गुरुवार, 6 अक्तूबर 2016

भरतपुर. 5 हजार की रिश्वत लेते एपीपी को एसीबी ने कोर्ट परिसर में ही रंगेहाथ पकड़ा



भरतपुर. 5 हजार की रिश्वत लेते एपीपी को एसीबी ने कोर्ट परिसर में ही रंगेहाथ पकड़ा


5 हजार की रिश्वत लेते एपीपी को एसीबी ने कोर्ट परिसर में ही रंगेहाथ पकड़ा
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बयाना न्यायालय परिसर में गुरुवार सुबह एक अपर लोक अभियोजक (एपीपी) को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपित ने रिश्वत दुष्कर्म के मुकदमा में कमजोर पैरवी करने की एवज में मांगी थी।


एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह मीना ने बताया कि भुसावर थाने के गांव बारौली निवासी खुशीराम जाटव ने एसीबी कार्यालय में शिकायत की थी। इसमें बताया कि उसका पुत्र बलवंत सिंह दुष्कर्म के मामले में बयाना उपकारागार में बंद है। मुकदमे में वह बयाना की एडीजे कोर्ट संख्या-2 के अपर लोक अभियोजक अतर सिंह कैन से मिला था, जिस पर एपीपी ने केस में कमजोर करने पैरवी करने और गवाहों से ज्यादा सवाल नहीं करने की बात करते रिश्वत मांगी।
 

जिस पर उसने 7 हजार रुपए दे दिए। उसके बाद उसने वापस 3 हजार रुपए और मांगे। उन्होंने बताया कि परिवादी की शिकायत पर सत्यापन कराया गया। जिसमें एपीपी ने 5 हजार रुपए की और मांग की। शिकायत सही मिलने पर एसीबी टीम ने एएसपी मीना के नेतृत्व में गुरुवार सुबह बयाना कोर्ट पहुंची।


परिवादी खुशीराम एपीपी अतर सिंह के चैम्बर में पहुंचा और एपीपी को 5 हजार रुपए दे दिए। उसने ये राशि शर्ट की जेब में रख लिए। इस दौरान एसीबी टीम ने कार्रवाई कर एपीपी को पकड़ लिया, तलाशी में उसकी जेब से 5 हजार रुपए की रिश्वत राशि मिलने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।


ये था मामला
भुसावर थाने के गांव बारौली निवासी एक व्यक्ति ने 21 अक्टूबर 2015 को गांव के ही दो भाईयों के खिलाफ उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाते मुकदमा दर्ज कराया था। प्रकरण में पुलिस ने आरोपित बलवंत सिंह पुत्र खुशीराम जाटव को गिरफ्तार करते उसके खिलाफ कोर्ट मेें चालान पेश किया था।

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