| बाड़मेर
खुलासा: तांत्रिकयुवती में अवैध संबंध, नानी ने कराया प्रसव, नवजात तांत्रिक को सौंपा, कहा;झाड़ियों में फेंक देयुवती की मां ने घर पर ही करवाई प्रसूति, तांत्रिक को फेंकने के लिए सौंपा
कानून में है 10 साल की सजा का प्रावधान
जिंदा नवजात कन्या को फेंकने के छह दिन बाद युवती, युवती की मां और तांत्रिक तीनों गिरफ्तार
नवजातकी मां रिमांड पर, दो को जेल
ग्रामीण इलाकों मेंं छोड़े मुखबीर से कामयाबी
| बाड़मेर
छहदिन पहले छनाऊ के धनाणियों का तला श्रीरामवाला गांव में मां की ममता और मानवता को तार-तार करने वाली घटना के मामले में पुलिस ने नवजात की मां, तांत्रिक और युवती की मां को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि छह दिन पहले पुलिस को कचरे के ढेर पर नवजात कन्या मिली थी।
दैनिक भास्कर ने नवजात के मामले को गंभीरता से उठाया था। पुलिस की जांच को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद पुलिस ने नवजात मिलने के मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी मां और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। चौहटन थानाधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने बताया कि एसपी गगनदीप सिंगला के निर्देश पर एएसआई रामूराम अन्य पुलिस जवानों की टीम गठित की गई। मौके पर पहुंचे और लोगों से पूछताछ की गई। आसपास के ग्रामीणों को विश्वास में लेकर मुखबीर बनाया। इस पर मुखबीर से मिली सूचना पर पुलिस ने संदिग्ध घर में दबिश दी और संदिग्ध लोगों को दस्तयाब कर पूछताछ की तो सच सामने गया। इस पर पुलिस ने मां-बेटी और बेटी के प्रेमी को गिरफ्तार किया है।
बाड़मेर में पुलिस ने लावारिस नवजात मिलने के मामले में पहली बार आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की है। इससे पहले की घटनाओं में पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा। फिलहाल मासूम जोधपुर है और स्वस्थ है। आरोपी युवती अविवाहित है। पुलिस ने उसकी मां और तांत्रिक को जेल भेज दिया है। जबकि नवजात की मां को रिमांड पर लिया गया है। तीनों आरोपियों को कानून के मुताबिक दस साल की सजा का प्रावधान है। नवजात का अभी कोई पालनहार नहीं है। ऐसे में वह जोधपुर शिशु गृह में ही रहेगी।
झाड़-फूंक के दौरान हो गए अवैध संबंध
धनाणियोंका तला श्रीरामवाला का रहने वाला पूर्णगिरी पुत्र साधुराम गोस्वामी झाड़-फूंक का काम करता है। एक घर में वह झाड़-फूंक के लिए जाता रहता था। इस बीच वहां 22 वर्षीय युवती से उसके अवैध संबंध हो गए। कुछ समय बाद युवती की मां को पता चला कि उसकी बेटी गर्भवती है। इसके बाद आरोपी युवती की मां ने बदनामी के डर से अपनी बेटी की घर पर ही प्रसूति करवाई। आरोपी तांत्रिक पूर्णगिरी को घर पर बुलाकर पूरी सच्चाई बताई तो उसने भी अवैध संबंध स्वीकार कर लिया। दोनों ने बदनामी के डर से नवजात को ठिकाने लगाना ही उचित समझा। इसके बाद तांत्रिक ने नवजात को ठिकाने लगाने के लिए झाड़ियों में कचरे के ढेर पर फेंक दिया।
अगर कोई बच्चा जीवित पैदा हुआ हो और उसे मृत्यु कारित करने का कार्य किया जाए तो आईपीएस की धारा 315 लागू होती है। इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। इसी तरह अगर 12 साल से कम उम्र के बच्चे को उसके माता-पिता या उसका ध्यान रखने वाला व्यक्ति परित्याग कर दे तब धारा 317 लागू होती है। इसमें सात साल की सजा का प्रावधान है। इसी तरह अगर कोई गैर इरादतन हत्या करे तब धारा 308 लागू होती है। इसमें 7 साल की सजा का प्रावधान है। पुलिस ने आरोपी युवती, युवती की मां और उसके प्रेमी के खिलाफ आईपीसी की धारा 315, 317 और 308 में मामला दर्ज किया है।
दैनिक भास्कर ने 3 दिसंबर के अंक में एक दिन की नवजात काे झाड़ियों में फेंका, 6 घंटे सर्दी में रही, हालात बिगड़ी, लेकिन जिंदगी जीत गई शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद लगातार भास्करने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। लावारिस नवजात मिलने का यह पहला मामला है, जिसमें पुलिस ने उसकी मां और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जोधपुर के शिशु गृह में है नवजात
कचरेके ढेर पर मिली नवजात का जिला अस्पताल में तीन दिन इलाज के बाद दो दिन पहले ही बाल कल्याण समिति बाड़मेर ने नवजीवन संस्थान जोधपुर को सुपुर्द कर दिया था। नवजात को गोद लेने के लिए बाड़मेर में करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने इच्छा जताई थी, लेकिन नियमों की आड़ में उसे 3 माह तक गोद नहीं लिया जा सकता है।
घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की। करीब तीन दिन बाद मुखबीर से सूचना मिली कि एक युवती के गर्भवती होने के बाद अब गांव के लोगों को शक है। इस पर पुलिस ने दबिश देकर आरोपी युवती और उसकी मां से पूछताछ की तो सच सामने गया। युवती ने तांत्रिक से अवैध संबंध होना स्वीकार किया। इस पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
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