शोक सभा में सिलेंडर की गैस रिसाव से लगी आग, 4 माह की मासूम की मौत
बाप/जोधपुर.बाप के अखाधना गांव में बुधवार को एक घर में शोक सभा के दौरान चाय बनाते समय गैस सिलेंडर का पाइप लीक होने से आग लग गई। इससे पास के ही कमरे में खाना खा रहे 8 बच्चे 80 से 90 फीसदी तक झुलस गए। इनमें एक 4 माह की मासूम धापू कंवर की मौत हो गई। शेष बच्चों की उम्र 2 से 8 वर्ष के बीच है। सभी बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया। जहां 3 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है।
इनके उपचार के लिए उम्मेद अस्पताल से भी विशेषज्ञ चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की टीम बुलाई गई है। इधर, सूचना पर उपखंड अधिकारी राजेंद्र कुमार डागा, तहसीलदार रणवीरसिंह चौहान व बाप थानाधिकारी किशोरसिंह मय पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचे।
जानकारी के अनुसार दस दिन पहले अखाधना गांव निवासी भोमसिंह के पिता का निधन हो गया था। बुधवार को 11वें दिन डांगड़ी रात का आयोजन होना था। दोपहर में शोक सभा के दौरान कुछ लोग चाय बना रहे थे। उस दरम्यान गैस सिलेंडर का पाइप लीक होने से अचानक आग लग गई। आग से मची अफरा-तफरी में सिलेंडर गिर गया और उसका मुंह पास के कमरे में खाना खा रहे बच्चों की तरफ हो गया। इससे सिलेंडर से निकल रही आग सीधे बच्चों तक पहुंच गई। जिससे रवींद्रसिंह पुत्र नरपतसिंह (8), ममता कंवर (8) पुत्री मालमसिंह, सेणुकंवर (7) पुत्री गुमानसिंह, जेठीकंवर (7) पुत्री हीरसिंह, कुलदीपसिंह (5) पुत्र उम्मेदसिंह, सज्जनसिंह (4) पुत्र गुमानसिंह व उषा (2) पुत्री गुमानसिंह बुरी तरह झुलस गए। इनके पास ही 4 माह की मासूम धापूकंवर पुत्री हीरसिंह सो रही थी, वह भी 80 से 90 प्रतिशत तक जल गई।
उम्मेद अस्पताल से बुलाई शिशु विशेषज्ञ व रेजिडेंट्स की टीम
90 फीसदी तक झुलसे बच्चे जब जोधपुर पहुंचे तब उनकी हालत देख लोग सहम गए। बर्न यूनिट के डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू किया। गंभीरावस्था को देखते हुए एमजीएच के अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने उम्मेद अस्पताल से डॉक्टर्स व रेजिडेंट्स की टीम मांगी। कुछ ही देर में वहां से शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दिलीप गर्ग अपने साथ रेजिडेंट्स व नर्सिंग स्टाफ की टीम
लेकर पहुंचे।
दरवाजे तक लपटें थी... फिर भी आगे आए 3 बच्चों के पिता, वे भी झुलसे, अंतत: दीवार तोड़ कर निकाला
देखते ही देखते आग तेज होने के साथ उसकी लपटें कमरे के दरवाजे तक उठने लगी। ऐसे में कमरे के अंदर जाना संभव नहीं था। आग से घिरे बच्चे मदद को चिल्लाने लगे । तभी तीन युवक हीरसिंह, गुमानसिंह व उम्मेदसिंह बच्चों को निकालने के लिए आगे बढ़े, लेकिन वे भी झुलस गए। फिर हताश परिजनों ने कमरे के पीछे वाली दीवार तोड़ी और एक-एक कर सभी बच्चों को बाहर निकाला। सभी को तुरंत फलौदी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जोधपुर रैफर कर दिया गया।
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