शेरगढ़/जोधपुर.वतन पर मरने वाले जिंदा रहेगा तेरा नाम, तू वो सूरज है जिसकी कभी ना होगी शाम.. पंचतत्व में विलीन हुए 'प्रभु'
जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए देश के तीन जाबांज में से एक जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के खिरजा खास गांव का रहने वाला था। पाकिस्तानियों ने जोधपुर के वीर सपूत प्रभु सिंह के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था। मंगलवार को हुई इस घटना से पूरा देश क्षुब्ध था। गुरूवार को वीर सपूत की पार्थिव देह पैतृक गांव लाई गई, जहां उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। शहीद के अंतिम संस्कार में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दूर तक देश के वीर सपूत के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग नजर आ रहे थे। राजनीतिक हस्तियों से लेकर आम ग्रामीण तक शहीद को सलाम करने पहुंचे थे।
सभी नम आंखों से मानो कह रहे थे, 'जो जीना सिखला जाए, वो दिल में सदा हैं रहते, एेसी मौत को दुनिया वालों मौत नहीं कहते।' शहीद को करीब 6 बजे मुखाग्नि दी गई।
सेना के बैंड की मातमी धुन के बीच 3 राउंड गनफायर किए गए। इसके बाद शहीद के चार भाइयों ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों का जोश चरम पर था। वे प्रभु सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रभु तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाते रहे। हालांकि परिजनों की हालत इस दौरान खराब हो गई। वे भावुक हो गए, लेकिन शहीद के लिए नारे लगते देख वे गौरवान्वित हो गए।
जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए देश के तीन जाबांज में से एक जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के खिरजा खास गांव का रहने वाला था। पाकिस्तानियों ने जोधपुर के वीर सपूत प्रभु सिंह के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था। मंगलवार को हुई इस घटना से पूरा देश क्षुब्ध था। गुरूवार को वीर सपूत की पार्थिव देह पैतृक गांव लाई गई, जहां उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। शहीद के अंतिम संस्कार में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दूर तक देश के वीर सपूत के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोग नजर आ रहे थे। राजनीतिक हस्तियों से लेकर आम ग्रामीण तक शहीद को सलाम करने पहुंचे थे।
सभी नम आंखों से मानो कह रहे थे, 'जो जीना सिखला जाए, वो दिल में सदा हैं रहते, एेसी मौत को दुनिया वालों मौत नहीं कहते।' शहीद को करीब 6 बजे मुखाग्नि दी गई।
सेना के बैंड की मातमी धुन के बीच 3 राउंड गनफायर किए गए। इसके बाद शहीद के चार भाइयों ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों का जोश चरम पर था। वे प्रभु सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रभु तेरा नाम रहेगा आदि नारे लगाते रहे। हालांकि परिजनों की हालत इस दौरान खराब हो गई। वे भावुक हो गए, लेकिन शहीद के लिए नारे लगते देख वे गौरवान्वित हो गए।
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