शनिवार, 12 नवंबर 2016

अजमेर नेकी की दीवार का शुभारम्भ पहले ही दिन हुजुम उमड़ा



अजमेर नेकी की दीवार का शुभारम्भ

पहले ही दिन हुजुम उमड़ा


अजमेर 12 नवम्बर। शहर के सामाजिक एवं पर्यावरण सरोकारों को समर्पित संस्था अपना अजमेर के तत्वावधान में आज सूचना केन्द्र परिसर की दीवार पर एच.डी.एफ.सी. बैंक के सामने नेकी की दीवार का शुभारम्भ किया गया। इस परिसर में शहरवासी अपनी अतिरिक्त सामग्री को यहां जमा करा सकेगें और जिन्हें उन वस्तुओं की आवश्यकता होगी वे यहां से ले सकेगें। यह कार्य पूर्ण रूप से निःशुल्क होगा।

संस्था के सूत्राधार कंवल प्रकाश किशनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण को समर्पित संस्था अपना अजमेर का सामाजिक सरोकार में यह अनुठा प्रयास किया है। इस परिसर को बहुत आकर्षक रूप से सजाया गया है। प्रत्येक दानदाताओं द्वारा दी जाने वाली वस्तुओं के लिये अलग-अलग स्थान निर्धारित किये गये है जिनमें विषेश रूप से गर्म कपड़े, सादे कपड़े, बर्तन, जुते-चप्पल, खिलौने, स्कूल बैग, किताबें, मेग्जीन, शाॅल, कम्बल एवं दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं के लिये अलग-अलग स्थान बनाये गये है। उन्होने अपील की है कि दानदाता खाद्य सामग्री एवं दवायें यहां पर न रखें।

नेकी की दीवार के शुभारम्भ के अवसर पर श्री हनुमान सिंह राठौड़ ने कहा कि यह अजमेरवासियों के लिये एक विशेष सोगात है। उन्होने कहा कि हम लोगों के पास ऐसे अनेक वस्तुऐं है जिनका हम उपयोग नहीं कर पा रहे है, लेकिन वे किसी ओर के काम आ सकती है। यहीं बात ध्यान में रखकर आरम्भ की गयी नेकी की दीवार एक अनुठा प्रयास है। उन्होने कहा कि यदि कोई व्यक्ति खुद के लिये अनुपयोगी वस्तु को अन्य व्यक्ति को दान में देता है तो उसके मन में दाता का भाव पैदा होता हैं। जबकि वस्तु स्थिति यह है कि हर वस्तु ईश्वर की दी हुई है यदि उसका हमारे लिये उपयोग नहीं है तो उसे ईश्वर के नाम ही अर्पण कर देना चाहिए ताकि वह अन्य जरूरतमंद के काम आ सके। एक ओर बड़ी बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति किसी से दान में कोई वस्तु लेता है तो उसके अन्दर दीनता का भाव आता है लेकिन यहां से कोई भी सम्मान के साथ वह वस्तु ले जा सकता है। उन्होने बताया कि हमारे ग्रंथों में भी कहा है कि जब दायिना हाथ दान करे तो बायें हाथ को भी उसका पता नहीं लगना चाहिए। वहीं बात यहां चरितार्थ होती है।

राजस्थान धरोहर प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकर सिंह लखावत ने कहा कि समाजसेवा के लिहाज से यह अभियान अत्यंत उपयोगी है और भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् का साक्षात उदाहरण है।

नगर निगम उप महापौर सम्पत सांखला ने कहा कि यह कार्यक्रम मानव में सेवा का भाव उत्पन्न करता है। साथ ही यहां वस्तु छोड़ जाने वाले के मन में संतोष का भाव पैदा होता है कि उसके लिये अनुपयोगी वस्तु किसी ओर के काम आ रही है। उन्होने उपमहापौर के नाते शहरवासियों से अपील की कि इस अभियान से जुड़कर इसका लाभ उठायें।

प्रो. बी.पी. सारस्वत ने कहा कि अपने घरों पर जो अतिरिक्त सामान है हमारी दृष्टि से वो फैशन से बाहर आ गया है या पुराना हो गया है, पर अभी भी उपयोगी है। ऐसे सामान को यहां पर अजमेर की जनता यहां पर लाकर छोड़ सकती है और जो ऐसे लोग पिछले है, वांछित है, गरीब है जिनको कपड़े की आवश्यकता है, उन्हें यहां सुलभ है गर्म कपड़ो कि आवश्यकता है उनको कपड़ा, सामान मिल जाये। ताकि वह लोग उसका उपयोग करके। हमारी प्रदेश की मुख्यमंत्राी वसुंधरा राजे ने यह आहवान किया था कि जो हमारी बुक स्टाॅल, खिलौने, कपड़े इनका एक बैंक बनाया गया और इसी के अनुरूप आज नेकी की दीवार शुरू हुई।

धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपना अजमेर संस्था के सम्पर्क प्रमुख विनीत लोहिया ने बताया कि इस मुहिम में लोगो का जनसहयोग मिल रहा है व रोजाना सुबह से शाम तक इस नेकी की दीवार पर वस्तुओं का आदान प्रदान जारी रहेगा।

इस अवसर पर गणमान्य जनप्रतिनिधी, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक, धार्मिक संस्था पदाधिकारी, कार्यकर्ता के साथ जे.के. शर्मा, वनिता जैमन, हरी चन्दनानी, गिरधर तेजवानी, भगवान कलवानी, नीरज जैन, भारती श्रीवास्तव, दुर्गादास शर्मा, गजेन्द्र के. बोहरा, आनन्द सिंह राजावत, अरविन्द शर्मा गिरधर, दिलिप पारीक, महेश लखन, अरूण अरोड़ा, अरूणा माथुर, महेन्द्र जैन मित्तल, अशोक शर्मा, इन्दर खब्बर, अनीश मोयल व अन्य पर्यावरण मित्रा उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें