बुधवार, 26 अप्रैल 2017

जैसलमेर डीएनपी विकास के लिए 10 करोड़, जयपुर में कल प्रस्तावों पर चर्चा होगी कैर-सांगरी और घी की होगी मार्केटिंग




जैसलमेर डीएनपी विकास के लिए 10 करोड़, जयपुर में कल प्रस्तावों पर चर्चा होगी

कैर-सांगरी और घी की होगी मार्केटिंग

बजट में मिले 10 करोड़ से डीएनपी आबादी का आर्थिक स्तर सुधारने की कवायद, चारागाह विकास के साथ साथ ईको टूरिज्म का डेस्टिनेशन बनेगा डीएनपी



इसबार राज्य के बजट में सरकार जैसलमेर में डीएनपी पर ही मेहरबान दिखी। 10 करोड़ रुपए डीएनपी के लिए और 10.90 करोड़ आकल वुड फोसिल्स पार्क के लिए दिए हैं। डीएनपी को मिले 10 करोड़ को खर्च करने के लिए स्थानीय डीएनपी के अधिकारी ने बेहतरीन कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव बनाए हैं।

यदि ये प्रस्ताव पास हो जाते हैं तो डीएनपी आबादी का अब तक का सबसे बड़ा विकास होगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी। आगामी 27 अप्रैल को जयपुर में इस संबंध में बैठक होगी जिसमें ये प्रस्ताव रखे जाएंगे। डीएनपी के ग्रामीणों का आर्थिक स्तर बेहद ही कमजोर है। ऐसे में डीएनपी के अधिकारी ने अनूठी पहल करते हुए डीएनपी में रहने वाली आबादी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

चारागाह का विकास किया जाएगा

फिलहालडीएनपी क्षेत्र आसपास के क्षेत्रों में चारागाह सिमट चुके हैं। पहले डीएनपी इस इलाके में थारपारकर नस्ल की गायें देगा और बाद में धीरे धीरे चारागाह विकसित किए जाएंगे ताकि कम पशुओं के लिए बेहतर चारा उपलब्ध हो सके।

गायों के बदले दी जाएगी थारपारकर गायें

जानकारीके अनुसार डीएनपी में पशुपालकों के पास बड़ी संख्या में गायें है। किसी के पास 10 तो किसी के पास 25 गायें है। जबकि उनमें से अधिकांश गायें नोन प्रोडक्टिव है। इतनी गायों के बावजूद उन्हें रोजाना 10 से 15 किलो दूध ही मिलता है। ऐसे में अब डीएनपी नोन प्रोडक्टिव गायों को गांव वालों से खरीदकर गौशालाओं में भिजवा देगा और उसके बदले में दो तीन अच्छी नस्ल की थारपारकर गायें देगा। जिससे उन्हें रोजाना 15 से 20 किलो दूध मिल जाएगा।

जैसलमेर जिले के डीएनपी इलाके में होने वाले कैर सांगरी अब दूर दराज के राज्यों में बड़े स्तर पर बेचे जाएंगे। डीएनपी ने अब इनकी मार्केटिंग करने की योजना बनाई है। जिसके चलते डीएनपी की आबादी से विभाग कलेक्शन करेगा। कलेक्शन के बाद कैर सांगरी को अच्छे भावों में बेचा जाएगा। फिलहाल गांवों में पशुपालक घर पर ही घी बनाते हैं, हालांकि वे खुद के उपयोग के लिए ही बनाते हैं। बताया जाता है कि पौष्टिक सेवण घास खाने वाली गायों से मिलने वाले दूध का घी सबसे बेहतर होता है। डीएनपी इस ओर भी पहल करने को प्रयासरत है। ग्रामीण पशुपालकों से इस तरह का घी बनाकर उसकी भी मार्केटिंग डीएनपी द्वारा करवाई जाएगी।

ईको टूरिज्म के तहत होम स्टे का प्रस्ताव

इसप्रस्ताव के तहत ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की भी योजना है। डीएनपी अपने इलाके में ग्रामीणों को होम स्टे शुरू करने के लिए प्रेरित करेगी। डीएनपी आबादी अपने घर के आसपास छोटे छोटे हट्स बनाकर सैलानियों को ठहरा सकेंगे। सैलानियों को घर की तरह ही ठहराना होगा और उन्हें खाना भी घर पर बनाकर खिलाना होगा। इस योजना से डीएनपी आबादी को अपने घर में ही आजीविका का साधन मिल जाएगा।

^इस बार डीएनपी के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ रुपए दिए हैं। इस बजट से डीएनपी में चारागाह विकास के साथ डीएनपी आबादी के आर्थिक स्तर को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे। बेहतरीन प्रस्ताव तैयार किए गए हैं जिससे डीएनपी में रहने वाली आबादी को अच्छा लाभ होगा। प्रस्ताव जयपुर भिजवाए गए हैं। अनूपके.आर., डीएफओ, डीएनपी

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