बुधवार, 14 सितंबर 2016

जैसलमेर छत्रेल विद्यालय में हिन्दी दिवस की धूम रही



जैसलमेर छत्रेल विद्यालय में हिन्दी दिवस की धूम रही

जैसलमेर राउमावि छत्रैल में बुधवार को हिन्दी दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाचार्य हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि हिन्दी दिवस के अवसर पर विद्यालय की उत्सव प्रभारी श्रीमती सुखविन्द्र कौर के निर्देषन में हिन्दी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। बुधवार को विद्यालय परिसर में विभिन्न कक्षा स्तरों पर चित्रकला, भाशण, निबन्ध, वाचन, अनुलेख व श्रुतलेख की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

प्रधानाचार्य ने बताया कि इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति के पदाधिकारियों तथा सदस्यों, विद्यालय विकास समिति के पदाधिकारी तथा सदस्य, अभिभावक, व अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं विद्यार्थी उपस्थिति थे।

प्रधानाचार्य बोहरा ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर चित्रकला व अनुलेख प्रतियोगता अध्यापक प्रेमाराम व देषलदान की देखरेख में आयोजित की गई। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्तर पर श्रुतलेख व अनुलेख प्रतियोगिता का संचालन श्रीमती सीमा चौधरी, श्रीमती कुसुम सक्सेना, सम्पति व श्रीमती सुखविन्द्र कौर द्वारा किया गया। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं में कक्षा स्तर पर षुद्ध हिन्दी वाचन एवं भाशण प्रतियोगता का आयोजन व्याख्याता चनेसर खान चानिया, व.अ. बहादुर एवं मतलब खां द्वारा करवाया गया। इससे पूर्व प्रार्थना सभा में प्रधानाचार्य हरिवल्लभ बोहरा ने हिन्दी दिवस के इतिहास एवं आयोजन के महत्व पर प्रकाष डाला। अपने सम्बोधन में प्रधानाचार्य ने दैनिक कार्यव्यवहार में हिन्दी के प्रयोग का आह्वान किया।

ये रहे विजेता

प्रधानाचार्य हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि बुधवार को विद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में से चित्रकला प्रतियोगिता में ने प्रथम स्थान इमामदीन पुत्र मगनखां ने ,द्वितीय स्थान कुरेशा पुत्री जमषेरखां ने एवं काजीखां पुत्र गाजीखां ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन्होंने क्रमषः पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ आवास एवं आवागमन के साधन विशयों पर चित्र उकेरे।

इसी प्रकार सुलेख प्रतियोगिता में रोषनखां पुत्र मोहम्मदखां ने प्रथम स्थान, ईरानखां पुत्र दित्तेखां ने द्वितीय एवं मारियत पुत्री सायमखां ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि अनुलेख प्रतियोगिता के विजेता क्रमषः श्रवणराम पुत्र भोजाराम, रज्जब पुत्र यारबखां व इनायता पत्री कासमखां रहे।

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