.पाकिस्तान के लाहौर की ये जगह 'हीरा मंडी' के नाम से मशहूर
पाकिस्तान के लाहौर की ये जगह 'हीरा मंडी' के नाम से मशहूर है। ये जगह कभी इस इलाके की शान थी, लेकिन आज ये प्रॉस्टिट्यूशन के लिए बदनाम है। हाल ये है कि अब यहां नाम लेने में भी लोगों को शर्म आती है। यहां रात होते ही रौनक छा जाती है और चारों ओर दलाल और सेक्स वर्कर्स को ढूंढते कस्टमर नजर आते हैं। मजबूरी में सेक्स वर्कर बनने के लिए अलावा यहां कई महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनकी फैमिलीज कई सालों से इसमें शामिल हैं।ऐसे पड़ा हीरा मंडी नाम...
- इस इलाके में कभी सिख राजा हुआ करते थे। उन्हीं में से एक थे रंजीत सिंह।
- इनकी कोर्ट में एक मंत्री के बेटे थे हीरा सिंह। ये इलाका उन्हीं के नाम पर बसा था।
- कभी ये जगह इलाके की शान हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसे हीरा मंडी कहा जाने लगा।
कभी शान हुआ करती थी हीरा मंडी
- हीरा मंडी कभी रिच कल्चर, तहजीब और मेहमान नवाजी के लिए जानी जाती थी।
- उर्दू भाषा और लिटरेचर को पॉपुलर करने में तवायफों का बड़ी भूमिका हुआ करती थी।
- मुगल काल में इन इलाकों में जो तवायफें रहा करती थीं वे म्यूजिक, सिंगिंग और डांस के हाई कल्चर को रिप्रजेंट करती थीं।
- कहा जाता है कि होने वाले शासकों को केयर के लिए इन तवायफों के पास भेजा जाता था।
- तवायफें उनको हेरीटेज की जानकारी और कल्चर सिखाती थीं। हीरा मंडी को शाही मोहल्ला भी कहा जाता है।
- पुराने लाहौर में हीरा मंडी के अलावा रोशनाई गेट, बादशाही मस्जिद, लाहौर फोर्ट और हुजूरी बाग हैं।
ब्रिटिश शासन के दौरा में बदल गया इस जगह का रूप
- बताया जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इन इलाकों का रूप ही बदल गया।
- ब्रिटिशर्स ने तवायफों को प्रॉस्टिट्यूट्स का नाम दिया। इसके बाद से ये इलाके बदनाम होते चले गए।
- दरअसल, ब्रिटिश आर्मी के सोल्जर्स मन बहलाने के लिए यहां आने लगे।
- उन्होंने तवायफों को प्रॉस्टिट्यूशन करने पर मजबूर किया और लंबे समय बाद ये जगह इसके लिए बदनाम हो गई।
तवायफ नाम पर प्राउड फील करती हैं कई लड़कियां
- यहां कई महिलाएं एेसी हैं, जो केवल मुजरा ही करती हैं। इन्हें तवायफ कहा जाता है।
- इनका दावा है कि वे प्रॉस्टिट्यूशन की गंदगी में नहीं उतरीं।
- ये वो महिलाएं हैं, जिनकी फैमिलीज सदियों से ये काम कर रही हैं।
- इनका कहना है कि वे रात को 11-1 के बीच ही मुजरा करती हैं और इन्हें तवायफ कहलाने पर प्राउड फील होता है।
- ये प्रॉस्टिट्यूट्स का विरोध करती हैं और इस काम को गंदा कहती हैं।
पाकिस्तान के लाहौर की ये जगह 'हीरा मंडी' के नाम से मशहूर है। ये जगह कभी इस इलाके की शान थी, लेकिन आज ये प्रॉस्टिट्यूशन के लिए बदनाम है। हाल ये है कि अब यहां नाम लेने में भी लोगों को शर्म आती है। यहां रात होते ही रौनक छा जाती है और चारों ओर दलाल और सेक्स वर्कर्स को ढूंढते कस्टमर नजर आते हैं। मजबूरी में सेक्स वर्कर बनने के लिए अलावा यहां कई महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनकी फैमिलीज कई सालों से इसमें शामिल हैं।ऐसे पड़ा हीरा मंडी नाम...
- इस इलाके में कभी सिख राजा हुआ करते थे। उन्हीं में से एक थे रंजीत सिंह।
- इनकी कोर्ट में एक मंत्री के बेटे थे हीरा सिंह। ये इलाका उन्हीं के नाम पर बसा था।
- कभी ये जगह इलाके की शान हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसे हीरा मंडी कहा जाने लगा।
कभी शान हुआ करती थी हीरा मंडी
- हीरा मंडी कभी रिच कल्चर, तहजीब और मेहमान नवाजी के लिए जानी जाती थी।
- उर्दू भाषा और लिटरेचर को पॉपुलर करने में तवायफों का बड़ी भूमिका हुआ करती थी।
- मुगल काल में इन इलाकों में जो तवायफें रहा करती थीं वे म्यूजिक, सिंगिंग और डांस के हाई कल्चर को रिप्रजेंट करती थीं।
- कहा जाता है कि होने वाले शासकों को केयर के लिए इन तवायफों के पास भेजा जाता था।
- तवायफें उनको हेरीटेज की जानकारी और कल्चर सिखाती थीं। हीरा मंडी को शाही मोहल्ला भी कहा जाता है।
- पुराने लाहौर में हीरा मंडी के अलावा रोशनाई गेट, बादशाही मस्जिद, लाहौर फोर्ट और हुजूरी बाग हैं।
ब्रिटिश शासन के दौरा में बदल गया इस जगह का रूप
- बताया जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इन इलाकों का रूप ही बदल गया।
- ब्रिटिशर्स ने तवायफों को प्रॉस्टिट्यूट्स का नाम दिया। इसके बाद से ये इलाके बदनाम होते चले गए।
- दरअसल, ब्रिटिश आर्मी के सोल्जर्स मन बहलाने के लिए यहां आने लगे।
- उन्होंने तवायफों को प्रॉस्टिट्यूशन करने पर मजबूर किया और लंबे समय बाद ये जगह इसके लिए बदनाम हो गई।
तवायफ नाम पर प्राउड फील करती हैं कई लड़कियां
- यहां कई महिलाएं एेसी हैं, जो केवल मुजरा ही करती हैं। इन्हें तवायफ कहा जाता है।
- इनका दावा है कि वे प्रॉस्टिट्यूशन की गंदगी में नहीं उतरीं।
- ये वो महिलाएं हैं, जिनकी फैमिलीज सदियों से ये काम कर रही हैं।
- इनका कहना है कि वे रात को 11-1 के बीच ही मुजरा करती हैं और इन्हें तवायफ कहलाने पर प्राउड फील होता है।
- ये प्रॉस्टिट्यूट्स का विरोध करती हैं और इस काम को गंदा कहती हैं।
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