बाड़मेर जब दनदनाती थार एक्सप्रेस के सामने आ गई जीप
भारत-पाकिस्तान के बीच संचालित होने वाली थार एक्सप्रेस आज तड़के लोको पायलेट्स की सजगता के कारण हादसे का शिकार होने से बच गई। जोधपुर से देर रात रवाना हुई थार एक्सप्रेस दनदनाती हुई मुनाबाव की तरफ बढ़ रही थी कि कवास और उत्तरलाई के बीच एक लेवल क्रॉसिंग पर लोको पायलेट ने कुछ अवरोध देख आपात ब्रेक लगा दिए। इस क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच एक जीप फंस हुई थी। लोको पायलेट्स ने दिखाई सजगता...
- भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस रात एक बजे जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी से रवाना हुई। यह रेल रास्ते में बगैर रुके सीधे भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव जाती है।
- जोधपुर से मुनाबाव के बीच कोई ठहराव नहीं होने के कारण 302 यात्रियों को लेकर थार एक्सप्रेस तेज गति के साथ आगे बढ़ रही थी। इस बीच कवास से थोड़ा अागे निकलने पर लोको पायलेट पूनमचंद और सहायक लोको पायलेट हीरालाल को पटरियों पर कुछ अवरोध नजर आया।
- लोको पायलेट ने तुरंत आपात ब्रेक लगा थार एक्सप्रेस की गति को कम करते हुए रोक दिया। थार एक्सप्रेस लेवल क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच में खड़ी एक जीप के बिलकुल निकट जाकर ठहरी।
- यदि लोको पायलेट्स सजगता नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। यह क्रॉसिंग पार करते समय पटरियों के बीच पहुंच जीप खराब हो गई और वहीं अटक गई। बाद में लोको पायलेट की मदद से जीप को धक्के लगा पटरियों से हटाया गया। करीब पंद्रह मिनट तक वहां ठहरने के पश्चात थार एक्सप्रेस मुनाबाव के लिए रवाना हो पाई।
भारत-पाकिस्तान के बीच संचालित होने वाली थार एक्सप्रेस आज तड़के लोको पायलेट्स की सजगता के कारण हादसे का शिकार होने से बच गई। जोधपुर से देर रात रवाना हुई थार एक्सप्रेस दनदनाती हुई मुनाबाव की तरफ बढ़ रही थी कि कवास और उत्तरलाई के बीच एक लेवल क्रॉसिंग पर लोको पायलेट ने कुछ अवरोध देख आपात ब्रेक लगा दिए। इस क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच एक जीप फंस हुई थी। लोको पायलेट्स ने दिखाई सजगता...
- भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस रात एक बजे जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी से रवाना हुई। यह रेल रास्ते में बगैर रुके सीधे भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव जाती है।
- जोधपुर से मुनाबाव के बीच कोई ठहराव नहीं होने के कारण 302 यात्रियों को लेकर थार एक्सप्रेस तेज गति के साथ आगे बढ़ रही थी। इस बीच कवास से थोड़ा अागे निकलने पर लोको पायलेट पूनमचंद और सहायक लोको पायलेट हीरालाल को पटरियों पर कुछ अवरोध नजर आया।
- लोको पायलेट ने तुरंत आपात ब्रेक लगा थार एक्सप्रेस की गति को कम करते हुए रोक दिया। थार एक्सप्रेस लेवल क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच में खड़ी एक जीप के बिलकुल निकट जाकर ठहरी।
- यदि लोको पायलेट्स सजगता नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। यह क्रॉसिंग पार करते समय पटरियों के बीच पहुंच जीप खराब हो गई और वहीं अटक गई। बाद में लोको पायलेट की मदद से जीप को धक्के लगा पटरियों से हटाया गया। करीब पंद्रह मिनट तक वहां ठहरने के पश्चात थार एक्सप्रेस मुनाबाव के लिए रवाना हो पाई।
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