बाड़मेर.गधे पर बिठाया, समाज से निकाला, पंच पकड़ से बाहर!
जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के भोजावास गांव में छह माह पहले हुई एक जातीय पंचायत में एक बुजुर्ग को जातीय पंचों ने गधे पर बिठाकर दण्डित किया। उस पर पंद्रह लाख रुपए का जुर्माना लगाया और उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया। जातीय पंचायत के दो माह बाद न्यायालय के जरिए चौहटन थाने में 73 जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, लेकिन हैरत की बात यह है कि इस मामले में अभी तक पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है और सभी आरोपित पकड़ से बाहर है।
झगड़े की जड़ में जमीन
भोजावास बिसारणिया निवासी सत्तर वर्षीय बुजुर्ग देराजराम पुत्र शेराराम ने बताया कि उसकी पांच बीघा जमीन मालाराम पुत्र विशनाराम के कब्जे में है। जिसे लेकर उसके व मालाराम के बीच राजस्व न्यायालयों में वाद चल रहा है। इसी विवाद के बीच मालाराम ने चौहटन थाने में एक मामला दर्ज कराया कि 15 फरवरी 2016 को देराजराम व अन्य ने उसके पुत्र मोटाराम को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की और उसे जहर पिलाकर मारने का प्रयास किया। चौहटन पुलिस ने देराजराम व दो अन्य के खिलाफ बंधक बनाने व मारपीट करने का जुर्म प्रमाणित मानकर उन्हें गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया। बीस दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद देराजराम व उसके साथी बाहर आए। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में जहर पिलाने का तथ्य प्रमाणित नहीं हुआ।
जेल से बाहर आते ही जातीय पंचायत
देराजराम के जेल से बाहर आने के बाद 27 मार्च को जातीय पंचायत हुई। देराज का दावा है कि पंचों ने उसे घर से जबरन उठवाया और जातीय पंचायत में ले गए। उन्होंने उसे मोटाराम को जहर पिलाने का दोषी मानते हुए उस पर व उसके परिवार पर पंद्रह लाख रुपए का जुर्माना कर दिया। उसने जुर्माना भरने में असमर्थता जताई तो उसे गधे पर बिठाकर अपमानित किया और समाज से बहिष्कृत कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद उसने पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया और मामले की जांच करने को कहा। वह समाज के अन्य लोगों के पास भी गया, लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली तो अंतत: उसने न्यायालय की शरण ली।
न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज
समाज से बहिष्कृत व अपमानित होने का दंश झेल रहे बुजुर्ग देराजराम के परिवाद पर न्यायालय ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए। जिस पर छह जून को चौहटन थाने में जातीय पंच रायचंदराम, मंगनाराम, मोडाराम, मोहनलाल, अमराराम, पूराराम, बांकाराम, पूनमाराम, हनुमानराम, रावताराम, भारमलराम, तिलोकाराम सहित कुल 73 जनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन प्रभातीलाल को सौंपी गई। जानकारी के अनुसार डिप्टी ने जांच पूर्ण कर चालान पेश करने की तैयारी की तो फाइल सत्यापन के लिए एएसपी को दे दी गई। देराजराम की मानें तो राजनीतिक दवाब व जातीय पंचों की ताकत के चलते ऐसा हुआ।
एसपी से मिला देराजराम
देराजराम व दो दर्जन ग्रामीणों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. गगनदीप सिंगला से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने बताया कि उक्त मामले में जो आरोपित है, उसमें सरपंच, अध्यापक, जिला परिषद सदस्य है, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। देराज ने चेतावनी दी कि यदि आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो अन्न-जल त्यागकर कलक्टे्रट के सामने आमरण अनशन पर बैठ जाएगा।
न्यायालय से आया था परिवाद
देराजराम व अन्य के खिलाफ फरवरी माह में मामला दर्ज हुआ, जिसमें मोटाराम के साथ मारपीट व बंधक बनाने का जुर्म जांच में प्रमाणित हुआ। लिहाजा उसे व दो अन्य को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया। जातीय पंचायत में उसे समाज से बहिष्कृत करने के मामले में वह थाने नहीं आया। न्यायालय से परिवाद आया था, जो दर्ज कर लिया गया और उसकी जांच पुलिस उप अधीक्षक के पास है। -ओमप्रकाश विश्नोई, थानाधिकारी पुलिस थाना चौहटन
जांच पूरी, फाइल एएसपी के पास
देराजराम की ओर से दर्ज करवाए गए मामले की जांच मेरे स्तर पर पूर्ण हो गई है। जांच रिपोर्ट सत्यापन के लिए एएसपी के पास गई है। अब फाइल उनके पास है। -प्रभातीलाल, पुलिस उप अधीक्षक चौहटन
फाइल अभी आई है, जांच करेंगे
मेरे पास फाइल अभी आई है, देख नहीं पाया हूं। जल्दी ही मौके पर जाकर जांच की जाएगी।
-रामेश्वरलाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर
फोटो सही नहीं है
इस मामले में पीडि़त की ओर से जो फोटो उपलब्ध करवाई गई है, वह सही नहीं है। उसे गधे पर बिठाने जैसी कोई घटना अब तक की पुलिस जांच में सामने नहीं आई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। एएसपी बाड़मेर को जांच सौंपी गई है।
-डॉ. गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर
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