बेटी ने मां के लिए मांगी फांसी की सजा, प्रेमी के साथ मिलकर ली थी पति की जान
पटना/भागलपुर. बिहार के भागलपुर में लोअर कोर्ट ने एक महिला को उम्रकैद की सुजा सुनाई है।लेकिन, कोर्ट के इस फैसले से महिला के बच्चों में खुशी नहीं है। वे अपनी मां के लिए उम्रकैद नहीं फांसी की सजा चाहते हैं। तभी तो लोअर कोर्ट के फैसले को भाई-बहन मिलकर हाईकोर्ट में चैलेंज करेंगे। जानें क्यों मां को दिलाना चाहते हैं फांसी की सजा...
- दरअसल, बेबी नाम की महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी थी।
- पिता के मर्डर में मां का ही हाथ होने से नीतीश और नीलू अपनी मां से नफरत करने लगे।
- वे अपनी मां बेबी और उसके प्रेमी मणिकांत यादव को फांसी की सजा दिलाना चाहते हैं।
- उनका कहना है कि मां ने ही हमलोगों के ऊपर से पिता का साया उठवा दिया।
- कोर्ट ने जिस दिन बेबी को दोषी करार दिया था। उस वक्त भी भाई-बहनों ने जज से फांसी की मांग की थी।
- बता दें कि 15 फरवरी 2012 को रामानंद की हत्या करके उसकी लाश को कुएं में फेंक दिया गया था।
- इस वारदात को रामानंद की पत्नी बेबी ने अपने प्रेमी मणिकांत यादव के साथ मिलकर अंजाम दिया था।
सूट पहनकर गई थी मर्डर करने
- नीलू ने बताया कि पिता की हत्या करने के लिए मां मेरा सूट पहनकर गई थी।
- वो गेट में बाहर से ताला लगाकर शाम को ही चली गई थी। रात करीब 10 बजे मां आयी तो उसे सूट पर खून के छींटे थे।
- खून के बारे में पूछा तो डांटते हुए बोली - चुप रहो वरना जान ले लूंगी।
खून से सने कपड़े पोंछ रही थी मां
- कोर्ट में नीलू ने बताया था कि 15 फरवरी 2012 की रात उसने मां को खुद का व मणिकांत का खून लगा कपड़ा धोते देखा था।
- नीलू ने जब खून का कारण पूछा तो मां ने उसे डांटकर भगा दिया था।
- वहीं, जब मां के प्रेमी से मणिकांत से उसने पूछा तो गाड़ी चलाने के दौरान चोट लगने की बात कही थी।
- बता दें कि मणिकांत स्कूल की गाड़ी चलाता था। वहीं, दोषी महिला का बेटा नीतीश ने कहा कि वो जिस स्कूल में पढ़ता था उसकी बस मणिकांत ही चलाता था।
- स्कूल आने-जाने के दौरान ही मेरी में मां की उससे पहचान हुई थी। स्कूल ने मां को नौकरी से निकाला था नीतीश ने बताया कि उसकी मां स्कूल में पानी पिलाती थी।
- पिता भी स्कूल में काम करते थे। मां का मणिकांत से गंदा संबंध था। जिससे मां को नौकरी से निकाला गया था।
जज ने कहा, मानवीय रिश्तों को शर्मसार करती है यह घटना
- लोअर कोर्ट की जज सुषमा त्रिपाठी ने जब सजा सुनाई तो मृतक की बेटी नीलू, बेटा नीतीश भी मौजूद थे।
- सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि, पत्नी द्वारा पति की हत्या कर लाश को कुएं में फेंकने की घटना मानवीय रिश्तों को शर्मसार करती है।
- इन घटनाओं से समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में दोनों को कम सजा देना सही नहीं है।
- इसलिए, दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी जाती है।
- साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपए का जूर्माना भी लगाया जाता है। जूर्माने की राशि दोनों बच्चों को दी जाएगी।
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