जैसलमेर 201 महारावल रणजीतसिंह (भाटी 62 ) कोट नाचणा व् देवा का निर्माण
:: 201 महारावल रणजीतसिंह ::
महारावल रणजीतसिंह महारावल गजसिंह के लघु भ्राता केसरसिंह के बड़े पुत्र थे | १९०२ वि.में आषाढ़ सुदी ५ को १८४५ ई. में जैसलमेर के राज सिंहासन पर बिराजे | उस समय उनकी आयु महज ३ वर्ष थी | अतः राज्य भार उनके पिता केशरसिंह ने आपने हाथ में लिया | ये पढ़े लिखे व् बुद्धिमान थे | उन्होंने अल्प समय में हि आपने कार्य की कुशलता से राज्य की अच्छी उनत्ती की | बीकानेर और भावलपुर सरहदी झगड़े भी इसी समय अमल लाये गए | सं, १९०७ सरहद नबाब भावल पुर मीर मुराद अली खेरपुर से और सरकार अंग्रेजी गवर्मेंट सिंध से मेजर वीचर नकाल हदूद की हद्बन्धी करायी | संवत १९०९ मारवाड़ पोकरण की सरहद कप्तान सिविल साहेब निकाली | जिसमे गाँव ओढ़ाणीया शासन गयो | मय बहुत सी जमीरे | संवत १९१९ राज बीकानेर से सरहद कप्तान हमलतीन साहेब निकाली | जिसमे धनेरी बहाल रही और राव बरसलपुर की कुछ जमीन गयी | गरांन्धी बांगड़ सर के खेत गए | गाँव रणजीत पूरा गाम गोडू और साचु ,फ़तेहवालों,मेघवालों और ढोलों ,रातेवालों बसाया | डेरो केसरसिंह का बनाया |
:: कोट नाचना व् देवा क निर्माण :;
महारावल रणजीतसिंह ने नाचना व् देवा कोट का निर्माण करवाया |
:: ईसाल में बंगले का निर्माण ::
महारावल ने ईसाल बंगले का निर्माण करवाया | इनका विवाह १.महाजन के ठाकुर अमरसिंह की पुत्री से २.खुहडी के महादान सोढा की पुत्री से हुए |
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