8 थानों के 80 सिपाही पहुंचे तो हुआ इस रैकेट का पर्दाफाश; पकड़ में आईं 25 युवतियां कोर्ट में होंगी पेश
दिल्ली जैसे रेड लाइट एरिया राजस्थान में भी पनप रहे हैं। राजधानी जयपुर में शहरी बसावट से दूर पुलिस ने नंदलालपुरा गांव में जिस सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है, अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। 8 थानों की पुलिस के योजनाबद्ध छापे में मुंबई-अजमेर तक की युवतियां पकड़ी गईं। जबकि, देह व्यापार के संचालकों में कुछ ही पकड़ में आ पाए.....
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एडिशनल एसीपी रतन सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार रात को बगरू थाना इलाके में अजमेर एक्सप्रेस हाइवे के नजदीक नंदलालपुरा में इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ। आठ थानों के करीब 8 पुलिसकर्मियों ने छापा मारकर वेश्यावृत्ति में लिप्त 25 युवतियों सहित 45 लोगों को पकड़ा। कार्रवाई के दौरान पुलिस भी शॉक्ड रह गई, यहां ऐसे परिसर में सेक्स रैकेट के संचालन की ग्रामीणों को जानकारी नहीं थी। पुलिस ने बताया कि पकड़ गए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर सजा दिलवाई जाएगी।
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बगरू, भांकरोटा, सेज, करणी विहार, करधनी, जोबनेर, दूदू व फागी की पुलिस के जिन सिपाहियों को इस कार्रवाई के लिए चुना गया, दरअसल एसीपी रतन सिंह की प्लानिंग थी। वहीं, डीसीपी (वेस्ट) अशोक कुमार गुप्ता के मुताबिक, नन्दलालपुरा में वेश्यावृत्ति कराए जाने की सूचना काफी पहले ही मिल चुकी थी।
गिरफ्तार ज्यादातर आरोपी पढ़े-लिखे हैं - इनमें माधोराजपुरा फागी निवासी ओमप्रकाश, कुशाल, विजय, जितेन्द्र सिंह, संजय बाजार रामगंज निवासी समीर खान, संजय खारोल, आर्दश नगर निवासी बलवीर धानका, हरीश, लाडनूं निवासी मानसिंह, रामदेवराम जाट, फुलेरा के ड्योढ़ी निवासी अधिराज सिंह, अभिषेक, लक्ष्मीपुरा निवासी नोरत्न आदि शामिल हैं।
हालांकि, पुलिस इस रैकेट के मुख्य संचालक को सबक सिखाने की कोशिश में हैं। चूंकि, प्रदेश में उनके सेफ हैवन और भी हो सकते हैं। शहर में छोटी-मोटी कार्रवाई से गोरखधंधा नहीं पनप पाता, इसलिए अब देहाती इलाकों में पैठ बना रहे हैं।
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