*बाड़मेर परिवहन विभाग की धांधली।।मोटर टर्निंग स्कूल मौत की सौदागर।।बिना नाम चालन प्रमाण पत्र भी होते जारी।*
बाड़मेर लम्बे समय से बाड़मेर जिले परिवहन कार्यालय में भृष्टाचार और मिली भगत से धांधली की।खबर आरही थी।।विभाग द्वारा एक मोटर ट्रेनिंग स्कूल खुला हैं।।जिसके पास न तो सिखाने का स्थान है न ही कोई वाहन।।एक खटारा वाहन हे जिसपे स्कूल का नाम लिख रखा हैं।।वाहन चालकों से महज वसूली के लिए इसका इस्तेमाल होता हैं।विभाग की और से महज औपचारिकताएं की जाती हैं।मजे की बात है कि पैसे के खेल में बिना नाम पते के चालन प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते हैं।।इस विद्यालय का फर्जीवाड़ा लम्बे समय से चल रहा हैं।मगर अधिकारी आँखे मूँद के बैठे हैं।।मामला गंभीर हैं।।ट्रेनिंग स्कूल बिना ट्रेनिंग के जिस तरह से प्रमाण पत्र जारी कर रही है उससे साफ लगता है कि अधिकारियो की मिली भगत से वाहन चालकों की जिंदगी के साथ खेला जा रहा हैं।बोलता कोई नही।महज एक केबिन में चाक को वाहन चलाना कैसे सीखा सकते हैं।पूरी दाल काली हैं।।
बाड़मेर लम्बे समय से बाड़मेर जिले परिवहन कार्यालय में भृष्टाचार और मिली भगत से धांधली की।खबर आरही थी।।विभाग द्वारा एक मोटर ट्रेनिंग स्कूल खुला हैं।।जिसके पास न तो सिखाने का स्थान है न ही कोई वाहन।।एक खटारा वाहन हे जिसपे स्कूल का नाम लिख रखा हैं।।वाहन चालकों से महज वसूली के लिए इसका इस्तेमाल होता हैं।विभाग की और से महज औपचारिकताएं की जाती हैं।मजे की बात है कि पैसे के खेल में बिना नाम पते के चालन प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते हैं।।इस विद्यालय का फर्जीवाड़ा लम्बे समय से चल रहा हैं।मगर अधिकारी आँखे मूँद के बैठे हैं।।मामला गंभीर हैं।।ट्रेनिंग स्कूल बिना ट्रेनिंग के जिस तरह से प्रमाण पत्र जारी कर रही है उससे साफ लगता है कि अधिकारियो की मिली भगत से वाहन चालकों की जिंदगी के साथ खेला जा रहा हैं।बोलता कोई नही।महज एक केबिन में चाक को वाहन चलाना कैसे सीखा सकते हैं।पूरी दाल काली हैं।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें