नोटबंदी: सीमा से अधिक जमाओं पर 60 फीसदी टैक्स लगा सकती है सरकार
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से बीते 8 नवंबर को किए गए नोटबंदी के फैसले के बाद ही सरकार ने निकासी और जमा की सीमा पर पाबंदी लगा दी थी। बीते गुरुवार को सरकार ने सीमा से अधिक जमा राशि पर 60 फीसदी के करीब आयकर लगाने के लिए कानून में संशोधन पर चर्चा की। सरकार का यह कदम बैंकों के शून्य खाते वाले जन-धन खातों में नोटबंदी के दो हफ्तों के भीतर जमा हुए 21,000 करोड़ रुपये की सूचना मिलने के बाद उठाया गया है।
अधिकारियों को संशय है कि कालेधन को सफेद करने के लिए इन खातों का उपयोग किया गया है। हालांकि बैठक में हुई बातचीत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस बैठक को संसद सत्र के बीच बुलाया गया था। परंपरागत रूप से संसद सत्र के दौरान नीतिगत फैसलों के बारे में बाहर कोई जानकारी नहीं दी जाती है।
सूत्रों का कहना है कि बंद किए गए नोटों को 10 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान बैंक खातों में जमा करने की अनुमति दी गई है। 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से अलग अलग बयान दिए गए हैं। इससे संदिग्ध जमा पर कर अधिकारियों का डर बढ़ा है।
अधिकारियों ने 50 दिन की समयसीमा में निश्चित सीमा से ज्यादा राशि जमा किए जाने पर 30 फीसदी कर के साथ 200 फीसदी जुर्माना लगाए जाने की बात कही है। साथ ही कालाधन रखने वालों के खिलाफ अभियोजन भी चलाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार की संसद के मौजूदा सत्र में आयकर कानून में संशोधन लाने की योजना है ताकि कालेधन पर 45 फीसदी से अधिक कर लगाया जा सके। 45 फीसदी टैक्स और जुर्माना आय घोषणा योजना के तहत घोषित कालेधन पर लगाया गया। आप को बता दें कि यह योजना 30 सितंबर को खत्म हो गई।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से बीते 8 नवंबर को किए गए नोटबंदी के फैसले के बाद ही सरकार ने निकासी और जमा की सीमा पर पाबंदी लगा दी थी। बीते गुरुवार को सरकार ने सीमा से अधिक जमा राशि पर 60 फीसदी के करीब आयकर लगाने के लिए कानून में संशोधन पर चर्चा की। सरकार का यह कदम बैंकों के शून्य खाते वाले जन-धन खातों में नोटबंदी के दो हफ्तों के भीतर जमा हुए 21,000 करोड़ रुपये की सूचना मिलने के बाद उठाया गया है।
अधिकारियों को संशय है कि कालेधन को सफेद करने के लिए इन खातों का उपयोग किया गया है। हालांकि बैठक में हुई बातचीत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इस बैठक को संसद सत्र के बीच बुलाया गया था। परंपरागत रूप से संसद सत्र के दौरान नीतिगत फैसलों के बारे में बाहर कोई जानकारी नहीं दी जाती है।
सूत्रों का कहना है कि बंद किए गए नोटों को 10 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान बैंक खातों में जमा करने की अनुमति दी गई है। 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से अलग अलग बयान दिए गए हैं। इससे संदिग्ध जमा पर कर अधिकारियों का डर बढ़ा है।
अधिकारियों ने 50 दिन की समयसीमा में निश्चित सीमा से ज्यादा राशि जमा किए जाने पर 30 फीसदी कर के साथ 200 फीसदी जुर्माना लगाए जाने की बात कही है। साथ ही कालाधन रखने वालों के खिलाफ अभियोजन भी चलाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार की संसद के मौजूदा सत्र में आयकर कानून में संशोधन लाने की योजना है ताकि कालेधन पर 45 फीसदी से अधिक कर लगाया जा सके। 45 फीसदी टैक्स और जुर्माना आय घोषणा योजना के तहत घोषित कालेधन पर लगाया गया। आप को बता दें कि यह योजना 30 सितंबर को खत्म हो गई।
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