गुरुवार, 24 नवंबर 2016

जोधपुर बहू की हत्या पर ससुराल के दस जनों को उम्रकैद



जोधपुर बहू की हत्या पर ससुराल के दस जनों को उम्रकैद
बहू की हत्या पर ससुराल के दस जनों को उम्रकैद

अपर जिला व सेशन न्यायालय (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) की न्यायाधीश शिवानी जौहरी भटनागर ने विवाहिता की जला कर हत्या करने के जुर्म में पति सहित महिला के ससुराल पक्ष के दस आरोपियों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही मृतका के दो नाबालिग पुत्रों के खाते में 1 लाख 50 हजार रुपए राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराने के आदेश दिए।

उसके दो बच्चे हैं

मामले के अनुसार भीयाडिय़ा (ओसियां) निवासी पतासी पत्नी मूंजाराम विश्नोई ने 19 अगस्त, 2009 को महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान पर्चा बयान दिया कि, मेरी शादी बचपन में दांतिवाड़ा निवासी मूंजाराम पुत्र भींयाराम सारण से हुई थी। मुकलावा करवाए आठ साल हो गए। उसके दो बच्चे हैं।

केरोसिन डाल कर आग लगा दी

पिछले तीन-चार सालों से उसकी सास सोहनी, ससुर भींयाराम, बड़ा ससुर केशाराम, मांगीलाल, सुनील, रमेश, देवर चेनाराम, जेठ धन्नाराम, ओमा और रामकंवरी यह सभी तंग-परेशान करते हैं। इन सभी लोगों ने मिल कर जान से मारने की नीयत से मेरे ऊपर केरोसिन डाल कर आग लगा दी।

आरोप पत्र न्यायालय में पेश

पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498-ए, 307 व 324 के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु होने पर धारा 306 जोड़कर मुल्जिम के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया।

दहेज की मांग को लेकर परेशान किया

राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रवणसिंह राजपुरोहित (सरवड़ी) व परिवादी के अधिवक्ता सुरेन्द्र सुराणा ने कहा कि आरोपियों ने दहेज की मांग को लेकर मृतका को परेशान किया। उसके साथ शारीरिक व मानसिक क्रूरता की। उन्होने पहले मृतका का घोंट मार कर कुएं में डालने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं होने पर केरोसिन डाल आग लगा कर बेरहमी से उसकी हत्या की है।

अपूरणीय क्षति हुई है

आरोपियों के अधिवक्ता का कहना था कि उनके परिवार का एक सदस्य कम होने से उन्हें अपूरणीय क्षति हुई है, उनके प्रति नरम रुख अपनाया जाए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी मूंजाराम, भींयाराम, सोहनी, सुनील, रामेश्वर, चैनाराम, धन्नाराम, ओमप्रकाश, रामकंवर व मांगीलाल को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया।

उम्र कैद की सजा सुनाई

पत्नी की हत्या कर उससे मुक्त होने के बाद दूसरी शादी रचाने का सपना देखने वाले पति वह उसके घर वालों को आज अदालत ने दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। एडीजे महिला उत्पीडऩ प्रकरण न्यायालय की न्यायाधीश शिवानी जौहरी भटनागर ने मृतका के पति, सास, ससुर, बड़े ससुर, देवर, जेठ और ननद को बहू को जला कर उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया।

बचपन में हो गया था विवाह

पतासी का विवाह बचपन में ही डांगियावास थाना क्षेत्र में दांतीवाड़ा निवासी मुंजा राम पुत्र भियाराम बिश्नोई के साथ हुआ था मुकलावा के 4 साल बाद ही ससुराल वाले पतासी को तंग करने लग गए थे। ससुराल पक्ष के लोग दूसरी बहू लाना चाहते थे। अपर लोक अभियोजक श्रवणसिंह राजपुरोहित का कहना था कि 19 अगस्त 2009 को पति मुंजाराम, सास सोहनी, ससुर भियाराम, बड़े ससुर केसाराम, जेठ देवर ननद रामेश्वर सुनील चैनाराम, धन्नाराम, ओमप्रकाश, मांगीलाल व राम कंवरी ने मिल कर पतासी को केरोसिन छिड़क कर जला दिया।

डेढ़ लाख रुपए जमा करवाए

उसकी 25 अगस्त 2009 को इलाज के दौरान महात्मा गांधी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी अदालत ने सभी 10 आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा सभी अभियुक्तों पर बीस बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसमें से डेढ़ लाख रुपए की राशि मृतका के बच्चों के खातों में जमा करवाई जाएगी।

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