सांसद अहमद के घर पहुंचे मोदी, बजट शुरू होने से पहले दी जाएगी श्रद्धांजलि
- केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि परंपरा को देखते हुए बजट को टाला जा सकता है। लेकिन फैसला लोकसभा स्पीकर को लेना है। मुझे उम्मीद है कि इस पर थोड़ी देर में स्थिति साफ हो जाएगी।
कांग्रेस ने कहा- बजट को टाले सरकार
-कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- "ई अहमद का निधन राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान हुआ। उनकी बॉडी भी यहां है। फिर संसद की परंपरा है कि किसी सांसद के निधन पर उसे सदन में श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए।"
- "जेडीयू नेता और एचडी देवगौड़ा चाहते हैं कि बजट को टाल दिया जाना चाहिए। सरकार को पता था कि उनका निधन हो गया है। इसके बात भी जानकारी को रोके रखा गया।"
- "आज 31st मार्च नहीं है। फाइनेंशियल ईयर खत्म नहीं हो रहा है। बजट पेश करने के लिए काफी वक्त है।"
- बता दें कि 1954 में सांसद पॉल जुझर और 1974 में एमबी राणा का का निधन हुआ था। तब भी बजट पेश किया गया था।
एक्सपर्ट का क्या कहना है?
- संविधान एक्सपर्ट सुभाष कश्यप ने एक टीवी चैनल को बताया कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। बस एक परंपरा है। सरकार बजट को टालने के लिए के लिए बाध्य नहीं है।
कौन थे अहमद?
- 78 साल के ई अहमद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद रहे। वे केरल की मलाप्पुरम लोकसभा सीट को रिप्रेजेंट करते थे।
- अहमद यूपीए-1 और यूपीए-2 की सरकार के दौरान लगातार 10 साल विदेश राज्य मंत्री रहे।
- पार्लियामेंट के ज्वाइंट सेशन के दौरान बेहोश होने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें