहा कि परमात्मा ने सर्वविरति चारित्र लेकर षट्काय जीव के साथ वैर नही, दुश्मनी नहीं तथा सवि जीव करी शासन रसी की मंगल भावना के साथ परमात्मा ने दीक्षा अंगिकार की थी। प्रतिष्ठा का महत्व बताते हुए कहा कि मंदिर में परमात्मा की प्रतिष्ठा करने का अर्थ है अपने अन्तर्मन में परमात्मा की स्थापना करना। जिस तरह से मंदिर साफ सफाई और स्वच्छता रखने के बाद ही परमात्मा को विराजमान कराया जाता और प्रतिदिन मंदिर को साफ सुथरा करके भगवान की पूजा की जाती है उसी तरह अपने अन्तर्मन को भी सभी बुराईयों से निकाल कर साफ करना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर आप अन्र्मन में या मंदिर में कभी भी परमात्मा का वास नहीं हो सकता है। इसके बाद मध्यरात्रि में अधिवासना एवं अंजनशलाका केवलज्ञान कल्याणक, निर्वाण कल्याणक का विधान हुआ। विधान के दौरान परमात्मा के 18 अभिषेक व 250 अभिषेक किए गए। 

श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी जैन श्वेताम्बर तीर्थ के संयोजक मांगीलाल डोसी ने बताया प्रतिष्ठा स्थल पर अंजनशलाका के पवित्र विधान की विभिन्न धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न हुई। विधान के दौरान प्रतिष्ठा संबंधी विभिन्न बोलियां लगी जिसमें प्रभुभक्तों ने बढ़चढ़कर लाभ लिया। आज के स्वामी वात्सल्य के लाभार्थी पाश्र्व-आनंद मंडल चौहटन  का था। महोत्सव के छठे दिन 28 जून को 28 जून को प्रातः स्नात्र पूजा तत्पश्चात् मंगल मुहुर्त में जिनबिम्बों आदि की प्रतिष्ठा सम्पन्न होगी दोपहर में शांति स्नात्र महापूजन आदि अनुष्ठान होगें। कार्यक्रम में लाभार्थियों के बहुमान किए जायेगें।

Displaying IMG_20170627_095643.jpg


ये रहेगें मुख्य समारोह के अतिथि- श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी जैन श्वेताम्बर तीर्थ के भंवरलाल डोसी बताया कि बुधवार को मुख्य प्रतिष्ठा समारोह में बाड़मेर शहर के लोकप्रिय विधायक मेवाराम जैन, नाकोड़ा ट्रस्ट अध्यक्ष अमृतलाल छाजेड़, जैन श्रीसंघ बाड़मेर अध्यक्ष सम्पतराज बोथरा, समाजसेवी जेठमल जैन, शिक्षाविद् डा. बी0डी0 तातेड़ उपखंड अधिकारी 
चौहटन ,भागीरथ चौधरी , पुलिस उपाधीक्षक चैहटन अर्जुनराम चौधरी सहित प्रशासनिक एवं समाजसेवी अपना आतिथ्य प्रदान करेगें। 

कार्यक्रम में जैन समाज के बाबूलाल धारीवाल(रामा), कुष्ठमल डोसी, प्रकाश धारीवाल, प्रकाश बोथरा, आसूलाल सेठिया, भंवरलाल सेठिया, मदनलाल सेठिया, मदनलाल धारीवाल, हंसराज बोथरा, प्रभूलाल मालू, पवन मालू, प्रकाश सोनी, बाबूलाल धारीवाल, मांगीलाल भंसाली, मिश्रीमल छाजेड़, रीखबदास बोथरा, पारसमल सेठिया, माणकमल सेठिया, मोहनलाल सेठिया, चम्पालाल सेठिया, के साथ बड़ी संख्या में जैन समुदाय के महिला-पुरुष व बालिकाएं उपस्थित रहे वहीं श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी जैन श्वेताम्बर तीर्थ के सदस्यगण, विचक्षण स्नात्र मंडल, पारस-आनंद मंडल, कुशल हेम बालिका मंडल, कुशल हेम महिला मंडल, वीतराग संस्कार वाटिका के कार्यकर्तागण व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में अपना सफलतम सहयोग प्रदान किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें