पूर्व में छाया पश्चिमी थार का संगीत, नियाज खां को मिला मरूधारा सम्मान
-कोलकत्ता में मिला पुरूस्कार, मारवाड़ में ख़ुशी की लहर
बाड़मेर
बरसो से चली आ रही रवायदो, यहाँ के लोकरंग और संगीत को सहेजकर आगे बढ़ाने वाले लोकगायकों के खाते में एक और ख्याति जुड़ गई है। थार के फनकार और अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक गायक नियाज खान को पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकत्ता में मरूधारा सम्मान से नवाजा गया है। नियाज खान को मिले इस सम्मान के बाद पूरे मारवाड़ में ख़ुशी की लहर है। स्थानीय इंद्रा कॉलोनी, इंद्रा नगर और कलाकार कॉलोनी में लोगो ने नियाज खान को इस पुरुस्कार से नवाज़े जाने पर खुशी जाहिर की है। बीते कई बरसो से देश भर में अपनी माटी और अपने संगीत के लिए कुछ विशेष करने वाले कलाकारों को दिया जाने वाला यह अहम सम्मान है। भुवलका जन कल्याण ट्रस्ट द्वारा एक समारोह में नियाज खान को इक्कतीस हजार रूपये, स्मृति चिन्ह और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। भुवलका जन कल्याण ट्रस्ट की अध्यक्ष उषा झुनझुनवाला, उपाध्यक्ष लक्ष्मी बाजोरिया, सचिव
माधुरी बागड़ी ने उन्हें यह सम्मान देते हुए नियाज खान को आने वाली पीढ़ी को राजस्थान के लोक संगीत और लोक गायकी से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बताया है। उन्होंने इस सम्मान में लिखा कि नियाज खान की निरंतर साधना, सृजनात्मक प्रतिभा से राजस्थानी लोक सस्कृति को उन्नति मिली है। बाड़मेर के इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले नियाज खान रमजान खान के बेटे है और इनके बड़े भाई अनवर खान ख्यातिनाम लोक गायक है। इंडियन आईडल फेंम स्वरूप खान के पिता नियाज खान अब तक अपनी झोली में एक दर्जन से अधिक पुरूस्कार अर्जित कर चुके है।
विदेशो में धमक, बॉलीवुड में धाक
मरुधारा सम्मान से सम्मानित नियाज खान अब तक कई देशों की यात्राएं कर यहाँ के लोकसंगीत का परचम विदेशी धरा पर बिखेर चुके है वही नियाज के परिवार के तरानों की धमक बॉलिवुड में भी नजर आती है। स्थानीय इंद्रा कॉलोनी में रहने वाले नियाज खान के परिवार ने अब तक पीके, धनक, रंग रसिया, डेंजरस इश्क, प्रचण्ड, हवा हवाई, फिल्मिस्तान समेत एक दर्जन से भी अधिक बॉलीवुड फिल्मों में अपनी आवाज दी है वही कई ख्यातनाम गायक इस परिवार के साथ मंच साझा करने के साथ अपने एलबमो में इन्हें प्रमुखता से जगह दे चुके है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें