जेडीए से नाराज मंत्री राजपालसिंह शेखावत ने ये कहा राजमहल पैलेस मामले पर
जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और प्राधिकरण प्रमुख की कथित मनमानी से नाराज यूडीएच मंत्री राजपालसिंह शेखावत ने गुरुवार को राजमहल पैलेस मामले पर सरकार और जेडीए का पक्ष रखा। उनके सुर बदले नजर आए और उन्होंने जेडीए की कार्रवाई को विधि सम्मत बताया।
अतिक्रमण जेडीए की जमीन पर और इसी के खिलाफ कार्रवाई की
शेखावत ने पत्रकारों से बातचीत में खुलासा किया कि होटल का गेट खसरा नंबर 194 में शामिल है। गेट के एक तरफ की भूमि पर जेडीए की ओर से कलाकृतियां लगाई गई हैं, जबकि दूसरी तरफ की भूमि पर शुभम् एनक्लेव का पार्क भी जेडीए ने ही विकसित किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दोनों तरफ की भूमि खसरा नंबर 194 में है तो बीच की भूमि कब्जे के कैसे बाहर हो सकती है? उन्होंने दावा किया कि अतिक्रमण तो जेडीए की जमीन पर था और इसी के खिलाफ जेडीए ने कार्रवाई की है। शेखावत ने कहा कि जेडीए की ओर से प्रकरण में की गई समस्त कार्रवाई कानून सम्मत है। खसरा नंबर 188 व 194 जेडीए के अवाप्तशुदा खसरे हैं। इन खसरों की भूमि को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं है। होटल सील किया गया गेट और इसके दोनों ओर की जमीन खसरा नंबर 194 में स्थित है।
पूर्व राजपरिवार के दावे में इन दोनों खसरों का जिक्र नहीं
शेखावत ने मामले में अदालत की डिग्री को लेकर भी पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि डिक्री खसरा नं.-188 व 194 पर लागू नहीं है। क्योंकि इस प्रकरण में पूर्व राजपरिवार की ओर से पेश दावे में कहीं भी इन दोनों खसरों का जिक्र नहीं है। खसरा नंबर-188 और 194 पर कार्रवाई कर हटाए गए अतिक्रमण को लेकर शेखावत का कहना है कि अवाप्त की गई जमीन पब्लिक प्रोपर्टी है और जनता के लिए ही उपयोग हो सके, इसे देखते हुए अतिक्रमण हटाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कहना भी गलत होगा कि पूर्व राजपरिवार की जमीन किसी कारण से खाली करवाई गई। जेडीए ने तो बिड़ला और गोकुलपुरा सहित कई बड़े लोगों की जमीन से अतिक्रमण हटा दिए।
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