शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016

बहन की चिता देखते ही तय कर लिया था, शादी तो जीजाजी से ही करनी है

बहन की चिता देखते ही तय कर लिया था, शादी तो जीजाजी से ही करनी है
Komal Savliya
राजकोट। एक्सीडेंट के बाद जब बहन की अंत्येष्टि हो रही थी, तभी सोच लिया था कि अब तो शादी अपने जीजाजी से ही करनी है। मुझे खुशी है कि शादी होते ही मैं मां बन गई। वह भी अपने भांजे की। मौसी से मां बनने वाली कोमल ने बताया कि जब मैं भांजे स्मित की मौसी थी, तब भी उसे मां जैसा ही प्यार देती थी। पूरे परिवार को मनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। 8 साल के भांजे का सवाल था…

मेरे सामने 8 साल के विकलांग भांजे स्मित का सवाल था। जब मैंने परिवार को बताया कि मैं स्मित की मां बनना चाहती हूं, तो सभी हतप्रभ रह गए। यहां तक कि मेरे जीजाजी भावेश को भी आश्चर्य हुआ। उन्होंने मुझे समझाया कि तुम्हारे भविष्य का सवाल है। पर मैंने सभी को समझाया कि अब यदि भावेश दूसरी शादी करते हैं, तो दूसरी मां क्या भावेश को वह प्यार दे पाएगी? अगर नहीं दे पाई, तो स्मित का क्या होगा? मेरे इस विचार से परिवार वाले मान गए।

बहन थी, तब भी मैं स्मित को मां जैसा ही प्यार देती थी

मेरी बहन थी, तब स्मित छोटा था, उस समय मैं उसे मां की तरह ही प्यार करती थी। वह भी अपनी मां से ज्यादा समय मेरे साथ गुजारता था। उसे किसी दूसरे के हवाले कैसे किया जा सकता था? मैंने मन ही मन तय कर लिया था कि मैं किस्मतवाली हूं कि शादी से पहले ही मां बन गई।

पत्नी के अवसान के बाद बच्चे की चिंता थी

जामनगर के मंडप में सर्विस का बिजनेस करने वाले भावेश ने बताया कि पत्नी के अवसान के बाद बच्चे की चिंता थी। उस दुर्घटना में स्मित ने अपना एक हाथ ही गवां दिया था। मुझे क्या करना है, यह विचार ही नहीं कर पा रहा था। कोमल के एक विचार ने मेरी जिंदगी ही बदल दी। मैंने कोमल को समझाया भी कि तुम्हारे अपने सपने होंगे, तुम उसे पूरा करो। पर उसका स्मित के प्रति प्यार देखकर मैंने हार मान ली। अंतत: मैंने उसके साहसभरे निर्णय को स्वीकार कर लिया।

कोमल का साहसिक निर्णय

जेतपुर के नवागढ़ में रहने वाले चंदूभाई सावलिया की बेटी अविन की शादी जामनगर के भावेश के साथ हुई थी। उनका एक बेटा स्मित है। हाल ही में हुए एक एक्सीडेंट में अवनि की मौत हो गई, स्मित का दायां हाथ भी कट गया। उसके भविष्य की चिंता सभी को थी। पर अवनि की छोटी बहन कोमल ने साहसिक निर्णय लेते हुए स्मित की मौसी से मां बनने का निश्चय किया। समाज ने कोमल के साहसिक निर्णय की प्रशंसा की और एक प्रेरणा माना।

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