बेटे की हत्या के बाद पिता ने ऐसे लिया था बदला, देख कांप गई लोगों की रूह
इंदौर।बेटे के अपहरण और हत्या के बदले हत्या करने वाले डॉक्टर के खिलाफ जिला कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। बता दें कि आरोपी डॉक्टर के 13 साल के बेटे की एक शख्स ने सुपारी देकर हत्या करवा दी थी। बेटे की हत्या होने पर डॉक्टर ने आरोपी के भतीजे को बहुत दर्दनाक मौत दी थी।ऐसी है सनसनीखेज मर्डर की कहानी...
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- मामला दिसंबर 2015 का है। जब डकाच्या के मेडिकल स्टोर संचालक अशोक मिश्रा के बेटे कार्तिक(13) का 2 दिसंबर की रात अपहरण हो गया था।
- अपहर्ताओं ने पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी। दो दिन बाद कार्तिक का शव महेश्वर में नर्मदा नदी में मिला था।
- कार्तिक नौवीं कक्षा में था और सत्यसाईं चौराहे के पास स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ने जाता था।
कार से ले गए थे बेटे का शव, अकेले किया था अंतिम संस्कार
- बेटे की मौत के बाद अशोक और उनके परिवार को गांववालों से नफरत हो गई थी। उन्होंने बेटे के अंतिम संस्कार में गांव के किसी भी व्यक्ति को शामिल होने नहीं दिया था।
- पति-पत्नी और बेटी अपनी कार में शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे और पिता ने अकेले ही अंतिम संस्कार कर दिया था। वहीं मां कार में बैठे-बैठे बेहोश हो गई थी।
- पुलिस ने कार्तिक का कत्ल करने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से एक अशोक की दुकान के सामने मेडिकल स्टोर संचालित करता था। वहीं दूसरा पानी बतासे बेचता था।
- अशोक को बेटे की हत्या के मामले में डॉ. कैलाश कोठारी पर शक था। पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोठारी से पूछताछ की थी, लेकिन पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला था।
- पुलिस ने भले ही कार्तिक हत्याकांड में डॉ. कोठारी को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन अशोक अभी भी अपने बेटे की हत्या का जिम्मेदार उन्हें ही मानता था।
- इसीलिए उसने डॉ. कोठारी के बेटे को गोलियों से भून दिया। जब गांव के लोगों ने उसे पकड़ा तो उसने कहा कि मेरे बेटे की मौत पर मुझे भी इतनी ही पीड़ा हुई थी।
मई 2016 में पिता ने लिया बेटे की मौत का बदला
- 15 मई को कार्तिक के पिता अशोक मिश्रा ने डॉ. कैलाशचंद्र कोठारी के 26 साल के बेटे पंकज की गोली मारकर हत्या कर दी।
- प्रत्यक्षदर्शी 50 वर्षीय डॉ. कोठारी ने बताया कि मेरे क्लिनिक के बाहर ही बेटे का पंकज मेडिकल स्टोर है।
- अशोक के सिर पर किस कदर खून सवार था इसका पता इसी बात से चलता है कि वह लोडेड दो पिस्टल के साथ अलग से कारतूस भी लाया था।
- मैं दिन में क्लिनिक पर ही था तभी गोलियां चलने की आवाज आई। बाहर आया तो देखा पंकज खून से लथपथ फर्श पर गिर पड़ा था।
- सामने ही हेलमेट लगाया एक व्यक्ति था। उसके हाथ में पिस्टल थी।
- उसने मुझसे कहा- तुमने मेरे बेटे को मारा था ना... अब मेरा कलेजा ठंडा हुआ। तब समझ आया कि यह अशोक मिश्रा है।
गिरने के बाद भी चलाता रहा गोली
- सुभाष चौधरी ने बताया कि अशोक डॉ. कैलाश कोठारी और बेटे पंकज को मारने के लिए पूरी तैयारी से आया था।
- पंकज को मारने के बाद वह डॉ. कोठारी को भी मारना चाहता था। डकाच्या के सुनील चौधरी घटना के कुछ देर पहले इलाज करवाने पहुंचे थे।
- सुनील ने बताया जब मैं क्लीनिक पहुंचा तो पंकज वहां बैठा था, लेकिन डॉक्टर नहीं थे।
- थोड़ी देर बाद डॉक्टर पहुंचे और मेरा चेकअप कर मुझे सलाइन चढ़ाने का कहा।
- पंकज को दवाई की पर्ची देकर मुझे भीतर जाकर लेटने को कहा और वे पीछे की तरफ चले गए।
- मैं जाकर लेटा ही था कि अचानक धमाके जैसी आवाज आई। मुझे लगा कहीं शॉर्ट सर्किट हुआ है या फिर डीपी उड़ी होगी।
- मैं आवाज सुनकर बाहर आया तो मेरे होश उड़ गए। पंकज खून से लथपथ पड़ा था। अशोक पिस्टल लेकर खड़ा था।
- उसने दूसरी पिस्टल निकालकर डॉक्टर पर तानी। डॉक्टर ने उसका हाथ पकड़ा और छीनाछपटी करने लगे।
- मैंने भी अशोक को पकड़ लिया तो वह काबू में आया। पुलिस ने अशोक से दो पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस जब्त किए। मौके पर सात गोली के चले हुए खोल मिले।
अशोक बोला- मैंने उसके बेटे को छीन लिया
- गांववालों ने अशोक को पकड़ा तो वह चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगा मेरा बदला पूरा हो गया। अब मेरे साथ कुछ भी हो जाए मुझे उसकी परवाह नहीं।
- उसने कहा- इसी डॉक्टर ने मेरे बेटे को मुझसे छीना था, मैंने उसके बेटे को छीन लिया। मैं इसकी तैयारी एक महीने से कर रहा था।
- जब अशोक से पूछा गया कि ऐसा क्यों किया तो उसने कहा- मेरी पत्नी और बेटी रोज रोती हैं। मैं उन्हें देख नहीं पा रहा था।
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