शनिवार, 31 दिसंबर 2016

बाड़मेर.25 साल बाद बुजुर्ग पिता को मिला नववर्ष का 'हीरा'



बाड़मेर.25 साल बाद बुजुर्ग पिता को मिला नववर्ष का 'हीरा'


बुढे माता-पिता अपने बैटे को 25 वर्ष पहले भाग गया था। लेकिन उन्हें ये पता नहीं था, कि इस तरह नव वर्ष पर तोहफा मिलेगी। बैटा 25 वर्ष पहले गुम हो गया था। उसके बाद जब 25 वर्ष बाद 31 दिसम्बर को घर लौटा तो गांव में खुशी का माहौल हो गया। ढाणी के लोग गुड-मिठाईयां लेकर घर पहुंचे। ढोल-ढमाकों के साथ स्वागत हुआ। गांव व परिवार में खुशी के जश्न देखने को मिला।

जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र की छोटू पंचायत की अर्जुन की ढाणी निवासी हरजी राम जाट का पुत्र हीराराम 25 साल से पहले वर्ष 1993-94 में अचानक घर से लापता हो गया। इस दौरान वह 9 वीं कक्षा में अध्यनरत था, वह नवीं कक्षा में उत्तीर्ण हो गया था, उसके बाद तनाव में रहने लगा और घर छोड़कर चला गया। उसके घर से जाने के बाद परिजन हीरा के आने का इंतजार करते रहे। धीरे-धीरे एक साल बीता, दो साल बीते और साल बीतते-बीतते 25 साल का समय गुजर गया।

लग गया मजदूरी पर, व्यवसाय के साथ बसाया घर

घर से जाने के बाद हीरा पंजाब के जालन्धर चला गया। वहां पर किसी के मजदूरी करके पेट भरने लगा। और कुछ सालों बाद हीरा ने वहीं पर सिख समुदाय की लड़की रिंकी से शादी कर ली। मजदूरी करते हुए धीरे-धीरे उसने अपनी खुद की किराणे की दुकान लगाई। इसके साथ वहां पर प्लॉट खरीदा और घर बना कर हंसी ख़ुशी गृहस्थी का जीवन जीने लगा। हीरा के के दो बच्चे है लड़का मेजरसिंह और लड़की गुरुप्रीत है। जो वहां पर स्कूल में अध्ययनरत है।

पत्नी की जिद के आगे झुका हीरा

घर से चले जाने के बाद हीरा ने वहीं पर शादी कर व्यवसाय शुरू करके और घर बना कर रहने लगा। लेकिन वापस घर जाने की कभी नहीं सोची। उसकी पत्नी ने हीरा को घर लौटने के लिए कई बार कहा लेकिन हिरा नहीं माना । एक दिन पत्नी रिंकी ने जिद करते हुए कहा कि मेरा भाई भी कई साल से लापता है, आज तक उसका कोई पता नहीं चला पाया है, मेरे माता-पिता बहुत दु:खी जीवन व्याप्त कर रहे है। तो तूम भी सोचो तुम्हारे माता-पिता के क्या हाल होंगे। पत्नी की जिद पर आखिर हीरा मान गया। और उसने अपने घर का पता देकर बेटा-बेटी और पत्नी को घर भेज दिया। और कहा कि मेरे माता-पिता से बात करने के बाद में आऊंगा।

29 को आयी थी हीरा की पत्नी रिंकी

हीरा की पत्नी अपने बेटा बेटी के साथ 29 दिसम्बर को हीरा के घर पहुंची थी। पर यहाँ पर कोई जान पहचान नहीं होने की वहज से उसके घर में आने नहीं दिया गया। किसी अनजान महिला के बच्चों के साथ आने जानकारी मिलते ही आस पास के ग्रामीण एकत्रित हो गए। उसने हीरा फ ोटो दिखाए और फ ोन पर हीरा से बता करवायी। बैटे से 25 साल बाद बात होने पर माता-पिता के आँखों में ख़ुशी के आंसू झलक पड़े। और हीरा ने कहा कि मैं कल रवाना हो रहा हूँ । और घर आ रहा हूँ ।

आखिर मिल गया नए वर्ष का तौहफा

हीरा शनिवार शाम को कालका एक्सप्रेस से बाड़मेर पहुंचा । रेलवे स्टेशन पर परिजनों ने हीरा का स्वागत किया । हीराराम के घर पहुंचे पर माँ राजोंदेवी के आँखों में से आंसू छलक पड़े । वहीं 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता हरजीराम के लिए नववर्ष 2017 खुशियां लेकर आया और 25 साल से लापता बेटा वापस घर आ गया। पिता हरजीराम कहते हैं कि जिसका वह पिछले 25 साल से इंतजार कर रहे थे उसका घर लौटना उनके लिए सौभाग्य की बात है। माँ राजोंदेवी बताती है कि उसने अपने बेटे के घर लौटने की आस कभी नहीं छोड़ी थी। हीरा के घर आने की खबर मिलते ही सैकडों की संख्या में ग्रामीण हीरा के घर पहुंचे और कुशलक्षेम पूछी ।

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