शुक्रवार, 5 मई 2017

अजमेर,अब नंगे पांव स्कूल नहीं जाएंगे बच्चे अक्षयपात्रा फाउण्डेशन ने बांटे 16 हजार से अधिक बच्चों को जूते



अजमेर,अब नंगे पांव स्कूल नहीं जाएंगे बच्चे

अक्षयपात्रा फाउण्डेशन ने बांटे 16 हजार से अधिक बच्चों को जूते

शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. देवनानी एवं संसदीय सचिव श्री रावत ने किया पदवेश कार्यक्रम का शुभारम्भ

अजमेर, 5 मई। शहर एवं पैराफेरी गांवों की गरीब बस्तियों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों को अब नंगे पैर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। अजमेर शहर एवं आसपास के करीब 16 हजार से अधिक बच्चों को अक्षयपात्रा फाउण्डेशन द्वारा पहनने के लिए जूते दिए जा रहे है। बच्चों को स्वास्थ्य एवं बेहतर शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए फाउण्डेशन द्वारा यह अभिनव शुरूआत की गई है।

अक्षयपात्रा फाउण्डेशन एवं शिक्षा विभाग द्वारा पदवेश वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ आज शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी एवं संसदीय सचिव श्री सुरेश रावत ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे का प्रयास है कि बच्चों को स्कूली स्तर पर ही इस तरह का परिवेश मिले कि भविष्य में वे देश के सुयोग्य नागरिक बन सकें। प्रदेश की शिक्षा को इस तरह आगे बढ़ाया जा रहा है कि विद्यार्थी प्रतिस्पद्र्धी युग में अपने आपको साबित कर सकें।

उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना इसलिए शुरू की गई कि कोई विद्यार्थी भोजन की कमी या गरीबी के कारण स्कूल जाने से वंचित ना रहे। अब अक्षयपात्रा फाउण्डेशन द्वारा सरकारी स्कूलों के बच्चों को पहनने के लिए जूते उपलब्ध कराए जाने की यह पहल निश्चित रूप से क्रांतिकारी साबित होगी। नंगे पैर स्कूल जाने से सर्दी, गर्मी व बरसात को मौसम में गरीब बच्चों को कई तरह की बीमारियों एवं चोट का खतरा बना रहता है। उन्हें पदवेश (जूते) मिलने से हजारों बच्चों को राहत मिलेगी।

शिक्षा राज्य मंत्राी ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में अगले सत्रा से गणवेश में भी परिर्वतन किया जा रहा है। नई गणवेश सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को और अधिक पसंद आएगी । साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहाकि पिछले दो सालों में राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 13 लाख विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। इस साल दस लाख नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह साबित करता है कि राजस्थान में शिक्षा की तस्वीर बदल रही है।

संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य भी आवश्यक है। विद्यार्थियों को खेलों के प्रति भी जागरूक किया जाए। अक्षयपात्रा फाउण्डेशन द्वारा किया जा रहा यह कार्य सराहनीय है। बच्चांे को पौष्टिक मिड डे मील के साथ ही जूते भी मिलने से उनमें स्कूल आने की प्रति रूझान और बढ़ेगा। बच्चे देश का भविष्य है। शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी समझे और विद्यार्थियों को सुयोग्य नागरिक बनाने के लक्ष्य के प्रति जुटें।

अक्षयपात्रा फाउण्डेशन के श्री रघुपति दास ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा समाजहित में विभिन्न कार्य किए जा रहे है। इन कार्यो के लिए फाउण्डेशन को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही अजमेर शहर एवं आसपास के स्कूलों को वितरित किए जाने वाले मिड डे मील की संख्या में और वृद्धि की जाएंगी इससे करीब 13 हजार अतिरिक्त विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री बी.एल. चैधरी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव श्रीमती मेघना चैधरी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

प्रो. देवनानी एवं श्री रावत ने पहनाए बालिकाओं को जूते

पदवेश वितरण कार्यक्रम के दौरान शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी एवं संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत ने बालिकाओं को अपने हाथों से जूते पहनाए । उन्होंने कहाकि भारतीय संस्कृति में कन्या सदैव से पूजनीय रही है।




अजमेर की डाइट व पुस्तकालय बनेंगे आदर्श
अजमेर 5 मई । शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज अजमेर जिले का शिक्षा के क्षेत्रा में कई सौगातें दी। उन्होंने अजमेर के मसूदा स्थित डाइट व संभाग के सबसे बड़े पुस्तकालय को आदर्श बनाने की घोषणा की।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में आयोजित पदवेश वितरण कार्यक्र्रम में शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने यह घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अजमेर के मसूदा स्थित डाईट को और अधिक सशक्त करने के लिए आदर्श डाइट बनाने का निर्णय किया है। इसके साथ ही अजमेर पुस्तकालय को भी सर्वश्रेष्ठ पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा।

प्रो. देवनानी ने बताया कि अजमेर जिले के 16 विद्यालयों को आदर्श एवं 16 विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। शिक्षा विभाग को मजबूत करने के लिए उपनिदेशक स्तर के सभी 36 पदों को पदोन्नति के जरिए भर दिया गया है।

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