मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की समीक्षा बैठक सम्पन्न
किनसरिया कैवाय माता ट्रस्ट ने दिए 2 लाख
नारेली तीर्थ क्षेत्रा में रखा जाएगा जल स्वावलम्बन का पृथक दान पात्रा
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम करेगा 5 लाख व्यक्तियों को अभियान के लिए जागरूक
अजमेर 29, सितम्बर। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना की अध्यक्षता में गुरूवार को मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की समीक्षा तथा द्वितीय चरण में अपेक्षित सहयोग के लिए धार्मिक संगठनों, ट्रस्टो तथा धर्मगुरूओं के साथ बैठक सम्पन्न हुई। इसमें किनसरिया के श्री जोग माता कैवाय माता मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भीकमचंद शर्मा ने ट्रस्ट के द्वारा अभियान में 2 लाख रूपयों का सहयोग प्रदान करने की घोषणा की। इसी प्रकार राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम के प्रतिनिधि पदमचंद जैन ने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के लिए लगभग 5 लाख व्यक्तियों को जागरूक करने के साथ ही हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने के लिए स्वीकृति जाहिर की।
संभागीय आयुक्त ने जल संरक्षण एवं जल भराव संरचनाओं की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन जन सहभागिता के साथ करने के लिए कहा। प्रत्येक स्थान पर जल की आवश्यकता तथा उपलब्धता के मध्य जल बजट बनाए जाना आवश्यक है। अभियान के दौरान जल संग्रह ढ़ाचों का उपयोग, पुर्नउद्धार तथा कायाकल्प किया जाना आवश्यक है। संभाग में अभियान के प्रथम चरण के दौरान 16 हजार 803 कार्य डीपीआर के दौरान प्रस्तावित किए गए थे। जिनमें से 16 हजार 33 कार्य पूर्ण हो गए है। इन पर 225 करोड़ रूपयों की अनुमानित लागत के स्थान तक लगभग 167 करोड़ की राशि व्यय कर कार्य सम्पन्न किए गए। प्रथम चरण में अजमेर जिले में प्रस्तावित 4 हजार 817 मे से 4 हजार 469, भीलवाड़ा जिले में प्रस्तावित समस्त 3 हजार 177, नागौर जिले में प्रस्तावित 6 हजार 493 मे से 6 हजार 71 तथा टोंक जिले में प्रस्तावित समस्त 2 हजार 316 कार्य पूर्ण किए गए। इस दौरान संभाग की 5 हजार 326 जल संरचनाओं पर 3 लाख 46 हजार 875 के लक्ष्य के मुकाबले 3 लाख 48 हजार 817 पौधे रोपित किए गए। प्रथम चरण के अधूरे कार्याें को पूर्ण करवाने के लिए भी निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में अजमेर जिले की 45 ग्राम पंचायतों के 108 गांवों, भीलवाड़ा की 80 ग्राम पंचायतों के 169 गांवों, नागौर की 42 ग्राम पंचायतों के 111 ग्रामों तथा टोंक की 32 ग्राम पंचायतों के 73 गांवों में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के कार्य किया जाना प्रस्तावित है। द्वितीय चरण के कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 30 सितम्बर तक आॅनलाइन अपलोड करने के लिए भी कहा। अभियान के दौरान प्रस्तावित कार्यों के प्रत्येक स्तर की माॅनिटरिंग वेपोइंट साॅफ्टवेयर के माध्यम से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के समस्त स्थानीय निकायों को 2019 तक मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत शामिल किया जाएगा। इसके द्वितीय चरण में 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। अजमेर संभाग के अजमेर, किशनगढ़, भीलवाड़ा, मकराना, टोक, नागौर तथा देवली को द्वितीय चरण में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। अजमेर नगर निगम क्षेत्रा में केला बावड़ी, आम तालाब बावड़ी, मलूसर बावड़ी बड़ी एवं छोटी, बडबावड़ी, कातन बावड़ी, डिगी तालाब तथा बांग बावड़ी एवं किशनगढ़ नगर परिषद क्षेत्रा की बड़ी हाथीखान बावड़ी, छोटी हाथीखान बावड़ी, सेठालाव भैरूजी के पास वाली बावड़ी, परासिया स्ट्रीट बावड़ी एवं मीरा बावड़ी को शामिल किया जाएगा। भीलवाड़ा नगर परिषद क्षेत्रा की सिंधु नगर बावड़ी,रामविहार बावड़ी, नियासंध की बावड़ी, बालाजी मन्दिर के पास की बावड़ी, गुलमंदी बावड़ी, बावड़ी के बालाजी की बावड़ी, सांगानेर पेट्रोल पम्प के पास की बावड़ी तथा ईदगाह की बावड़ी प्रस्तावित है। इसी प्रकार टोंक नगर परिषद क्षेत्रा की बहीर काॅलेज के अन्दर की बावड़ी, बहीर मस्जिद के बाहर बावड़ी, मदरलैण्ड स्कूल के पिछे की बावड़ी, हीरा चैक जैन नसियां के अन्दर बावड़ी, दरियाशाह की बावड़ी, चांद बावड़ी निवाई दरवाजा, चतुभुज तालाब नसियां बालाजी के अन्दर बावड़ी, पुरानी टोंक खारी बावड़ी, अग्निशमन केन्द्र के पास खोजा बावड़ी, हरिजन बस्ती स्टेडियम के पास बावड़ी, हरिजन बस्ती मस्जिद के पास बावड़ी तथा मछली मार्केट चैराहा बावड़ी एवं देवली की चिरंजीलाल की बावड़ी भी प्रस्तावित है। नागौर में मानासर के पास बावड़ी, भण्डारियों की बगीची की बावड़ी, रेगर बस्ती बडली की बाचड़ी, जड़ाव तालाब की बावड़ी तथा मैदान बावड़ी एवं मकराना की चारभुजा बावड़ी तथा झालरा बावड़ी को सम्मिलित किए जाने के प्रस्ताव भिजवाए गए है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत संभाग में बड़े सरकारी भवनों में रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग सिस्टम लगाकर रिचार्ज संरचनाएं विकसित की जाएगी। नगर निगम अजमेर द्वारा निगम क्षेत्राधिकार में बावड़ियों का जिर्णोद्धार कार्य, पार्कों तथा निजी भवनों पर भी रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग स्ट्रक्चर तथा परकोलेशन पीट बनाए जाएंगे। नगर परिषद किशनगढ़ द्वारा पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का पुर्नउद्धार करवाया जाएगा। नगरीय क्षेत्रा में प्रति 10 हैक्टेयर क्षेत्राफल में आवश्यकता अनुसार परकोलेशन पीट निर्मित किए जाएंगे। वृक्षारोपण द्वारा शहरी वानिकी को बढ़ावा दिया जाएगा। कृत्रिम भूजल पुर्नभरण संरचनाओं का निर्माण करने के साथ ही पेयजल स्त्रोंतों का सृढृढ़ीकरण किया जाएगा। शहर के प्राचीन जलाशयों को गहरा किया जाएगा। सिवरेज पानी को रिसाइकिल कर पुन उपयोग में लाने के प्रयास किए जाएंगे। भीलवाड़ा में जल स्त्रोंतों का चिन्हिकरण कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। टांेक में भी प्राचीन जल स्त्रोंतों का जिर्णोंद्धार किया जाएगा। नगर पालिका क्षेत्रा देवली में स्थित जिर्णे क्षिर्ण प्राचीन जल स्त्रोंतों का जिर्णोंद्धार किया जाएगा। नागौर तथा मकराना में प्रस्तावित जल स्त्रोंतों के पुर्नउद्धार का कार्य हाथ में लिया जाएगा। नागौर की जड़ा बावड़ी के लिए लगभग 21 लाख की राशि का कार्यादेश दिया जा चुका है।
बैठक में कुचामन की झाव बावड़ी में जल संरक्षण के किए गए कार्यों पर भी चर्चा की गई तथा उस माॅडल के अनुसार शहरी क्षेत्रा में स्थित बावड़ियों तथा भू जल संरचनाओं में पानी की आवक सुनिश्चित करने के लिए हवेलियों, बड़े भवनों तथा मैदानों के जल का उपयोग किया जाना चाहिए।
संभागीय आयुक्त को धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों के प्रतिनिधियों एवं धर्मगुरूओं ने जल स्वावलम्बन अभियान में तन मन धन सहित हर प्रकार से सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। नागौर के किनसरिया ग्राम स्थित श्री जोग माता कैवाय मन्दिर ट्रस्ट के द्वारा 2 लाख रूपयों की राशि देने का प्रस्ताव रखा। जय अम्बे सेवा समिति बजरंगगढ़ चैराहा के अध्यक्ष राजेश टण्डन ने शहर की एक बावड़ी के लिए खर्च हाने वाली राशि उपलब्ध करवाने का वायदा किया। इसी प्रकार राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम प्रतिनिधि ने जल स्वावलम्बन के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए लगभग 5 लाख व्यक्तियों तक संदेश पंहुचाने का संकल्प दोहराया। धाम प्रमुख द्वारा जल स्वावलम्बन के विषय में विभिन्न स्थानों पर प्रवचन देने के विषय पर भी चर्चा की गई। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जुड़े हुए दरगाह दीवान प्रतिनिधि एस.एन.चिश्ती, दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डाॅ. मौहम्मद आदिल, अन्जुमन सैयद जादगान के संयुक्त सचिव सैयद मुस्व्वीर हुसैन चिश्ती, अंजुमन यादगार के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद आरीफ चिश्ती ने अजमेर शहर के जल स्त्रोतों के लिए समस्त संसाधनों के साथ सहयोग करने के लिए रजामंदी दी। अखिल भारतीय श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ नारेली के प्रभारी श्री सुखांत ने तीर्थ क्षेत्रा में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान में आर्थिक सहयोग के लिए अलग से दान पात्रा रखने की व्यवस्था करवाने की जानकारी प्रदान की। इस दान पात्रा में श्रृद्धालूओं द्वारा डाली गई राशि जल स्वावलम्बन के खाते में स्थानान्तरित की जाएगी। पुष्कर स्थित ब्रह्मा मन्दिर के प्रतिनिधि अरूण पाराशर ने अवगत कराया की पुष्कर का नाम द्वितीय चरण में प्रस्तावित नहीं होने के बावजूद प्रशासन, स्थानीय ट्रस्टों तथा मन्दिरों के सहयोग से पुष्कर क्षेत्रा की समस्त बावड़ियों एवं तालाबों के जीर्णोंद्धार का कार्य हाथ लिया जाएगा।
इस अवसर पर अतिरक्त संभागीय आयुक्त के.के.शर्मा, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश बच्छानी, अजमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल राम मीना, स्थानीय निकाय विभाग की उपनिदेशक ज्योति ककवानी, टोंक जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश धाकड़, श्री गुरू सिंह सभा के सह सचिव जोगेन्द्र सिंह दुआ सहित जल स्वावलम्बन अभियान से जुड़े विभगों के अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा तथा नागौर के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षणार्थी आरपीएस का दल 4 अक्टूबर को आएगा अजमेर
अजमेर 29, सितम्बर। राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षणरत राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों का दल आगामी 4 अक्टूबर को अजमेर आएगा। यह दल 5 अक्टूबर को अजमेर में जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से मुलाकात के पश्चात अजमेर व पुष्कर का भ्रमण कर जयपुर के लिए रवाना हो जाएगा।
किनसरिया कैवाय माता ट्रस्ट ने दिए 2 लाख
नारेली तीर्थ क्षेत्रा में रखा जाएगा जल स्वावलम्बन का पृथक दान पात्रा
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम करेगा 5 लाख व्यक्तियों को अभियान के लिए जागरूक
अजमेर 29, सितम्बर। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना की अध्यक्षता में गुरूवार को मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की समीक्षा तथा द्वितीय चरण में अपेक्षित सहयोग के लिए धार्मिक संगठनों, ट्रस्टो तथा धर्मगुरूओं के साथ बैठक सम्पन्न हुई। इसमें किनसरिया के श्री जोग माता कैवाय माता मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भीकमचंद शर्मा ने ट्रस्ट के द्वारा अभियान में 2 लाख रूपयों का सहयोग प्रदान करने की घोषणा की। इसी प्रकार राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम के प्रतिनिधि पदमचंद जैन ने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के लिए लगभग 5 लाख व्यक्तियों को जागरूक करने के साथ ही हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने के लिए स्वीकृति जाहिर की।
संभागीय आयुक्त ने जल संरक्षण एवं जल भराव संरचनाओं की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन जन सहभागिता के साथ करने के लिए कहा। प्रत्येक स्थान पर जल की आवश्यकता तथा उपलब्धता के मध्य जल बजट बनाए जाना आवश्यक है। अभियान के दौरान जल संग्रह ढ़ाचों का उपयोग, पुर्नउद्धार तथा कायाकल्प किया जाना आवश्यक है। संभाग में अभियान के प्रथम चरण के दौरान 16 हजार 803 कार्य डीपीआर के दौरान प्रस्तावित किए गए थे। जिनमें से 16 हजार 33 कार्य पूर्ण हो गए है। इन पर 225 करोड़ रूपयों की अनुमानित लागत के स्थान तक लगभग 167 करोड़ की राशि व्यय कर कार्य सम्पन्न किए गए। प्रथम चरण में अजमेर जिले में प्रस्तावित 4 हजार 817 मे से 4 हजार 469, भीलवाड़ा जिले में प्रस्तावित समस्त 3 हजार 177, नागौर जिले में प्रस्तावित 6 हजार 493 मे से 6 हजार 71 तथा टोंक जिले में प्रस्तावित समस्त 2 हजार 316 कार्य पूर्ण किए गए। इस दौरान संभाग की 5 हजार 326 जल संरचनाओं पर 3 लाख 46 हजार 875 के लक्ष्य के मुकाबले 3 लाख 48 हजार 817 पौधे रोपित किए गए। प्रथम चरण के अधूरे कार्याें को पूर्ण करवाने के लिए भी निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में अजमेर जिले की 45 ग्राम पंचायतों के 108 गांवों, भीलवाड़ा की 80 ग्राम पंचायतों के 169 गांवों, नागौर की 42 ग्राम पंचायतों के 111 ग्रामों तथा टोंक की 32 ग्राम पंचायतों के 73 गांवों में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के कार्य किया जाना प्रस्तावित है। द्वितीय चरण के कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 30 सितम्बर तक आॅनलाइन अपलोड करने के लिए भी कहा। अभियान के दौरान प्रस्तावित कार्यों के प्रत्येक स्तर की माॅनिटरिंग वेपोइंट साॅफ्टवेयर के माध्यम से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के समस्त स्थानीय निकायों को 2019 तक मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत शामिल किया जाएगा। इसके द्वितीय चरण में 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। अजमेर संभाग के अजमेर, किशनगढ़, भीलवाड़ा, मकराना, टोक, नागौर तथा देवली को द्वितीय चरण में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। अजमेर नगर निगम क्षेत्रा में केला बावड़ी, आम तालाब बावड़ी, मलूसर बावड़ी बड़ी एवं छोटी, बडबावड़ी, कातन बावड़ी, डिगी तालाब तथा बांग बावड़ी एवं किशनगढ़ नगर परिषद क्षेत्रा की बड़ी हाथीखान बावड़ी, छोटी हाथीखान बावड़ी, सेठालाव भैरूजी के पास वाली बावड़ी, परासिया स्ट्रीट बावड़ी एवं मीरा बावड़ी को शामिल किया जाएगा। भीलवाड़ा नगर परिषद क्षेत्रा की सिंधु नगर बावड़ी,रामविहार बावड़ी, नियासंध की बावड़ी, बालाजी मन्दिर के पास की बावड़ी, गुलमंदी बावड़ी, बावड़ी के बालाजी की बावड़ी, सांगानेर पेट्रोल पम्प के पास की बावड़ी तथा ईदगाह की बावड़ी प्रस्तावित है। इसी प्रकार टोंक नगर परिषद क्षेत्रा की बहीर काॅलेज के अन्दर की बावड़ी, बहीर मस्जिद के बाहर बावड़ी, मदरलैण्ड स्कूल के पिछे की बावड़ी, हीरा चैक जैन नसियां के अन्दर बावड़ी, दरियाशाह की बावड़ी, चांद बावड़ी निवाई दरवाजा, चतुभुज तालाब नसियां बालाजी के अन्दर बावड़ी, पुरानी टोंक खारी बावड़ी, अग्निशमन केन्द्र के पास खोजा बावड़ी, हरिजन बस्ती स्टेडियम के पास बावड़ी, हरिजन बस्ती मस्जिद के पास बावड़ी तथा मछली मार्केट चैराहा बावड़ी एवं देवली की चिरंजीलाल की बावड़ी भी प्रस्तावित है। नागौर में मानासर के पास बावड़ी, भण्डारियों की बगीची की बावड़ी, रेगर बस्ती बडली की बाचड़ी, जड़ाव तालाब की बावड़ी तथा मैदान बावड़ी एवं मकराना की चारभुजा बावड़ी तथा झालरा बावड़ी को सम्मिलित किए जाने के प्रस्ताव भिजवाए गए है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत संभाग में बड़े सरकारी भवनों में रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग सिस्टम लगाकर रिचार्ज संरचनाएं विकसित की जाएगी। नगर निगम अजमेर द्वारा निगम क्षेत्राधिकार में बावड़ियों का जिर्णोद्धार कार्य, पार्कों तथा निजी भवनों पर भी रैन वाॅटर हाॅरवेस्टिंग स्ट्रक्चर तथा परकोलेशन पीट बनाए जाएंगे। नगर परिषद किशनगढ़ द्वारा पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का पुर्नउद्धार करवाया जाएगा। नगरीय क्षेत्रा में प्रति 10 हैक्टेयर क्षेत्राफल में आवश्यकता अनुसार परकोलेशन पीट निर्मित किए जाएंगे। वृक्षारोपण द्वारा शहरी वानिकी को बढ़ावा दिया जाएगा। कृत्रिम भूजल पुर्नभरण संरचनाओं का निर्माण करने के साथ ही पेयजल स्त्रोंतों का सृढृढ़ीकरण किया जाएगा। शहर के प्राचीन जलाशयों को गहरा किया जाएगा। सिवरेज पानी को रिसाइकिल कर पुन उपयोग में लाने के प्रयास किए जाएंगे। भीलवाड़ा में जल स्त्रोंतों का चिन्हिकरण कर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। टांेक में भी प्राचीन जल स्त्रोंतों का जिर्णोंद्धार किया जाएगा। नगर पालिका क्षेत्रा देवली में स्थित जिर्णे क्षिर्ण प्राचीन जल स्त्रोंतों का जिर्णोंद्धार किया जाएगा। नागौर तथा मकराना में प्रस्तावित जल स्त्रोंतों के पुर्नउद्धार का कार्य हाथ में लिया जाएगा। नागौर की जड़ा बावड़ी के लिए लगभग 21 लाख की राशि का कार्यादेश दिया जा चुका है।
बैठक में कुचामन की झाव बावड़ी में जल संरक्षण के किए गए कार्यों पर भी चर्चा की गई तथा उस माॅडल के अनुसार शहरी क्षेत्रा में स्थित बावड़ियों तथा भू जल संरचनाओं में पानी की आवक सुनिश्चित करने के लिए हवेलियों, बड़े भवनों तथा मैदानों के जल का उपयोग किया जाना चाहिए।
संभागीय आयुक्त को धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों के प्रतिनिधियों एवं धर्मगुरूओं ने जल स्वावलम्बन अभियान में तन मन धन सहित हर प्रकार से सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। नागौर के किनसरिया ग्राम स्थित श्री जोग माता कैवाय मन्दिर ट्रस्ट के द्वारा 2 लाख रूपयों की राशि देने का प्रस्ताव रखा। जय अम्बे सेवा समिति बजरंगगढ़ चैराहा के अध्यक्ष राजेश टण्डन ने शहर की एक बावड़ी के लिए खर्च हाने वाली राशि उपलब्ध करवाने का वायदा किया। इसी प्रकार राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम प्रतिनिधि ने जल स्वावलम्बन के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए लगभग 5 लाख व्यक्तियों तक संदेश पंहुचाने का संकल्प दोहराया। धाम प्रमुख द्वारा जल स्वावलम्बन के विषय में विभिन्न स्थानों पर प्रवचन देने के विषय पर भी चर्चा की गई। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जुड़े हुए दरगाह दीवान प्रतिनिधि एस.एन.चिश्ती, दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डाॅ. मौहम्मद आदिल, अन्जुमन सैयद जादगान के संयुक्त सचिव सैयद मुस्व्वीर हुसैन चिश्ती, अंजुमन यादगार के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद आरीफ चिश्ती ने अजमेर शहर के जल स्त्रोतों के लिए समस्त संसाधनों के साथ सहयोग करने के लिए रजामंदी दी। अखिल भारतीय श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ नारेली के प्रभारी श्री सुखांत ने तीर्थ क्षेत्रा में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान में आर्थिक सहयोग के लिए अलग से दान पात्रा रखने की व्यवस्था करवाने की जानकारी प्रदान की। इस दान पात्रा में श्रृद्धालूओं द्वारा डाली गई राशि जल स्वावलम्बन के खाते में स्थानान्तरित की जाएगी। पुष्कर स्थित ब्रह्मा मन्दिर के प्रतिनिधि अरूण पाराशर ने अवगत कराया की पुष्कर का नाम द्वितीय चरण में प्रस्तावित नहीं होने के बावजूद प्रशासन, स्थानीय ट्रस्टों तथा मन्दिरों के सहयोग से पुष्कर क्षेत्रा की समस्त बावड़ियों एवं तालाबों के जीर्णोंद्धार का कार्य हाथ लिया जाएगा।
इस अवसर पर अतिरक्त संभागीय आयुक्त के.के.शर्मा, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश बच्छानी, अजमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल राम मीना, स्थानीय निकाय विभाग की उपनिदेशक ज्योति ककवानी, टोंक जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश धाकड़, श्री गुरू सिंह सभा के सह सचिव जोगेन्द्र सिंह दुआ सहित जल स्वावलम्बन अभियान से जुड़े विभगों के अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा तथा नागौर के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षणार्थी आरपीएस का दल 4 अक्टूबर को आएगा अजमेर
अजमेर 29, सितम्बर। राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षणरत राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों का दल आगामी 4 अक्टूबर को अजमेर आएगा। यह दल 5 अक्टूबर को अजमेर में जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से मुलाकात के पश्चात अजमेर व पुष्कर का भ्रमण कर जयपुर के लिए रवाना हो जाएगा।
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