बाड़मेर। खेताराम हत्या प्रकरण में पीडि़त परिवार का न्याय के इंतजार में धरना 16 वें दिन जारी
जिलाध्यक्ष भूराराम भील ने कहा कि धरने पर बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हो रहे है। अगर समय रहते हमारी मांगे पुरी नहीं की तो आन्दोलन को विषाल स्तर पर किया जायेगा और उससे स्थिति बिगड़ती है तो उसके लिए पुलिस प्रषासन की जिम्मेदारी रहेगी। इसका खामियाजा सरकार को भुगतान पडे़गा धरने पर बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष कैलाष रावत, भैरूसिंह फुलवारिया धरने में शरीक हुए।
आज धरने के दौरान उदाराम मेघवाल, मघराम पूर्व सरपंच बंधड़ा, श्रवण कुमार चंदेल, सोनाराम चाडी, किषनलाल जिला परिषद सदस्य, दुर्गाराम सोमोणी पूर्व थानेदार, नाथूसिंह आगौर पूर्व सरपंच, सवाईराम मेघवाल, पूराराम महाबार, रूपाराम, सहित कई दलित नेता धरने में शरीक हुए तथा मृतक के माता पिता, पत्नी व चार मासूम बच्चे आदि उपस्थित रहे।
राजूदास ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि पुलिस के रवैये से लगता है कि वह देाषियों को बचाना चाह रही है। और इसे किसी भी सुरत में बर्दास्त नहीं किया जायेगा और आने वाले समय में क्रमिक अनषन को मजबूर होना पड़ेगा।
बाड़मेर। दलित संघर्ष समिति के संहसयोजक संत राजूदास ने बताया कि खेताराम भील के हत्या प्रकरण को लेकर चल रहे धरने के प्रतिनिधियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष भूराराम भील ने कहा कि धरने पर बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हो रहे है। अगर समय रहते हमारी मांगे पुरी नहीं की तो आन्दोलन को विषाल स्तर पर किया जायेगा और उससे स्थिति बिगड़ती है तो उसके लिए पुलिस प्रषासन की जिम्मेदारी रहेगी। इसका खामियाजा सरकार को भुगतान पडे़गा धरने पर बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष कैलाष रावत, भैरूसिंह फुलवारिया धरने में शरीक हुए।
आज धरने के दौरान उदाराम मेघवाल, मघराम पूर्व सरपंच बंधड़ा, श्रवण कुमार चंदेल, सोनाराम चाडी, किषनलाल जिला परिषद सदस्य, दुर्गाराम सोमोणी पूर्व थानेदार, नाथूसिंह आगौर पूर्व सरपंच, सवाईराम मेघवाल, पूराराम महाबार, रूपाराम, सहित कई दलित नेता धरने में शरीक हुए तथा मृतक के माता पिता, पत्नी व चार मासूम बच्चे आदि उपस्थित रहे।
राजूदास ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि पुलिस के रवैये से लगता है कि वह देाषियों को बचाना चाह रही है। और इसे किसी भी सुरत में बर्दास्त नहीं किया जायेगा और आने वाले समय में क्रमिक अनषन को मजबूर होना पड़ेगा।
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