लसानी.नोटबंदी के दौर में ये दूल्हा बैलगाड़ी पर बैठ ले आया अपनी दुल्हन, 11 बैलगाडिय़ों में निकली बारात
नोटबंदी और आज के महंगी शादियों और दिखावे के दौर में ठिकरवास कलां निवासी सम्पतलाल कैलाश चन्द्र बम्ब के पुत्र राहुल की शादी कुछ हटकर हुई। शादी के माध्यम से लोगों को संस्कृति व सादगी को अपनाने की प्रेरणा दी गई। इसको लेकर उन्होंनेे वर्तमान में लगभग विलुप्त हो चुकी बैलगाड़ी तक का जुगाड़ कर लिया। यह भी एक-दो नहीं, बल्कि पूरी 11 बैलगाडिय़ों का।
इनमें गुरुवार दोपहर एक बजे गांव से बारात लसानी निवासी महेन्द्र कुमार पुत्र बाबूलाल मेहता की पुत्री वंदना से शादी के लिए रवाना हुई। ग्रामीण क्षेत्र में इस अंदाज में जब बारात निकली तो उसकी झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ जुटती गई। लंगा पार्टी की प्रस्तुतियों, लोक कलाकरों के नृत्य व ढोल नगाड़ो के वादन के साथ रवाना हुई बारात ने तीन घण्टे में पांच किलोमीटर का सफर पूरा किया। इसमें बैलगोडिय़ों के साथ ही पांच घोड़े भी शामिल थे। बैलगाडिय़ों में परिजन और बाराती सवार थे।
इनमें गुरुवार दोपहर एक बजे गांव से बारात लसानी निवासी महेन्द्र कुमार पुत्र बाबूलाल मेहता की पुत्री वंदना से शादी के लिए रवाना हुई। ग्रामीण क्षेत्र में इस अंदाज में जब बारात निकली तो उसकी झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ जुटती गई। लंगा पार्टी की प्रस्तुतियों, लोक कलाकरों के नृत्य व ढोल नगाड़ो के वादन के साथ रवाना हुई बारात ने तीन घण्टे में पांच किलोमीटर का सफर पूरा किया। इसमें बैलगोडिय़ों के साथ ही पांच घोड़े भी शामिल थे। बैलगाडिय़ों में परिजन और बाराती सवार थे।
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