जैसलमेर मरू संस्कृति, लोक संगीत व नृत्यों के साथ लोक वाद्य यंत्रों को एक ही छत के नीचे संग्रहीत
जैसलमेर 29 सितम्बर। मरू सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे लोक संस्कृति एवं लोक नृत्यों वाद्य यंत्रों के जीवंत कार्यक्रमों की कड़ी में गुरूवार को कमला नेहरू उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने लाभ उठाया और सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे कार्यक्रमों को देख अभिभूत हो गए। केन्द्र के संस्थापक एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित नन्दकिषोर शर्मा के एकल प्रयासों से मरू संस्कृति, लोक संगीत व नृत्यों के साथ लोक वाद्य यंत्रों को एक ही छत के नीचे संग्रहीत कर नई पीढ़ी को उससे अवगत करवाने के प्रयासों की कड़ी में मरू सांस्कृतिक केन्द्र में कवि तेज लोक कला मंच द्वारा आयोजित किये जा रहे व्याख्यान माला, लोक संस्कृति व लोक संगीत के साथ ही जैसलमेर के बारे में फिल्म के माध्यम से भी विविध जानकारी दी जा रही है जिससे बच्चों, युवाओं में अपनी संस्कृति व स्थानीयता के बारे में ज्ञानार्जन हो रहा है। मरू सांस्कृतिक केन्द्र में कठपुतली के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष तथा ज्ञानवर्द्धक कहानियों का प्रदर्षन देख विद्यालय के विद्यार्थी खुषी से नाच उठे। केन्द्र निदेषक शर्मा ने लोक कला का षिक्षण में कितना महत्व है इस विषय पर तथा आज के युवा हमारी लोक संस्कृति व लोक संगीत को कैसे बचाए रख सकते है और उसे नया आयाम दिला सकते है इस विषय पर व्याख्यान दिया। शर्मा ने स्थानीय लोक कलाकारों में मंगणियार जाति के लोगों के सहयोग व घर घर में पिता द्वारा अपने पुत्रों को लोक वाद्य यंत्र बनाने, उन्हें बजाने की कला का प्रषिक्षण देना आदि पर भी विस्तार से जानकारी दी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक वासुदेव के साथ आए बालिकाओं ने मरू सांस्कृतिक केन्द्र का अवलोकन किया तथा वहाँ संजोए रखी गई वस्तुओं को देखा तथा उनके बारे में जानकारी प्राप्त की।
जैसलमेर 29 सितम्बर। मरू सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे लोक संस्कृति एवं लोक नृत्यों वाद्य यंत्रों के जीवंत कार्यक्रमों की कड़ी में गुरूवार को कमला नेहरू उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने लाभ उठाया और सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे कार्यक्रमों को देख अभिभूत हो गए। केन्द्र के संस्थापक एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित नन्दकिषोर शर्मा के एकल प्रयासों से मरू संस्कृति, लोक संगीत व नृत्यों के साथ लोक वाद्य यंत्रों को एक ही छत के नीचे संग्रहीत कर नई पीढ़ी को उससे अवगत करवाने के प्रयासों की कड़ी में मरू सांस्कृतिक केन्द्र में कवि तेज लोक कला मंच द्वारा आयोजित किये जा रहे व्याख्यान माला, लोक संस्कृति व लोक संगीत के साथ ही जैसलमेर के बारे में फिल्म के माध्यम से भी विविध जानकारी दी जा रही है जिससे बच्चों, युवाओं में अपनी संस्कृति व स्थानीयता के बारे में ज्ञानार्जन हो रहा है। मरू सांस्कृतिक केन्द्र में कठपुतली के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष तथा ज्ञानवर्द्धक कहानियों का प्रदर्षन देख विद्यालय के विद्यार्थी खुषी से नाच उठे। केन्द्र निदेषक शर्मा ने लोक कला का षिक्षण में कितना महत्व है इस विषय पर तथा आज के युवा हमारी लोक संस्कृति व लोक संगीत को कैसे बचाए रख सकते है और उसे नया आयाम दिला सकते है इस विषय पर व्याख्यान दिया। शर्मा ने स्थानीय लोक कलाकारों में मंगणियार जाति के लोगों के सहयोग व घर घर में पिता द्वारा अपने पुत्रों को लोक वाद्य यंत्र बनाने, उन्हें बजाने की कला का प्रषिक्षण देना आदि पर भी विस्तार से जानकारी दी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक वासुदेव के साथ आए बालिकाओं ने मरू सांस्कृतिक केन्द्र का अवलोकन किया तथा वहाँ संजोए रखी गई वस्तुओं को देखा तथा उनके बारे में जानकारी प्राप्त की।
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