बाड़मेर शिव
बहू-बेटों ने बुजुर्ग मां को मारपीट कर घर से निकाला
5 दिन तक आस पड़ौस में भटकती रही भूखी बुजुर्ग महिला
कस्बेके मेघवालों का वास में रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला तारूदेवी बीते 5 दिन से भूखी-प्यासी आसपड़ौस में दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। जी हां, ये वो ही तारूदेवी हैं जिसने 9-9 माह अपने दोनों बेटों को पाला पोषा।
जन्म के बाद 3 साल तक आंचल में छिपा कर स्तनपान करवाया, अंगुली पकड़कर चलना और सतत अभ्यास से बोलना सिखाया, फिर पति का साया उठने पर खुद अकाल राहत में मजदूरी कर स्वयं भूखी रहकर इन बेटों को खाना खिलाया, बेटों का भविष्य संवारने अपना बुढ़ापा सुधारने के लिए पेट काट-काट कर बेटों को पढ़ाया-लिखाया, खुशकिस्मती से एक बेटा पुलिस में सिपाही बन गया। उस दिन तारूदेवी ने पड़ौस में गुड़ बांट कर खुशी का इजहार किया था, लेकिन आज उन्हीं बेटों और उनकी बहुओं ने मिल कर जिंदगी भर रात दिन उनका भला चाहने वाली अपनी बुजुर्ग मां को मारपीट कर दुत्कारने के बाद घर से निकाल दिया।
5 दिन तक तारूदेवी भूखी-प्यासी आसपड़ौस में बेटों बहुओं की अक्ल ठिकाने आने के इंतजार में भटकती रही, आखिरकार मंगलवार को उसके सब्र का बांध टूट ही गया। मंगलवार को तारूदेवी दोनों बहु-बेटों की शिकायत लेकर तहसीलदार हीरसिंह चारण के पास पहुंची, जहां उसने सिसकियां भरते हुए आपबीती बताकर बहू और बेटों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा खुद के जीवन निर्वाह के लिए कानूनी मदद की मांग की।
तहसीलदार चारण ने सारा वृतांत सुनने के बाद महिला को स्टाफ के साथ घर पहुंचा कर मदद का भरोसा दिलाया। दरअसल, कस्बे की अनुसूचित वर्ग की इस 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला तारूदेवी पत्नी हरलाल मेघवाल को मंगलवार दोपहर उसके बहू-बेटों ने लड़ाई झगड़ा मारपीट कर घर से निकाल दिया।
शिव. बुजुर्ग महिला ने तहसीलदार से मदद की गुहार लगाई।
बहू-बेटों ने बुजुर्ग मां को मारपीट कर घर से निकाला
5 दिन तक आस पड़ौस में भटकती रही भूखी बुजुर्ग महिला
कस्बेके मेघवालों का वास में रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला तारूदेवी बीते 5 दिन से भूखी-प्यासी आसपड़ौस में दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। जी हां, ये वो ही तारूदेवी हैं जिसने 9-9 माह अपने दोनों बेटों को पाला पोषा।
जन्म के बाद 3 साल तक आंचल में छिपा कर स्तनपान करवाया, अंगुली पकड़कर चलना और सतत अभ्यास से बोलना सिखाया, फिर पति का साया उठने पर खुद अकाल राहत में मजदूरी कर स्वयं भूखी रहकर इन बेटों को खाना खिलाया, बेटों का भविष्य संवारने अपना बुढ़ापा सुधारने के लिए पेट काट-काट कर बेटों को पढ़ाया-लिखाया, खुशकिस्मती से एक बेटा पुलिस में सिपाही बन गया। उस दिन तारूदेवी ने पड़ौस में गुड़ बांट कर खुशी का इजहार किया था, लेकिन आज उन्हीं बेटों और उनकी बहुओं ने मिल कर जिंदगी भर रात दिन उनका भला चाहने वाली अपनी बुजुर्ग मां को मारपीट कर दुत्कारने के बाद घर से निकाल दिया।
5 दिन तक तारूदेवी भूखी-प्यासी आसपड़ौस में बेटों बहुओं की अक्ल ठिकाने आने के इंतजार में भटकती रही, आखिरकार मंगलवार को उसके सब्र का बांध टूट ही गया। मंगलवार को तारूदेवी दोनों बहु-बेटों की शिकायत लेकर तहसीलदार हीरसिंह चारण के पास पहुंची, जहां उसने सिसकियां भरते हुए आपबीती बताकर बहू और बेटों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा खुद के जीवन निर्वाह के लिए कानूनी मदद की मांग की।
तहसीलदार चारण ने सारा वृतांत सुनने के बाद महिला को स्टाफ के साथ घर पहुंचा कर मदद का भरोसा दिलाया। दरअसल, कस्बे की अनुसूचित वर्ग की इस 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला तारूदेवी पत्नी हरलाल मेघवाल को मंगलवार दोपहर उसके बहू-बेटों ने लड़ाई झगड़ा मारपीट कर घर से निकाल दिया।
शिव. बुजुर्ग महिला ने तहसीलदार से मदद की गुहार लगाई।
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