नई दिल्ली।चीन बॉर्डर पर वायु सेना ने दिखाया दम, सीमा के नजदीक उतारा ग्लोबमास्टर
पूर्वोत्तर में चीन से लगती सीमा के निकट आधारभूत सुविधाओं की कमी को कुछ हद तक पूरा करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल करते हुए वायु सेना ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी सीमा के बेहद निकट मेचूका एडवांस लेंडिंग ग्राउंड (एलएजी) पर छोटे विमान उतारने के बाद विशालकाय मालवाहक विमान सी-17 को गुरुवार को सफलतापूर्वक उतारने में कामयाबी हासिल की।
चीनी सीमा से केवल 29 किलोमीटर दूर यह एएलजी 6200 फुट की ऊंचाई पर है और मात्र 4200 फुट लंबी है। यह डिब्रुगढ़ से 500 किलोमीटर दूर है और वहां से सड़क के रास्ते यहां पहुंचने में आम तौर पर दो दिन लगते हैं।
वायु सेना इससे पहले यहां एएन-32 और सी-130 जे जैसे मालवाहक विमानों को सफलतापूर्वक उतार चुकी है। घाटियों और ऊंची पर्वत चोटियों से घिरे इस क्षेत्र में अब वायु सेना आसानी से रसद और जवानों को पहुंचा सकती है। यह उसकी बहुत बड़ी असफलता है।वायु सेना पिछले कुछ समय से पूर्वोत्तर की सभी एएलजी को सक्रिय करने के अभियान में लगी है और उसने इस दौरान इस तरह की कई एएलजी से विमान उडानों का सफलतापूर्वक संचालन किया है। इससे इन स्थानों अब नागरिक उडानों के संचालन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
इससे पूर्वोत्तर के दूर दराज के क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सी-17 भारत का सबसे बड़ा मालवाहक विमान है और इस एएलजी पर इसे उतारने वाले चालक दल में ग्रुप कैप्टेन टीआर रवि, विंग कमांडर पी सिसोदिया, विंग कमांडर एके पटनायक , एम डब्ल्यूओ त्रिपाठी और डब्ल्यू ओ निराना राम शामिल हैं।
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