‘अफवाहें’ रोकने के लिए पंजाब पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नजर
भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म न होने पाए, इसके लिए पंजाब पुलिस मुस्तैद है। पुलिस के इंटैलीजैंस, सी.आई.डी. और साइबर विंग को ऐसी सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई करके ‘सोर्स’ तक पहुंचने को कहा गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अब तक कहीं से भी ‘अफवाह’ रिपोर्ट नहीं आई है।
पाकिस्तानी सीमा के साथ सटे इलाकों को खाली करवाने से बने माहौल को देखते हुए पंजाब पुलिस के विभिन्न विंगों को काम पर लगा दिया गया है। जहां जिलों में पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी हिदायतों का पालन करने को कहा गया है, वहीं इंटैलीजैंस, सी.आई.डी. और साइबर विंग को इस बात पर नजर रखने के लिए कहा गया है कि ऐसे माहौल का फायदा उठाकर शरारती तत्व किसी तरह की भी अफवाहें न फैला सकें। इन विंगों के संबंधित जिला व जोन अधिकारियों को कहा गया है कि ऐसी किसी भी अफवाह जिससे लोगों में भ्रम, सहम या डर पैदा होता हो, के बारे में पता चलते ही तत्काल उसे काऊंटर किया जाए और इसके लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व पारम्परिक अनाऊंसमैंट जैसे उपायों का सहारा लिया जाए।
साथ ही अफवाहें फैलाने वाले साधनों की छानबीन करते हुए ‘सोर्स’ तक पहुंच बनाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि अन्य लोगों को ऐसा करने से रोका जा सके। आई.जी. साइबर क्राइम एवं आई.जी. इंटैलीजैंस-2 का चार्ज देख रहे आई.पी.एस. अधिकारी पी.के. सिन्हा ने कहा कि आधिकारिक तौर पर अब तक कहीं से भी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के ट्रैंड्स में देखा गया है कि लोग इस बार खुद ही अफवाहों से बचने और सुरक्षा बलों की मूवमैंट संबंधी मैटीरियल को पोस्ट करने से गुरेज करने की सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म न होने पाए, इसके लिए पंजाब पुलिस मुस्तैद है। पुलिस के इंटैलीजैंस, सी.आई.डी. और साइबर विंग को ऐसी सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई करके ‘सोर्स’ तक पहुंचने को कहा गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अब तक कहीं से भी ‘अफवाह’ रिपोर्ट नहीं आई है।
पाकिस्तानी सीमा के साथ सटे इलाकों को खाली करवाने से बने माहौल को देखते हुए पंजाब पुलिस के विभिन्न विंगों को काम पर लगा दिया गया है। जहां जिलों में पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी हिदायतों का पालन करने को कहा गया है, वहीं इंटैलीजैंस, सी.आई.डी. और साइबर विंग को इस बात पर नजर रखने के लिए कहा गया है कि ऐसे माहौल का फायदा उठाकर शरारती तत्व किसी तरह की भी अफवाहें न फैला सकें। इन विंगों के संबंधित जिला व जोन अधिकारियों को कहा गया है कि ऐसी किसी भी अफवाह जिससे लोगों में भ्रम, सहम या डर पैदा होता हो, के बारे में पता चलते ही तत्काल उसे काऊंटर किया जाए और इसके लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व पारम्परिक अनाऊंसमैंट जैसे उपायों का सहारा लिया जाए।
साथ ही अफवाहें फैलाने वाले साधनों की छानबीन करते हुए ‘सोर्स’ तक पहुंच बनाकर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि अन्य लोगों को ऐसा करने से रोका जा सके। आई.जी. साइबर क्राइम एवं आई.जी. इंटैलीजैंस-2 का चार्ज देख रहे आई.पी.एस. अधिकारी पी.के. सिन्हा ने कहा कि आधिकारिक तौर पर अब तक कहीं से भी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के ट्रैंड्स में देखा गया है कि लोग इस बार खुद ही अफवाहों से बचने और सुरक्षा बलों की मूवमैंट संबंधी मैटीरियल को पोस्ट करने से गुरेज करने की सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
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